कैंसर, जिसका नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के होश फाख्ता हो जाते हैं, इससे दुनिया भर में लाखों लोग ग्रसित हैं। इनमें से हर साल कुछ अपनी जान खो बैठते हैं, वहीं कुछ लोगों की किस्मत उनका साथ देती है और वे किसी तरह इस बीमारी को हरा पाने में कामयाब हो जाते हैं। नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की मानें तो साल 2020 में कैंसर (cancer) के 40 हजार से भी ज्यादा केसेस मिले हैं। जाहिर है कैंसर एक बड़ी चुनौती में तब्दील होता दिखाई दे रहा है। जहां पूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) के मामले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं, वहीं पुरुषों में कैंसर की ओर आम तौर पर किसी का ध्यान नहीं जाता।
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पुरुष अपनी सेहत को लेकर उतने सजग नहीं होते, जितना उन्हें होना चाहिए। यही वजह है कि कैंसर जैसी बीमारी के शुरूआती लक्षणों (symptoms of cancer) को वे नजर अंदाज कर देते हैं। इससे न सिर्फ ये बीमारी उनके शरीर को अपना घर बना लेती है, बल्कि वे इससे बचने का मौका भी खो देते हैं। कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो। इसलिए आज हम आपको पुरुषों में कैंसर के कुछ ऐसे प्रकारों की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपको जरूर जानकारी होनी चाहिए।
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पुरुषों में कैंसर (Cancer in men): प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) है एक गंभीर समस्या
अमेरिकन कैंसर सोसायटी में छपी एक स्टडी के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होनेवाला एक आम कैंसर है। इसका खतरा पुरुषों में उम्र के बढ़ने के साथ ही बढ़ता चला जाता है। आम तौर पर 65 की उम्र के आसपास लोगों में इस कैंसर का पता चलता है। साथ ही अगर व्यक्ति के परिवार में प्रोस्टेट कैंसर की हिस्ट्री रही हो, तो उन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer), पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि में होता है, जो अखरोट के आकार की होती है। ये ग्रंथि स्पर्म बनाने का काम करती है। प्रोस्टेट कैंसर बहुत तेजी से फैलता है और प्रोस्टेट के आसपास के अंगों को भी अपना शिकार बना लेता है।
प्रोस्टेट कैंसर में पेशाब करने में परेशानी, पेशाब का फ्लो कम हो जाना, स्पर्म में ब्लड आना, पेल्विक एरिया में दर्द और इरेक्टाइल डिसफंक्शनिंग (erectile dysfunction) जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
पुरुषों में कैंसर: लंग कैंसर (Lung Cancer) से बचाव जरूरी
जैसा कि सभी जानते हैं आज के दौर में स्मोकिंग एक आम लाइफस्टाइल चॉइस बन गई है। ये एक ऐसा व्यसन है, जो व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में लेता है और फिर इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। इन्ही आदतों के चलते पुरुषों में लंग कैंसर की समस्या देखी जा सकती है। लंग कैंसर (lung cancer) लंग में अचानक से कोशिकाएं डिवाइड होना शुरू हो जाती हैं तो इस कारण से ट्यूमर बन जाता है। जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में समस्या होने लगती है। अगर व्यक्ति का सही समय पर इलाज हो जाए तो इस समस्या से निपटा जा सकता है। कैंसर ऐसी बीमारी है जो शरीर में धीरे-धीरे फैलती है और इसके लक्षणों का अक्सर देरी से ही पता चलता है। लंग कैंसर के साथ भी ऐसा ही होता है। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान देना और भी जरूरी बन जाता है।
लंग कैंसर के लक्षणों में भूख कम लगना, लिम्फ नोड्स में सूजन, किसी व्यक्ति की आवाज में बदलाव आ जाना, आवाज का बैठ जाना, चेस्ट में ब्रोंकाइटिस या निमोनिया की समस्या हो जाना, खांसी की समस्या हो जाना, सांस आने में समस्या होना, बिना किसी कारण के सिरदर्द महसूस होना, अचानक वजन घट जाना, सांस लेने के दौरान घरघराहट महसूस होना आदि देखे जा सकते हैं।
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पुरुषों में कैंसर : कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) के लक्षणों को न करें अनदेखा
कोलोरेक्टल कैंसर कोलोन या रेक्टम से शुरू होता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, 22 पुरुषों में 1 और 24 महिलाओं में से 1 को कोलोरेक्टल कैंसर होता है। ये कैंसर कई कारणों के चलते हो सकता है, जिसमें मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी, रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन, शराब का ज्यादा सेवन, स्मोकिंग, वृद्धावस्था या कोलोरेक्टल कैंसर की पारिवारिक हिस्ट्री आदि कारण देखे गए हैं। यदि समय पर कोलोरेक्टल कैंसर की जांच करवा ली जाए, तो इसे फैलने से रोका जा सकता है। जिससे इसका इलाज संभव हो सकता है।
