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Endoscopic mucosal resection: एब्नार्मल टिश्यूज को रिमूव करने के लिए किस तरह से इस्तेमाल होता है इएमआर?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/05/2022

    Endoscopic mucosal resection: एब्नार्मल टिश्यूज को रिमूव करने के लिए किस तरह से इस्तेमाल होता है इएमआर?

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) को इएमआर (EMR) भी कहा जाता है। यह वो प्रोसीजर है जिसका इस्तेमाल डायजेस्टिव लायनिंग से एब्नार्मल टिश्यूज को रिमूव या रिसेट करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया से प्रीकैंसरस, अर्ली स्टेज कैंसर और डायजेस्टिव ट्रैक्ट से अन्य एब्नार्मल टिश्यूज को रिमूव किया जा सकता है। एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) को एक लंबे और तंग ट्यूब के माध्यम से किया जाता है जिसमें लाइट, वीडियो कैमरा और अन्य इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं। आज हम इसी प्रोसीजर के बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं। आइए जानें क्या है एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन और किस तरह से करता है यह काम?

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) किसे कहा जाता है?

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन यानी इएमआर (EMR) एक मिनिमल इनवेसिव प्रोसीजर है, जिसके माध्यम से रोगी के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से जख्म (lesion) को बिना एक्चुअल ऑर्गन को रिमूव किए बिना निकाला जाता है। इससे रोगी को अपने जीवन की गुणवत्ता को मेंटेन रखने में मदद मिलती है। अगर बात की जाए गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की, तो यह वो पैसेजवे है जिसके माध्यम से फूड मुंह से एनस तक ट्रेवल करता है। इस ट्रैक्ट में अन्नप्रणाली, पेट, स्मॉल बॉवेल और कोलन शामिल है।

    अन्नप्रणाली और गेस्ट्रिक कैंसरस वो कंडिशंस हैं जिसमें कैंसरस ट्यूमर अन्नप्रणाली या पेट की कोशिकाओं में परिवर्तन (डिसप्लासिया) की एक सीरीज के माध्यम से विकसित होते हैं। इनके उपचार में एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) यानी इएमआर (EMR), एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन (Endoscopic submucosal dissection), कीमोथेरेपी (Chemotherapy), कॉम्बिनेशन थेरेपी (Combination therapy) आदि शामिल है। अब जाते हैं कि एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) का इस्तेमाल अन्नप्रणाली और गैस्ट्रिक कैंसर के उपचार में कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

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    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) का प्रयोग कैसे किया जाता है?

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) प्रोसीजर को एंडोस्कोप के साथ किया जाता है, जो एक लॉन्ग, थिन, फ्लेक्सिबल इंस्ट्रूमेंट है जिसका डायमीटर लगभग आधा इंच होता है। इस एंडोस्कोप को रोगी के मुंह के माध्यम से पास किया जाता है। एंडोस्कोप के माध्यम से, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के लुमेन (Lumen) यानी खोखले स्थान में घाव को लिफ्ट करने के लिए उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जिसमें घाव के नीचे तरल पदार्थ इंजेक्ट करने जैसी तकनीकें इस्तेमाल होती हैं। इसके बाद इन जख्म को कट कर दिया जाता है।

    डॉक्टर एंडोस्कोप के माध्यम से और मुंह से ट्यूमर को निकाल देते हैं। 2 सेमी या उससे कम आकार के घावों के लिए इएमआर को प्रभावी माना जाता है। अब जानिए कि कैसे हो सकते हैं आप इस प्रोसीजर के लिए तैयार?

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    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) की तैयारी कैसे संभव है?

    इस प्रोसीजर से पहले रोगी को कुछ इंफॉर्मेशंस देने के लिए कहा जाएगा जैसे:

    • जो दवाइयां वो ले रहे हैं। इनमें ओवर-द-काउंटर और डायटरी सप्लीमेंट्स शामिल हैं।
    • ड्रग एलर्जीज
    • सभी मेडिकल कंडिशंस जिसमें हार्ट डिजीज, लंग डिजीज, डायबिटीज आदि शामिल है।

    डॉक्टर रोगी को कुछ दवाईयों को टेम्परेरली लेना बंद कर करने को कह सकते हैं, जिसमें वो दवाइयां शामिल हैं, जो ब्लड क्लॉटिंग को प्रभावित कर सकती हैं। प्रोसीजर से पहले डॉक्टर आपको कुछ रिटन इंस्ट्रक्शंस भी दे सकते हैं। यह इंस्ट्रक्शन इस प्रकार हो सकती हैं:

    • रोगी को एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन यानी इएमआर (EMR)  से पहले फास्टिंग की सलाह दी जाती है। अगर प्रोसीजर में कोलन इन्वॉल्व है, तो डॉक्टर आपको उसे साफ करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए आपको लिक्विड लैक्सटिव या अन्य किसी ओवर-द-काउंटर दवा के लिए कहा जा सकता है।
    • रोगी को कंसेंट डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर के लिए भी कहा जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको इस प्रक्रिया से जुड़ी सभी अन्य सभी जरूरी चीजों को भी समझा देंगे। अब जानिए कि इस प्रोसीजर से पहले किन चीजों का ध्यान रखें?

