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Exclusive interview : डॉक्टर ने कहा, 'सावधान हो जाइए, सीमित मात्रा में ही है भारत के पास मेडिकल फैसिलिटी

Exclusive interview : डॉक्टर ने कहा, 'सावधान हो जाइए, सीमित मात्रा में ही है भारत के पास मेडिकल फैसिलिटी

लखनऊ में कोरोना पेशेंट का ट्रीटमेंट कर रहीं डॉ. रिशा सक्सेना (एमबीबीएस, एमडी) ने लोगों को सावधान रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना के केस वाकई हम सब के लिए चिंता का विषय है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी की डॉ. रिशा सक्सेना अब तक 22 कोरोना पेशेंट का ट्रीटमेंट कर चुकी हैं। साथ ही 12 लोगों को अब तक ठीक किया जा चुका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि किसी भी मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत नहीं पड़ी। आपको बताते चलें कि 5 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 276 पेशेंट थे। डॉ. रिशा सक्सेना  कहती हैं कि भारत की जितनी पॉपुलेशन है, उसके हिसाब से भारत में मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है। कुछ लोगों की लापरवाही, देश को बड़े संकट में डाल सकती है। एक डॉक्टर कैसे दिन-रात कोरोना पेशेंट का इलाज करता है और साथ ही किस तरह से पेशेंट को डील किया जाता है, इन सभी बातों और कोरोना पर डॉक्टर की राय जानने के लिए हैलो स्वास्थ्य ने डॉ. रिशा सक्सेना से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू  लिया।

कोरोना पर डॉक्टर की राय जानिए

कोरोना पर डॉक्टर की राय जानना देशवासियों के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपके मन में भी प्रश्न है कि कोरोना पेशेंट को कैसे डील किया जाता है, डॉक्टर्स को किन प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ता है, या फिर डॉक्टर कैसे खुद का ख्याल रख रहे हैं तो आपको ये इंटरव्यू जरूर पढ़ना चाहिए। जानिए क्या है कोरोना पर डॉक्टर की राय।

सवाल – क्या डॉक्टर्स के पास पर्याप्त मात्रा में PPE या N-95 मास्क उपलब्ध नहीं हैं ?

डॉ. रिशा सक्सेना इस सवाल का जवाब देते हुए कहती हैं कि पीपीई (Personal protective equipment) और मास्क वाली बात को कई जगहों पर बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। पीपीई की सुविधा सभी डॉक्टर्स को नहीं दी जा सकती है। जो डॉक्टर पेशेंट का इलाज कर रहे हैं या फिर पेशेंट के सामने जा रहे हैं, उन्हीं को पीपीई की जरूरत है। हमारे पास पेशेंट बहुत ज्यादा है। हर पेशेंट के लिए एक पीपीई की व्यवस्था नहीं की जा सकती है। पेशेंट की टेस्टिंग के दौरान पीपीई देने की सुविधा नहीं है क्योंकि सरकार के पास न तो इतना पैसा है और न ही सुविधा की वो सभी को पीपीई उपलब्ध करा सके। इस बात को लोगों को समझना होगा कि सभी के लिए पीपीई की उपलब्धता संभव नहीं है। आगे कि स्थिति डॉक्टर्स के साथ ही पेशेंट के लिए भी विकराल है।

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सवाल – इन मुश्किल हालातों में डॉक्टर्स खुद को कैसे प्रिपेयर कर रहे हैं ?

पेशेंट को देखना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम ही महामारी से डर जाएंगे तो भला कौन लड़ेगा इससे। कई ऐसे केस सामने आ रहे हैं जहां डॉक्टर्स ही संक्रमित हो रहे हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनके पास कम मात्रा में सुरक्षा के संसाधन थे। ऐसे में मन में एक बात खटकती है कि अगर हम डॉक्टर्स वायरस से एक्सपोज हो गए तो सभी को कठिन हालातों का सामना करना पड़ जाएगा। इसे सरकार की नाकामी ही कहा जाएगा। डॉक्टर्स पूरी तरह से तैयार हैं क्योंकि ये हमारी ड्यूटी है। बाकी देश के सभी नागरिकों को भी जिम्मेदार बनना होगा और खुद को संक्रमण से बचाने के लिए सावधानी रखनी होगी

सवाल- फिलहाल सिंगर कनिका कपूर का छठवां टेस्ट निगेटिव आया है, भविष्य में उन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहेगा ?

