backup og meta

क्या हवा से भी फैल सकता है कोरोना वायरस, क्या कहता है WHO

क्या हवा से भी फैल सकता है कोरोना वायरस, क्या कहता है WHO

कोरोना वायरस संक्रमण ने इटली के बाद अमेरिका में तबाही मचानी शुरू कर दी है। अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या 1.5 लाख से ज्यादा पहुंच गई है और मरने वालों की संख्या 3 हजार का आंकड़ा पार कर गई है। इस महामारी को रोकना किसी भी देश के लिए चुनौती बन गया है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कोरोना वायरस ट्रांसमिशन (कोरोना वायरस के फैलाव) (Coronavirus transmission) को लेकर कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात पर भी जानकारी दी है कि, क्या यह कोरोना वायरस हवा के जरिए फैल सकता है? आइए, जानते हैं कि विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य संगठन का क्या कहना है।

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मरीजों को पता भी नहीं चलता, वो कब संक्रमित हुए और कब ठीक हो गए

कोरोना वायरस ट्रांसमिशन (कोरोना वायरस का फैलाव) कैसे होता है? (Coronavirus Transmission)

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि रेस्पिरेटरी इंफेक्शन विभिन्न आकार की ड्रॉप्लेट्स के जरिए फैलते हैं। जब ड्रॉपलेट पार्टिकल्स 5-10 माइक्रोमीटर से ज्यादा डायमीटर के आकार के होते हैं, तो उन्हें रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स कहा जाता है और जब इन ड्रॉप्लेट्स का डायमीटर 5 माइक्रोमीटर से कम होता है, तो उन्हें ड्रॉप्लेट न्यूक्लाई (droplet nuclei) कहा जाता है। अभी तक मौजूद प्रामाणिक जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस की बीमारी कोविड-19 रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स और व्यक्तिगत संपर्क से फैलता है। चीन में कोविड- 19 के 75,465 मरीजों पर किए गए अध्ययन में हवा के जरिए कोरोना वायरस ट्रांसमिशन के प्रमाण नहीं मिले हैं।

यह भी पढ़ें: अगर जल्दी नहीं रुका कोरोना वायरस, तो ये होगा दुनिया का हाल

कोरोना वायरस ट्रांसमिशन- ड्रॉप्लेट्स के जरिए कैसे फैलता है यह संक्रमण

जब कोई स्वस्थ व्यक्ति किसी रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के लक्षण (जैसे खांसी या छींक) वाले व्यक्ति के करीबी संपर्क (1 मीटर के अंतर्गत) आता है, तो ड्रॉप्लेट्स के जरिए कोरोना वायरस ट्रांसमिशन होता है। क्योंकि, इस स्थिति में स्वस्थ् व्यक्ति के मुंह, नाक और आंखों के संक्रमित व्यक्ति की संक्रमित रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स के सीधा संपर्क में आने का खतरा हो जाता है। हालांकि, कोरोना वायरस का फैलाव संक्रमित व्यक्ति के आसपास मौजूद फोमाइट्स से भी हो सकता है। फोमाइट्स वो चीजें या सतह होती हैं, जिनपर वायरस कुछ देर से लेकर कई दिन तक जिंदा रह सकता है, जैसे- हैंडल, मोबाइल आदि। जब इन फोमाइट्स पर संक्रमित व्यक्ति की रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स संपर्क में आती हैं, तो वायरस इन पर आ जाता है। फिर इस फोमाइट्स के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।

कोरोना वायरस ट्रांसमिशन- क्या होता है एयरबोर्न ट्रांसमिशन (हवा से फैलने वाला)

एयरबोर्न ट्रांसमिशन (Airborne Transmission) ड्रॉप्लेट्स ट्रांसमिशन से अलग होता है। क्योंकि, ड्रॉप्लेट्स न्यूक्लाई यानी 5 माइक्रोमीटर से भी कम डायमीटर की ड्रॉप्लेट्स वातावरण में मौजूद हवा में कुछ समय तक रह सकती है और इसी हवा के जरिए संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर से भी ज्यादा दूरी तक संपर्क में आ सकती हैं।

यह भी पढ़ें: अगर आपके आसपास मिला है कोरोना वायरस का संक्रमित मरीज, तो तुरंत करें ये काम

क्या हवा से फैलता है कोरोना वायरस?

हालांकि, अभी तक इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। लेकिन, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कुछ निश्चित और खास स्थितियों में कोरोना वायरस ट्रांसमिशन हवा से फैल सकता है। यह स्थितियां वह प्रक्रिया व सपोर्ट ट्रीटमेंट हो सकती हैं, जिसमें ऐरोसोल को जनरेट (Aerosol Generate) किया जाता है। जैसे- एंडोट्रेकिअल इंट्यूबेशन (endotracheal intubation), ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy), ओपन सक्शनिंग (open suctioning), नेबुलाइजड ट्रीटमेंट का एडमिनिस्ट्रेशन, इंट्यूबेशन से पहले मैनुअल वेंटीलेशन, वेंटीलेटर से मरीज को डिस्क्नेक्ट करना, नॉन-इंवेसिव पोजिटिव प्रेशर वेंटीलेशन, ट्रेकियोस्टोमी (Tracheostomy) और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary resuscitation) आदि। इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, ऐसे कुछ सबूत हैं, जिससे कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस संक्रमण आंतों तक पहुंच सकता है और यह वायरस मल में भी मौजूद हो सकता है। हालांकि, अभी तक सिर्फ स्टूल के सैंपल का एक ही अध्ययन किया गया है। इसलिए कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं दी जा सकती।