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    इस प्रोसीजर से पहले इन चीजों का रखें ध्यान

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) यानी इएमआर (EMR) के दौरान रोगी को प्रोसीजर से पहले गाउन पहनने के लिए कहा जाता है। रोगी को एक टेबल के साइड पर लेटने के लिए कहा जाता है। अगर एंडोस्कोप को गले के माध्यम से इंसर्ट किया जाना हो, तो रोगी को गरारे करने के लिए कहा जा सकता ताकि गला नंब हो और एंडोस्कोप को अधिक आराम से इंसर्ट किया जा सके। इस प्रोसीजर के दौरान रोगी को बेहोश किया जाता है। इसके बारे में डॉक्टर से बात अवश्य करें। यही नहीं, प्रोसीजर से पहले डॉक्टर रोगी के हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, ब्लड ऑक्सीजन लेवल आदि को भी जांचा जाता है। अब जानते हैं कि इस प्रोसीजर को कैसे किया जाता है?

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन, Endoscopic mucosal resection.

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    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) को कैसे किया जाता है?

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) के कुछ वर्जन हो सकते हैं। इसलिए पहले ही जान लें कि आपके लिए किस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। आमतौर पर इस प्रोसीजर को इस प्रकार किया जाता है:

    • एंडोस्कोप इंसर्ट किया जाता है और इसकी टिप को प्रभावित स्थान के लिए गाइड किया जाता है।
    • जख्म के नीचे फ्लूइड को इंजेक्ट किया जाता है। ताकि, जख्म और इसके नीचे के हेल्दी टिश्यू के बीच कुशन बनाया जा सके।
    • घाव को लिफ्ट किया जाता है, जो अधिकतर जेंटल सक्शन के माध्यम से किया जाता है।
    • जख्म को आसपास के हेल्दी टिश्यू से अलग करने के लिए काटा जाता है।
    • शरीर से एब्नार्मल टिश्यू को रिमूव कर दिया जाता है।
    • इस एरिया को मार्क किया जाता है ताकि भविष्य में एंडोस्कोपिक टेस्ट के लिए इसे पहचाना जा सके।

    आपको प्रोसीजर के बाद तब तक रिकवरी रूम में रखा जाएगा, जब तक कि सेडेटिव का अधिकांश प्रभाव समाप्त नहीं हो जाता। रोगी को इस बारे में लिखित निर्देश प्राप्त होंगे कि वो कब खाना-पीना शुरू कर सकते हैं और कब अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं। जो माइल्ड साइड इफेक्ट्स इस प्रोसीजर के 24 घंटे के बाद रोगी को प्रभावित कर सकते हैं, उनके बारे में भी जान लेते हैं।

    एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) के साइड इफेक्ट्स

    इस प्रक्रिया के बाद कुछ लोग हल्के यानी माइल्ड साइड-इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    • सेडेटिव का रिएक्शन : रोगी इस प्रोसीजर के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना या उल्टी जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं।
    • सोर थ्रोट: अगर एंडोस्कोप को अन्नप्रणाली में इस्तेमाल किया हो, तो गले में समस्या आ सकती है।
    • गैस या क्रेम्प्स: यदि रोगी के डायजेस्टिव सिस्टम को अधिक सुगम बनाने के लिए हवा को पंप किया गया था, तो प्रक्रिया के बाद उसे गैस, सूजन या ऐंठन हो सकती है।

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    यह तो थे माइल्ड रिस्क लेकिन इसके कुछ गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं, जो इस प्रकार हैं:

    इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर कि सलाह लेना जरूरी है। एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन (Endoscopic mucosal resection) यानी इएमआर (EMR) से जुड़े कुछ अन्य रिस्क इस प्रकार हैं:

    • ब्लीडिंग (Bleeding): इस सबसे आम रिस्क का है ब्लीडिंग जिसे प्रोसीजर के दौरान डिटेक्ट किया जा सकता है
    • अन्नप्रणाली का तंग होना (Narrowing of esophagus): घाव को रिमूव करना अन्नप्रणाली में रिस्क का कारण बन सकता है, जिससे अन्नप्रणाली तंग हो सकती है। इस स्थिति में और उपचार की जरूरत हो सकती है।

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    यह तो थी एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन यानी इएमआर (EMR) के बारे में जानकारी। आमतौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए कि रोगी का पूरा जख्म रिमूव गया है, इस प्रक्रिया के 3 से 12 महीने बाद एक फॉलो-अप टेस्ट किया जाता है। इसके परिणामों के आधार पर, डॉक्टर रोगी को आगे टेस्ट्स की सलाह देंगे। इस टेस्ट के लिए एंडोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। इसके माध्यम से जख्म को रिमूव कर दिया जाता है। इस टेस्ट से होने वाले रिस्क फैक्टर्स बेहद मामूली होते हैं। अगर इससे सम्बन्धित आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।

    डिस्क्लेमर

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