स्किन कैंसर (Skin Cancer) स्किन सेल्स की असामान्य ग्रोथ है। ये आमतौर पर वहां पर होती है जहां स्किन सूरज के प्रकाश के संपर्क में अधिक आती है, लेकिन ये स्किन के दूसरे हिस्सों में भी हो सकता है। स्किन कैंसर के मुख्य तीन प्रकार हैं। बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वामस सेल कार्सिनोम (Basal cell carcinoma), (Squamous cell carcinoma) और मेलानोमा (Melanoma)। स्किन कैंसर के अर्ली डिटेक्शन से इसके इलाज के सफल होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस लेख में हम स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy for skin cancer) के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy for skin cancer)
कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरिपी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रेडियोथेरिपी में हाय एनर्जी एक्स रेज का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है। दो प्रकार की रेडियोथेरिपी होती हैं एक्सर्टनल और इनर्टनल रेडियोथेरिपी। एक्सटर्नल बीम रेडियोथेरिपी में रेडियोथेरिपी बीम्स का उपयोग कैंसर पर मशीन के द्वारा किया जाता है। यह इंटरर्नल रेडियोथेरिपी से अलग है जिसमें रेडियोथेरिपी बॉडी के अंदर कैंसर पर किया जाता है।
आमतौर पर एक्सर्टनल रेडियोथेरिपी का उपयोग नॉन मेलानोमा स्किन कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। कुछ मामलों में डॉक्टर इंटरर्नल थेरिपी का उपयोग भी कर सकते हैं।
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स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी कब दी जाती है? (When is radiation therapy given for skin cancer?)
अगर ट्यूमर बहुत बढ़ा है या यह स्किन के ऐसे हिस्से पर है जहां से इसको सर्जरी से निकालना संभव नहीं है, तो रेडिएशन थेरिपी को मुख्य ट्रीटमेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy for skin cancer) का उपयोग ऐसे मरीजों के इलाज के लिए भी किया जाता है जो सर्जरी नहीं करवा सकते हैं। स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी अक्सर स्मॉल बेसल या स्क्वॉमस सेल स्किन कैंसर से बचाव प्रदान करती हैं वहीं यह एडवांस्ड कैंसर की ग्रोथ को धीमा कर सकती है।
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स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी और अन्य ट्रीटमेंट का कॉब्निनेशन
स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy for skin cancer) का उपयोग अन्य ट्रीटमेंट के साथ भी किया जाता है। उदाहरण के लिए रेडिएशन थेरिपी का उपयोग सर्जरी के बाद एडिशनल ट्रीटमेंट के तौर पर भी किया जाता है। जो कि बची हुई कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करती है जो सर्जरी में विजिबल नहीं थी। इससे सर्जरी के बाद कैंसर के वापस आने का रिस्क कम हो जाता है। स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी तब भी उपयोगी होती है जब कैंसर लिम्फ नोड्स या दूसरे अंगों तक फैल चुका हो।
रेडिएशन थेरिपी कैसे दी जाती है? (How is radiation therapy given?)
जब रेडिएशन थेरिपी का उपयोग स्किन कैंसर के लिए किया जाता है तो रेडिएशन को बाहर से ट्यूमर के ऊपर फोकस किया जाता है। इसमें लो एनर्जी एक्स रे बीम या इलेक्ट्रॉन्स का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के रेडिएशन स्किन के अंदर बहुत गहराई तक नहीं जाते हैं। इससे शरीर के दूसरे अंगों और बॉडी टिशूज को नुकसान होने का खतरा कम होता है।
रेडिएशन थेरिपी प्राप्त करना एक्स रे की तरह होता है, लेकिन रेडिएशन काफी स्ट्रॉन्ग होते हैं और ये मुख्य रूप से कैंसर पर फोकस किए जाते हैं। यह प्रॉसेस पेनलेस होती है। हर ट्रीटमेंट कुछ मिनिटों में पूरा हो जाता है। हालांकि पूरी प्रक्रिया को संपन्न होने में काफी समय लगता है।
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स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy for skin cancer) कितनी बार दी जाती है?
