सवाल- फिलहाल सिंगर कनिका कपूर का छठवां टेस्ट निगेटिव आया है, भविष्य में उन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहेगा ?
कोरोना पर डॉक्टर की राय – कनिका कपूर की पांचवी और छठी रिपोर्ट निगेटिव आई है। डॉ. रिशा सक्सेना कहती हैं कि उनमे वायरस का इंफेक्शन बहुत ज्यादा था। जिन लोगों में दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, उनमे हम वायरस का इंफेक्शन कम मानते हैं। लेकिन कनिका कपूर के मामले में ऐसा नहीं था। उनकी चौथी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। अगर कनिका किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में दोबारा आ जाती है तो उन्हें संक्रमण दोबारा होने का पूरा खतरा है। हमारे देश में और साथ ही वुहान में भी ऐसे कई केस आए हैं जहां लोगों को कोरोना वायरस का दोबारा इंफेक्शन हो चुका है। अगर कोई व्यक्ति वायरस से एक बार ठीक हो चुका है तो उसे खुद को आइसोलेशन में रखना चाहिए और संक्रमण से बचने के लिए पूरी सावधानी रखनी चाहिए।
सवाल – क्या कोरोना के पेशेंट को साइकोलॉजिकल सपोर्ट की जरूरत पड़ती है ?
कोरोना पर डॉक्टर की राय – हां, बिल्कुल जरूरत पड़ती है। क्वारंटीन में होने का मतलब है दूरी बनाकर रखना। डॉ. रिशा सक्सेना कहती हैं कि हम लोगों ने हॉस्पिटल में पेशेंट को एक कमरे में बंद करके नहीं रखा है। दूरी का विशेष ख्याल रखा गया है। ऐसे वार्ड की सुविधा है, जिससे पेशेंट अन्य लोगों को दूर से देख सकता है। हमने पेशेंट को मोबाइल फोन में बात करने की सुविधा दी है। साथ ही स्टाफ के साथ पेशेंट बात कर सकता है। 14 दिनों या फिर उससे ज्यादा समय के लिए कोई भी व्यक्ति परिवार वालों से बिना बात किए नहीं रह सकता है। पेशेंट को बिजी रखने के लिए मोबाइल की सुविधा है और आप परेशानी को डॉक्टर के साथ भी डिस्कस कर सकते हैं। घरवालों का पूरा सपोर्ट रहता है। हर रोज पेशेंट से मिलने साइकेट्रिस जाता है। ऐसा करने से पेशेंट खुद को अकेला महसूस नहीं करता है।
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सवाल – जमातियों की वजह से देश में दुगनी तेजी से संक्रमण फैल चुका है, तो क्या भारत के अस्पताल पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं ?
कोरोना पर डॉक्टर की राय – भारत पूरी तरह से तैयार नहीं है। हम सभी को सावधान हो जाने की जरूरत है, क्योंकि जिस तरह से पेशेंट की संख्या अचानक से बढ़ गई है, ऐसे में हॉस्पिटल में मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध हो पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। भारत डेवलपिंग कंट्री है। अमेरिका और इटली जैसे देश, जहां अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां पर भी कोहराम मचा हुआ है। ऐसे में भारत की मेडिकल फैसिलिटी के बारे में कल्पना खुद ही कर सकते हैं। डॉ. रिशा सक्सेना कहती हैं कि भारत देश की जितनी पॉपुलेशन है, उस हिसाब से हमारे पास मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है। इसीलिए सभी डॉक्टर्स की तरफ से लोगों को सलाह है घर में रहकर अपना बचाव करें और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोके।
सवाल – कोरोना वायरस से संक्रमित 80 फीसदी मरीज अपने आप सही हो जाते हैं, तो क्या उन्हें दवा की जरूरत भी नहीं पड़ती है ?