के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
कृष्ण कमल किसी सहारे के आधीन बढ़ने वाली बेल है और साउथ ईस्ट यूएस और साउथ अमेरिका में ज्यादा उगाया जाता है। इसके जमीन के ऊपर उगने वाले हिस्सों में से दवा बनती है। इसका साइंटिफिक नाम Passiflora है।
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कृष्ण कमल का इस्तेमाल निम्नलिखित समस्याओं में होता है:
यह एक हर्बल सप्लिमेंट है और कैसे काम करता है, इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ शोध यह बताते हैं कि कृष्ण कमल में मौजूद केमिकल्स शांतिदायक और मांसपेशियों की ऐंठन को राहत देने जैसी असर करते हैं।
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निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। कृष्ण कमल का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
कृष्ण कमल आमतौर पर सुरक्षित है, अगर खाने में संतुलित मात्रा में डाला जाए। रात को सोने से पहले कृष्ण कमल की चाय सात दिन तक पीना ज्यादातर सभी के लिए सुरक्षित है। इसकी दवा लगातार आठ दिन तक निर्धारित मात्रा में लेना सुरक्षित होता है। इस फूल का एक्सट्रैक्ट उच्च मात्रा में खाया जाए, जैसे कि दो दिन तक लगातार साढ़े तीन ग्राम से ज्यादा, तो यह नुकसान पंहुचा सकता है।
यह फूल के एक्सट्रैक्ट वाली दवा सभी बच्चों के लिए निर्धारित मात्रा में और कुछ समय तक लेना सुरक्षित है। छह से 13 साल के बच्चों को शुन्य पूर्णांक चार एमजी प्रति शरीर का वजन- इस मात्रा में इस फूल का उत्पाद (दारूक फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा उत्पादित पसिपाय दवाई) देना हर बच्चे के लिए सुरक्षित साबित हुआ है।
कृष्ण कमल का खाने के या दवा के तौर पर प्रेग्नेंसी में उपयोग करना सुरक्षित नहीं है। इसमें मौजूदा केमिकल्स से गर्भाशयसिकुड़ सकता है। इस कारण यदि आप प्रेग्नेंट हैं, तो इसका उपयोग न करें। स्तनपान करवाती महिला के लिए कृष्ण कमल का सेवन सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में कोई शोध प्राप्त नहीं है, सुरक्षित रहें और इसका उपयोग ना करें।
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कृष्ण कमल से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
कृष्ण कमल को इन दवाओं के साथ लेने से प्रभाव में आ सकता है:
कृष्ण कमल में मौजूदा तत्व, शरीर में ज्यादा नींद आने की समस्या पैदा कर सकते हैं। सीडेटिव की भी शरीर पर यही असर होती है। इसलिए सीडेटिव और कृष्ण कमल का साथ में सेवन करने से ज्यादा ही नींद आने की परिस्थिति हो सकती है। इन दोनों का साथ में प्रयोग उचित नहीं है।सीडेटिव जो कृष्ण कमल के साथ नहीं ले सकते,उसमे पेंटोबार्बिटल (निम्बुतल), फेनोबार्बिटल (लुमिनल), सेकबारबिटल (सकल), क्लोनेपाम (क्लोनोपिन), लोरजेपाम (अतिवान), जोल्पिडेम (एम्बियन) शामिल है।
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उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
चिंता के उपचार में कृष्ण कमल के फूल के 400 एमजी एक्सट्रैक्ट वाली कैप्सूल दिन में दो बार 2 से 8 हफ्तों तक लेना चाहिए। इस फूल के प्रवाही का एक्सट्रैक्ट वाली दवा के 45 ड्रॉप्स रोजाना एक महीने तक पिने से फर्क महसूस होगा।
सर्जरी के निर्धारित दिन से एक दिन पहले 20 बूंद और 20 बूंद सर्जरी के 90 मिनट पहले विशिष्ट प्रकार की कृष्ण कमल की दवा डी जाती है। 500 एमजी कृष्ण कमल एक्सट्रैक्ट वाली टेबलेट भी सर्जरी के 90 मिनट पहले मरीज को दी जाती है।
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
कृष्ण कमल निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
डिस्क्लेमर
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