कोलोरेक्टल कैंसर होने पर कई लक्षणों को आम तौर पर देखा जाता है, जिसमें दस्त, कब्ज, स्टूल में खून, पेट दर्द, पेट में सूजन, उल्टी, थकान, वजन कम होना, पेट में एक गांठ, एनीमिया, आदि लक्षण देखे जा सकते हैं।
पुरुषों में कैंसर : ब्लैडर कैंसर (Bladder cancer) को समय पर डायग्नोज करना है जरूरी
ब्लैडर कैंसर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक देखा जाता है। इसे पित्त का कैंसर भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत ब्लैडर से होती है और ये धीरे-धीरे अन्य अंगों तक फैलने लगता है। यदि शुरुआती स्टेज में इसे पता लगा लिया जाए, तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। लेकिन ज्यादातर ब्लैडर कैंसर के बारे में आखिरी स्टेज में मालूम होता है, जब इसका इलाज बेहद मुश्किल होता है। ब्लैडर कैंसर का पता लगाना भी बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि ज्यादातर इसके किसी तरह के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं।
इंडियन पापुलेशन डेमोंस्ट्रेटेस (Indian population demonstrates) के आंकड़ों के मुताबिक ब्लैडर के कैंसर के सबसे अधिक मामले उत्तर और पूर्वी भारत में पाए जाते हैं। दी नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम ऑफ इंडिया (The National Cancer Registry Programme of India) से यह सामने आया है कि उत्तरी भारत में 1 लाख पुरुषों में से 4.5 पुरुष ब्लैडर के कैंसर से ग्रसित होते हैं। जबकि महिलाओं में ये आंकड़े और अधिक बढ़ कर 1 लाख में 10.1 हो जाते हैं।
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ब्लैडर के कैंसर के लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना (Pain above the stomach area), पीलिया (Jaundice), बुखार (Fever), जी मिचलाना और उल्टी (Nausea and vomiting), सूजन, पेट में गांठ (Abdominal lumps), पेशाब का गहरा रंग (Dark urine), वजन घटना (Weight loss) आदि लक्षण देखे गए हैं।
पुरुषों में कैंसर : स्किन कैंसर (skin cancer), एक गंभीर समस्या
स्किन कैंसर वैसे तो किसी को भी हो सकता है, लेकिन गहरे रंगी की स्किनवाले लोगों की अपेक्षा गोरे लोगों में यह कैंसर आसानी से होता हुआ दिखाई दिया है। ये कैंसर सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों में एक्सपोजर के कारण होता है। साथ ही ये मैन मेड इक्विपमेंट, जैसे टैनिंग बैड आदि के इस्तेमाल से भी हो सकता है। स्किन के कैंसर में से एक मैलिनोमा पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है।
स्किन कैंसर के लक्षणों में कई लक्षण देखे जा सकते हैं, जिसमें शरीर में मौजूद किसी, तिल का बड़ा होना, तिल के रंग का बदलना, तिल का टूटना और खून बहना, सांस लेने में दिक्कत होना, हड्डियों में दर्द होना, सिरदर्द, सीजर, देखने में परेशानी होना, इत्यादि आम तौर पर देखे जा सकते हैं।
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क्योंकि बचाव भी है जरूरी!
ये थे पुरुषों में होनेवाले कैंसर के कुछ प्रकार, जिनका समय पर इलाज करवाना बेहद जरूरी माना जाता है। यदि शुरूआती स्टेज पर इन कैंसर का डायग्नोज करके इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसके ठीक होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। लेकिन कहते हैं न इलाज से बेहतर बचाव है। इसलिए पुरुषों को इन कैंसर से बचने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है।
- तम्बाकू, धूम्रपान और शराब से आपको दूरी बना लेनी चाहिए। ये सभी चीजें आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित होते हैं और इससे आगे चल कर कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
- वजन कई गंभीर बिमारियों को न्योता दे सकता है। इसमें से एक कैंसर भी है। इसलिए आपको वजन को नियंत्रित रखना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आपकी एक एक्टिव लाइफ जिएं। रोजाना एक्सरसाइज कर, आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं और वजन भी नियंत्रित रख सकते हैं।
- एक्सरसाइज के साथ ही जरूरी है सही आहार लेना। सही डायट के साथ आप कैंसर जैसी बीमारी से खुद का बचाव कर सकते हैं। खाने में फल, सब्जियां, साबुत अनाज इत्यादि को जोड़ें और साथ ही रेड और प्रोसेस्ड फूड आयटम्स से दूरी बनाएं।
- खुद को सूरज की तेज रौशनी से बचाएं।
- कैंसर को लेकर अपनी पारिवारिक हिस्ट्री का पता लगाएं और इससे अपने लिए होनेवाले रिस्क फैक्टर को लेकर जानकारी हसिल करें।
- समय-समय पर डॉक्टर से चेक अप और स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं।
इस तरह इन उपायों को अपना कर आप कैंसर से बच सकते हैं और एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।