टैमरिक्स डाइओइका
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
टैमरिक्स डाइओइका
झाऊ का पेड़ या टैमरिक्स डाइओइका (Tamarix Dioica) एक झाड़ी है जो यूरोप, एशिया और अफ्रीका में पाई जाती है। झाऊ का पेड़ Tamaricaceae परिवार से ताल्लुख रखता है। पाकिस्तान में झाऊ का पेड़ झाज और खागल के नाम से जाना जाता है। वहीं, बांग्लादेश में झाऊ का पेड़ लाल झाऊ, उरुसिया, नोना-गाछ, उरिचिया के नाम से जाना जाता है। वहीं, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में झाऊ का पेड़ नोना झाऊ के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर इसे झाऊ के नाम से जाना जाता है। झाऊ का पेड़ पश्चिम एशिया के खार इलाकों में पाया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर झाऊ की झाड़ी का इस्तेमाल दवाइयों में किया जाता है। ये लिवर संबंधित परेशानियां, फीवर और किडनी डिसऑर्डर को दूर करने में मदद करती है।
झाऊ का पेड़ 50 से 60 प्रजातियों में पाया जाता है। इसकी प्रजातियां एशिया, यूरोप और अफ्रीका के शुष्क इलाकों में पाई जाती हैं। हालांकि, उत्तर भारत में यह बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। झाऊ का पेड़ हरा और काला रंग का होता है। इसका स्वाद कड़वा होता है। आमतौर पर झाऊ का पेड़ नदी के किनारे रेतीले भूमि पर उगता है। इसके पत्ते बड़े-बड़े होते हैं। इसके फल छोटे-छोटे होते हैं और इसका तना एक झाड़ीनुमा और मजबूत होता है।
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पारंपरिक चिकित्सा में झाऊ का पेड़ (Tamarix Dioica) का उपयोग लिवर और प्लीहा (स्प्लीन) की तकलीफे, पेट की सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है। यूरिन पास करने का गुण होता है, जो किडनी में पथरी को गलाने में मदद करते हैं। इसकी पत्तियों के अर्क में एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज होती हैं।
जुकाम होने पर झाऊ की पत्तियों को पानी में ऊबाले और उसके भाप को चेहरे पर लेने से जुकाम में राहत मिलती है।
झाऊ का इस्तेमाल रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में मददगार हो सकती है। साथ ही, यह कमजोर हड्डियों को पोषण भी देती है।
विषैले सांप के काटने पर झाऊ का इस्तेमाल किया जाता है। यह सांप के जहर के असर को कम करता है।
झाऊ के पेड़ की छाल से सेक्स की इच्छा को बढ़ाया जा सकता है। यूनानियों में इसका खास प्रचलन भी था।
इन बीमारियों के लिए झाऊ का पेड़ है मददगार:
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इस बारे में कोई पर्याप्त अध्ययन नहीं है कि झाऊ का पेड़ (Tamarix Dioica) कैसे काम करता है। अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से राय लें, यदि:
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह तेल कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस ऑयल को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: यह दोनों ही एक प्रकार की विशेष परिस्थितियों हैं, जब हर महिला की बॉडी के हार्मोन सामान्य महिला के मुकाबले अलग ढंग से कार्य करते हैं। ऐसे में झाऊ का सेवन करना सुरक्षित है या नहीं, इस संबंध में विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध नही हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि आप प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसका सेवन करने से बचें। यदि आप फिर भी झाऊ का सेवन करना चाहती हैं तो इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान झाऊ मां के दूध के जरिए शिशु की बॉडी में प्रवेश कर सकता है। संभवतः यह शिशु के लिए नुकसानदायक हो।
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अभी तक झाऊ का पेड़ (Tamarix Dioica) किसी तरह के साइड इफेक्ट का कारण बनते नहीं देखा गया है। अगर आपको इसके सेवन से किसी भी तरह की कोई समस्या होती है तो आप अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से मिलें।
झाऊ का पेड़ (Tamarix Dioica) हर्बल सप्लिमेंट की तरह इस्तेमाल की जाती है। इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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डिस्क्लेमर
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