कोरोना पर डॉक्टर की राय –  कनिका कपूर की पांचवी और छठी रिपोर्ट निगेटिव आई है। डॉ. रिशा सक्सेना कहती हैं कि उनमे वायरस का इंफेक्शन बहुत ज्यादा था। जिन लोगों में दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, उनमे हम वायरस का इंफेक्शन कम मानते हैं। लेकिन कनिका कपूर के मामले में ऐसा नहीं था। उनकी चौथी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। अगर कनिका किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में दोबारा आ जाती है तो उन्हें संक्रमण दोबारा होने का पूरा खतरा है। हमारे देश में और साथ ही वुहान में भी ऐसे कई केस आए हैं जहां लोगों को कोरोना वायरस का दोबारा इंफेक्शन हो चुका है। अगर कोई व्यक्ति वायरस से एक बार ठीक हो चुका है तो उसे खुद को आइसोलेशन में रखना चाहिए और संक्रमण से बचने के लिए पूरी सावधानी रखनी चाहिए।

सवाल – क्या कोरोना के पेशेंट को साइकोलॉजिकल सपोर्ट की जरूरत पड़ती है ?

कोरोना पर डॉक्टर की राय – हां, बिल्कुल जरूरत पड़ती है। क्वारंटीन में होने का मतलब है दूरी बनाकर रखना। डॉ. रिशा सक्सेना कहती हैं कि हम लोगों ने हॉस्पिटल में पेशेंट को एक कमरे में बंद करके नहीं रखा है। दूरी का विशेष ख्याल रखा गया है। ऐसे वार्ड की सुविधा है, जिससे पेशेंट अन्य लोगों को दूर से देख सकता है। हमने पेशेंट को मोबाइल फोन में बात करने की सुविधा दी है। साथ ही स्टाफ के साथ पेशेंट बात कर सकता है। 14 दिनों या फिर उससे ज्यादा समय के लिए कोई भी व्यक्ति परिवार वालों से बिना बात किए नहीं रह सकता है। पेशेंट को बिजी रखने के लिए मोबाइल की सुविधा है और आप परेशानी को डॉक्टर के साथ भी डिस्कस कर सकते हैं। घरवालों का पूरा सपोर्ट रहता है। हर रोज पेशेंट से मिलने साइकेट्रिस जाता है। ऐसा करने से पेशेंट खुद को अकेला महसूस नहीं करता है।

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सवाल – जमातियों की वजह से देश में दुगनी तेजी से संक्रमण फैल चुका है, तो क्या भारत के अस्पताल पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं ?

कोरोना पर डॉक्टर की राय – भारत पूरी तरह से तैयार नहीं है। हम सभी को सावधान हो जाने की जरूरत है, क्योंकि जिस तरह से पेशेंट की संख्या अचानक से बढ़ गई है, ऐसे में हॉस्पिटल में मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध हो पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। भारत डेवलपिंग कंट्री है। अमेरिका और इटली जैसे देश, जहां अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां पर भी कोहराम मचा हुआ है। ऐसे में भारत की मेडिकल फैसिलिटी के बारे में कल्पना खुद ही कर सकते हैं। डॉ. रिशा सक्सेना कहती हैं कि भारत देश की जितनी पॉपुलेशन है, उस हिसाब से हमारे पास मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है। इसीलिए सभी डॉक्टर्स की तरफ से लोगों को सलाह है घर में रहकर अपना बचाव करें और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोके।

सवालकोरोना वायरस से संक्रमित 80 फीसदी मरीज अपने आप सही हो जाते हैं, तो क्या उन्हें दवा की जरूरत भी नहीं पड़ती है ?