कुछ हाल ही में हुई कोरोना वायरस के हवा में फैलने पर अध्ययन किया गया है, लेकिन उनके अभी पुख्ता इंतजाम नहीं आ पाए हैं। लेकिन, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना वायरस ट्रांसमिशन को रोकने के लिए रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स और व्यक्तिगत संपर्क से दूर रहकर साफ-सफाई जैसी सावधानी बरतनी चाहिए। हालांकि, कुछ निश्चित प्रक्रिया और सपोर्ट ट्रीटमेंट के दौरान भी एयरबोर्न ट्रांसमिशन को रोकने के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। क्योंकि, बेशक अभी कोरोना वायरस के हवा से फैलने के पुख्ता सबूत या प्रमाण नहीं मिले हैं। लेकिन इस खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इलाज से बेहतर सावधानी और एहतियात बरतना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथों को धोना, मुंह पर मास्क लगाना, आसपास की सफाई और डिस्इंफेक्ट करने और बुखार या खांसी-जुकाम के लक्षण दिखने वाले व्यक्ति से दूर बनाने पर ज्यादा जोर डालता है।

यह भी पढ़ें: शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर कोरोना वायरस से करनी होगी लड़ाई, लेकिन नींद का रखना होगा खास ध्यान

कोरोना वायरस अपडेट (latest news on corona)

कोरोना वायरस ट्रांसमिशन के अलावा जानते हैं कि कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े कहां तक पहुंच गए हैं। वर्ल्ड ओ मीटर वेबसाइट के अनुसार 31 मार्च 2020 को दोपहर 3 बजे तक दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 7,87,438 हो गई है और इस खतरनाक बीमारी से जान गंवाने वालों की तादाद 37,846 हो गई है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 1,65,938 पहुंच गई है। इसके अलावा, अमेरिका 1,64,359 मरीजों के साथ सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज वाला देश बन गया है। जिसके बाद इटली, स्पेन और चीन का नंबर आता है।

कोरोना वायरस के भारत में मरीज (How many cases of coronavirus in India?)

भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 30 मार्च 2020 को रात 9.30 बजे तक देश में 1117 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की पहचान कर ली गई है। जिसमें से 101 का इलाज करने के बाद छुट्टी दे दी गई है, वहीं 32 लोगों की जान जा चुकी है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक भारत में संक्रमित मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या केरल में हो गई है, जहां 202 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके बाद महाराष्ट्र 198 मामले और दिल्ली 87 केस का नंबर आता है।

यह भी पढ़ें: WHO का डर: एचआईवी से होने वाली मौत का आंकड़ा न बढ़ा दे कोविड-19

कोरोना वायरस ट्रांसमिशन- डब्ल्यूएचओ के आंकड़े

डब्ल्यूएओ ने कोरोना वायरस ट्रांसमिशन के अलावा अपनी दैनिक सिचुएशन रिपोर्ट 70 में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट अब एक दिन पहले तक दर्ज किए गए आंकड़ों की जानकारी देती है, लेकिन यह पहले रोजाना आती थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 30 मार्च 2020 को सुबह 10 बजे तक दुनियाभर में 6,93,224 संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं, जिसमें से 33,106 लोगों की जान जा चुकी है।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

और पढ़ें :-

कोरोना के दौरान सोशल डिस्टेंस ही सबसे पहला बचाव का तरीका

कोविड-19 है जानलेवा बीमारी लेकिन मरीज के रहते हैं बचने के चांसेज, खेलें क्विज

ताली, थाली, घंटी, शंख की ध्वनि और कोरोना वायरस का क्या कनेक्शन? जानें वाइब्रेशन के फायदे

कोराना के संक्रमण से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोना है जरूरी, लेकिन स्किन की करें देखभाल

[embed-health-tool-bmi]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Coronavirus (COVID-19) – https://www.cdc.gov/coronavirus/2019-ncov/index.html – Accessed on 31/3/2020

Coronavirus (COVID-19) – https://www.nhs.uk/conditions/coronavirus-covid-19/ – Accessed on 31/3/2020

Coronavirus disease 2019 (COVID-19) – Situation Report – 70 – https://www.who.int/docs/default-source/coronaviruse/situation-reports/20200330-sitrep-70-covid-19.pdf?sfvrsn=7e0fe3f8_2 – Accessed on 31/3/2020

Novel Corona Virus – https://www.mohfw.gov.in/ – Accessed on 31/3/2020

Modes of transmission of virus causing COVID-19: implications for IPC precaution recommendations – https://www.who.int/news-room/commentaries/detail/modes-of-transmission-of-virus-causing-covid-19-implications-for-ipc-precaution-recommendations – Accessed on 31/3/2020

Current Version

03/06/2020

Surender aggarwal द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Surender aggarwal


संबंधित पोस्ट

ब्लड का पीएच कैसे होता है प्रभावित जानें?

ठंडा पानी पीने के जोखिम और लाभ क्या हैं?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement