आपने बॉलीवुड की फेमस फिल्म ‘3 इडियट्स’ तो जरूर देखी होगी और अगर नहीं देखी है, तो देख लीजिए कि कैसे फिल्म में जरूरत पड़ने पर करीना कपूर वेबकैम (Webcam) पर आमिर खान की मदद से डिलीवरी करवा रही हैं। हम इस सीन की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचने के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क के लिए इस तरह की तकनीक अपनानी चाहिए, ऐसा हम नहीं बल्कि दुनियाभर के विशेषज्ञों की सलाह है। इस प्रक्रिया को टेलीमेडिसिन या वर्चुअल विजिट भी कहा जाता है। हालांकि, फिल्म के इस दृश्य को बिल्कुल आत्मसात मत कर लीजिएगा, क्योंकि डिलीवरी जैसे इतने गंभीर और आपातकालीन मामलों में टेलीमेडिसिन (Telemedicines) या वर्चुअल विजिट की मदद नहीं ली जाती है। आइए, आपको समझाते हैं कि डॉक्टर के साथ वर्चुअल विजिट (Virtual Visit) क्या है और यह कैसे कोरोना वायरस से बचाव में मदद करती है।
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टेलीमेडिसिन या वर्चुअल विजिट क्या है?
टेलीमेडिसिन को ही डॉक्टर के साथ वर्चुअल विजिट कहा जाता है। इस प्रक्रिया में आधुनिक तकनीकों जैसे- कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन या टैबलेट व इंटरनेट व वीडियो कैमरा की मदद से दूर कहीं बैठे किसी भी डॉक्टर से परामर्श व बुनियादी सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसमें डॉक्टर आपके कुछ शारीरिक लक्षण, आपके द्वारा दी गई जानकारी, शेयर की गई रिपोर्ट्स आदि के आधार पर आपको आगे की चिकित्सीय सलाह देते हैं। जरूरत पड़ने पर वह दवाइयों का प्रिस्क्रिप्शन व टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इसके लिए वे आपको नजदीकी अस्पताल या क्लिनिक में जाने के बारे में बता सकता हैं। यह प्रक्रिया अस्थमा, दिल की बीमारी जैसी क्रॉनिक डिजीज के दौरान केयर और सामान्य शारीरिक समस्याओं व रुटीन परामर्श लेने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।
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कोविड-19 से बचाव में कैसे मदद करती है डॉक्टर से टेलीमेडिसिन?
कोरोना वायरस के इंफेक्शन कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार ने पूरे देश में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन लागू कर रखा है। क्योंकि, यह SARS-CoV-2 वायरस संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैल रहा है और ऐसे में इससे बचाव के लिए घर पर रहना ही सुरक्षित है। ऐसी स्थिति में आप घर पर बैठे हुए किसी भी डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं और उनसे जरूरी मदद मांग सकते हैं। जिससे आपको किसी भीड़भाड़ वाली जगह, यात्रा करने व अस्पताल में कई लोगों के बीच इंतजार करने से आजादी मिलेगी। इसी के साथ ही आप कोरोना वायरस के लक्षणों और बचाव के लिए जानकारी प्राप्त करने के लिए भी टेलीमेडिसिन की मदद ले सकते हैं। अगर आप के अंदर कोविड-19 जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर कहते हैं कि आपको घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसे में आप घर में रहते हुए ही डॉक्टर की टेलीमेडिसिन के द्वारा उनकी मदद ले सकते हैं।
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डॉक्टर से वर्चुअल विजिट को लेकर एक्सपर्ट का क्या कहना है?
फ्यूचरमेड की फाउंडर व डायरेक्टर, चांदनी लूथरा ने बताया कि, “महामारी से पहले भी घर पर टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाते रहे हैं, लेकिन कोविड-19 के दौरान लोग अपने घर पर ही टेस्ट लेने वाले एजेंट्स को बुलाकर सैंपल देना पसंद कर रहे हैं और सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी सैनिटाइज टेस्ट किट और एजेंट्स की हाइजीन का पूरा ध्यान रखकर उनकी इस मांग में मदद कर रहे हैं। एट-डोर स्टेप टेस्ट के लिए पेमेंट पहले ही की जाती है, जो कि आर्थिक दृष्टि को ध्यान में रखकर ही निर्धारित किए गए हैं। इन टेस्ट का रिजल्ट सामान्य प्रक्रिया की तरह ही सही होता है और अगर टेस्ट में किसी भी तरह की गलती पाई जाती है, तो फिर से री-सैंपल लिया जाता है।’
बच्चों और नवजात के लिए काफी फायदेमंद है वर्चुअल विजिट
प्रैक्टो के चीफ हेल्थकेयर स्ट्रेटेजी ऑफिसर , डॉ. एलेक्जेंडर कुरुविला ने कहा कि, “सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति में टेलीमेडिसिन काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके साथ ही यह बच्चों व नवजातों के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि बाहर निकलने पर वायरस का संक्रमित होने पर उसका मामूली-सा लक्षण भी उनमें गंभीर परेशानी खड़ी कर सकता है। डॉक्टर के साथ वर्चुअल विजिट प्रीलिमिनरी चेकअप और फॉलोअप कंसल्टेशन के लिए बेहतर विकल्प है।”
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डॉक्टर के साथ ऑनलाइन मीटिंग होने की कमी?
डॉक्टर के साथ ऑनलाइन मीटिंग करने में कुछ कमियों का भी सामना करना पड़ सकता है। जैसे- वर्चुअल विजिट में डॉक्टर आपके अंगों को छूकर या व्यक्तिगत शारीरिक चेकअप नहीं कर सकता। जिससे उनके अनुमान में परिवर्तन आ सकता है। इसके साथ ही यह टेक्नोलॉजी बेस्ड ऑप्शन है, इसलिए आपको टेक-फ्रैंडली होने की जरूरत होती है। लेकिन, भारत जैसे देश में जहां बुजुर्गों में साक्षरता का स्तर काफी कम है और टेक्नोलॉजी सभी लोगों को नहीं आती है, उनके लिए इस विकल्प का इस्तेमाल थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है। इसके साथ ही इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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कोरोना वायरस से बचाव कैसे किया जा सकता है?
कोविड-19 इंफेक्शन से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के लिए कुछ सलाह दी है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के साथ इन एहतियात रूपी सलाह को अपनाने के बाद आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं।
- अपने हाथों को साबुन या लिक्विड सोप से अच्छी तरह से धोएं।
- बेवजह लोगों से मिलने न जाएं या अपने घर पर भीड़ न लगाएं।
- अपने आंखों, मुंह और नाक को छूने से बचें।
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को किसी टिश्यू पेपर या फिर कोहनी को मोड़कर करव करें।
- अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें।
- टेलीमेडिसिन के जरिए अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की हर सलाह मानें और उनसे पूरी जानकारी प्राप्त करते रहें।
- अगर आप मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उससे पहले अपने हाथों को एल्कोहॉल बेस्ड हैंड रब या फिर साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- एक बार इस्तेमाल किए गए मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें।
- अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह कवर करें कि उसमें किसी भी तरह का गैप न रहे।
- मास्क को पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
- मास्क को इस्तेमाल करने के बाद मास्क को तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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