कोरोना पर डॉक्टर की राय –  डॉ. ने कहा, वायरल इंफेक्शन की एक साइकिल होती है। वायरस अपनी साइकिल पांच से सात दिन में पूरी करने के बाद अपने आप खत्म हो जाता है। शरीर वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बना लेता है। एंटीबॉडी के कारण वायरस की इंफेक्ट करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में पेशेंट को दवा देने की जरूरत भी नहीं पड़ती है, क्योंकि वायरस अपने आप ही खत्म हो जाता है। कुछ लोगों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन की दवा दी जा रही है। अभी कोरोना वायरस की दवा नहीं बनी है। अभी सभी मेडिसिन अंडर ट्रायल चल रही हैं। अभी हम पेशेंट को कोई मेडिसिन नहीं दे रहे हैं। कुछ पेशेंट ऐसे होते हैं जिनकी बीमारी कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है।

सवाल – क्या कोरोना वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति की जान ले लेता है ?

कोरोना पर डॉक्टर की रायडॉ. रिशा सक्सेना बताती हैं कि उम्र बढ़ने के साथ और खानपान खराब होने से शरीर में इम्यूनिटी कम होने लगती है। जिन लोगों की उम्र ज्यादा है, उनकी इम्यूनिटी भी कम हो जाती है। ऐसे में किसी भी वायरस का शरीर में दो गुनी तेजी से अटैक होता है। यानी इम्यूनिटी के कमजोर होने से बीमारी बड़ा रूप ले लेती है। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में एंटीबॉडी बनना भी कम हो जाते हैं। ठीक ऐसा ही कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान भी हो रहा है। जिन लोगों की इम्यूनिटी अच्छी होती है, उन्हें सर्दी-जुकाम जल्दी नहीं होता है। जबकि कमजोर इम्यूनिटी वालो को ये तेजी जकड़ लेता है। कोरोना वायरस नया तरह का वायरस है, ये फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है। परिस्थितयां बिगड़ने पर मौत भी हो जाती है।

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सवालराशन लेने वाली भीड़ से क्या इंफेक्शन फैलने का खतरा है ?

कोरोना पर डॉक्टर की राय – हां, ऐसे में आसानी से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। अगर दुकान में किसी व्यक्ति को संक्रमण है या फिर सामान जिन हाथों से आया है, अगर उस व्यक्ति को संक्रमण है तो घर तक भी संक्रमण आसानी से पहुंच सकता है। घर में संक्रमण न पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि जो भी सामान बाहर से लेकर आ रहे हैं, उसे अच्छे से सैनिटाइज करें। सब्जियों को गर्म पानी से धुलें। खुद घर आकर हाथ -पैरों को अच्छे से धुलें।

सवालआप कोरोना पेशेंट का इलाज कर रही हैं, हॉस्पिटल में और घर जाने पर किस तरह की सावधानियां रखती हैं ?

डॉ. रिशा सक्सेना ने कहा, हम लोगों को ज्यादातर समय हॉस्पिटल में ही बीतता है। हम लोगों का संपर्क कोरोना पेशेंट से होता है तो हम लोगों को पूरी सावधानी रखनी पड़ती है। जरा सी चूक संक्रमण का कारण बन सकती है। हॉस्पिटल में हम सभी डॉक्टर्स एक मीटर की दूरी बनाकर रखते हैं। साथ ही हमे दिनभर इस बात का ख्याल रखना पड़ता है कि कहीं कोई चूक न हो जाए। घर में आने के बाद भी पूरी सावधानी रखनी पड़ती है। खुद को पूरी तरह से साफ करना, आइसोलेशन में रहना, बाहर के कपड़ों की रोजाना सफाई आदि बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अगर जरा सी चूक हो जाएगी तो संक्रमण डॉक्टर को हो सकता है। ऐसा कई देशों में हो भी चुका है जहां डॉक्टर्स की संक्रमण की वजह से मौत हो गई है।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

(Accessed on 6/4/2020)

india ramps up efforts to contain the spread of novel coronavirus

https://www.who.int/india/emergencies/novel-coronavirus-2019

Coronavirus disease (COVID-19) advice for the public

https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/advice-for-public

Interview :   Dr. Risha Saxena (M.B.B.S, MD)

Current Version

03/06/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Surender aggarwal


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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

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