रेडिएशन थेरिपी ट्रीटमेंट शुरू होने से पहले प्लानिंग की जाती है। जिसमें रेडियोथेरिपी का डोज और कहां पर इसकी जरूरत है निर्धारित किया जाता है। हॉस्पिटल के रेडियोथेरिपी डिपार्टमेंट में यह थेरिपी दी जाती है। ट्रीटमेंट कितनी बार दिया जाएगा यह कैंसर के प्रकार और यह कितना फैल चुका है इसके आधार पर निर्धारित किया जाता है।
आमतौर पर दिन में एक बार सोमवार से शुक्रवार तक रेडियोथेरिपी दी जाती है और सप्ताह के अंत में आराम करना होता है। ट्रीटमेंट 1 से 6 सप्ताह तक दिया जाता है। बुजुर्ग और कमजोर बुजुर्गों को रेडियोथेरिपी ट्रीटमेंट कम बार दिया जाता है। उन्हें रोज यह ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है। कुछ ट्रीटमेंट हफ्ते में एक बार या दो से तीन बार दिए जाते हैं। कुछ लोगों को रेडियोथेरिपी ट्रीटमेंट एक बार ही दिया जाता है। डॉक्टर मरीज के स्थिति के अनुसार ट्रीटमेंट प्लान निर्धारित करता है।
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प्रॉसीजर के दौरान क्या होता है? (Process of radiation therapy)
जब उपचार होता है तो मरीज रेडियोथेरेपी महसूस नहीं कर सकता लेकिन मशीन से सीटी और बीप जैसी आवाज निकलती है जिसका अनुभव किया जा सकता है। यह त्वचा को भी धीरे से छूएगा ताकि आपको हल्का दबाव महसूस हो, लेकिन यह चोट नहीं पहुंचाएगा।
क्योंकि मरीज की स्थिति इतनी महत्वपूर्ण है, रेडियोग्राफरों को मरीज को तैयार करने में थोड़ा समय लग सकता है। उन्हें शील्ड या सांचे को सही स्थिति में रखना होता है। वे इमेज (एक्स-रे या स्कैन) भी ले सकते हैं। मरीज इस दौरान जितना हो सके आराम करने की कोशिश करके मदद कर सकते हैं।
एक बार जब मरीज सही पॉजिशन में होते हैं तो रेडियोग्राफर मरीज को कमरे में अकेला छोड़ देते हैं। ऐसा इसलिए है कि वे विकिरण के संपर्क में नहीं आते हैं। मरीज कुछ मिनटों से लेकर 15 मिनट तक अकेले रहेंगे।
रेडियोग्राफर मरीज को अगले कमरे में क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) स्क्रीन पर हर समय देख और सुन सकते हैं। वे मरीज से एक इंटरकॉम पर बात कर सकते हैं और आपसे कभी-कभी अपनी सांस रोककर रखने या धीमे-धीमे सांस लेने के लिए कह सकते हैं। मरीज इंटरकॉम के जरिए भी उनसे बात कर सकते हैं या अगर आपको रुकने की जरूरत है या आप असहज हैं तो अपना हाथ उठा सकते हैं।
स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी के साइड इफेक्ट्स (Side effects of radiation therapy)
रेडिएशन के साइड इफेक्ट्स आमतौर पर उस हिस्से तक सीमित होते हैं जहां पर रेडिएशन दिया जाता है। जिसमें निम्न शामिल हो सकते हैं।
- त्वचा में जलन, लालिमा से लेकर फफोले पड़ना और त्वचा का छिलना
- त्वचा के रंग में परिवर्तन
- इलाज के क्षेत्र में बालों का झड़ना
- इन संरचनाओं के पास कैंसर का इलाज करते समय लार बनाने वाली ग्रंथियों और दांतों को नुकसान
लंबे समय तक उपचार के साथ, ये दुष्प्रभाव और खराब हो सकते हैं।
कई वर्षों के बाद, कभी-कभी नए त्वचा कैंसर उन क्षेत्रों में विकसित होते हैं जिनका पहले रेडिएशन थेरिपी के द्वारा उपचार किया जाता था। इस कारण से, आमतौर पर युवा लोगों में स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी का उपयोग नहीं किया जाता है। कुछ विरासत में मिली स्थितियों (जैसे बेसल सेल नेवस सिंड्रोम या एक्सरोडर्मा पिगमेंटोसम) वाले लोगों के लिए रेडिएशन की सिफारिश नहीं की जाती है, जो नए कैंसर के लिए उच्च जोखिम में हो सकते हैं।
इसके साथ ही कनेक्टिव टिशू डिजीज (जैसे ल्यूपस या स्क्लेरोडर्मा) वाले लोगों के लिए भी रेडिएशन थेरिपी रिकमंड नहीं की जाती है क्योंकि रेडिएशन इनकी स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको स्किन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy for skin cancer) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।