यह इंटरैक्शन तब होता है जब कुछ विशेष हेल्थ कंडिशन में कुछ दवाओं का उपयोग हार्मफुल हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर आप हाय ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित हैं तो आप नेजल डिकंजस्टेंट (nasal decongestant) यानी नाक से ली जाने वाली सर्दी-खांसी की दवा लेते हैं तो आपको कुछ अनचाहे रिएक्शन देखने को मिल सकते हैं।
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अन्य इंटरैक्शन
कुछ मेडिकेशन स्पेसिफिक लेबोरेट्री टेस्ट के साथ भी इंटरैक्ट कर सकते हैं। जिनकी वजह से टेस्ट का रिजल्ट सही नहीं आता। उदाहरण के लिए ट्रायसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स स्किन प्रिक टेस्ट में इंटरफेयर कर सकता है जो कि कुछ एलर्जीज की जांच के लिए किया जाता है।
ड्रग इंटरैक्शन के लिए जिम्मेदार अन्य फैक्टर्स
1.जेनेटिक्स
जेनेटिक कारणों की वजह से भी कई ड्रग हर बॉडी में अलग तरह से रिएक्ट करते हैं। किसी पार्टिकुलर जेनेटिक कोड के चलते कुछ लोगों में दवा की प्रॉसेस जल्दी तो कुछ में देर से होती है। आपका डॉक्टर बताएगा कि आपके लिए सही डोज देने के लिए किसी दवा के लिए जेनेटिक टेस्टिंग की जरूरत है।
2.वजन
कुछ दवाओं का डोज व्यक्ति के वजन के अनुसार तय किया जाता है। वजन में बदलाव डोज को प्रभावित कर सकता है। साथ ही ड्रग इंटरैक्शन के रिस्क को घटा या बढ़ा सकता है। अगर आपको वजन में बदलाव आया है तो कुछ मेडिकेशन के लिए आपको अलग डोज लेने होंगे। इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दें।
3.उम्र
उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं। इसमें हम मेडिकेशन के प्रति कैसे रिस्पॉन्स करते हैं भी एक है। किडनी, लिवर और सर्क्युलेशन सिस्टम उम्र के साथ धीमा पड़ सकता है। जिसकी वजह से बॉडी से ड्रग्स का ब्रेकडाउन और रिमूवल स्लो और अफेक्ट होता है।
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4.जेंडर
जेंडर भी ड्रग इंटरैक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जेंडर में अंतर जैसे कि एनाटॉमी और हॉर्मोन ड्रग इंटरैक्शन में बड़ा रोल प्ले करते हैं। उदाहरण के लिए जोलपिडेम (Zolpidem) को महिलाओं को पुरुषों की तुलना में हाफ रिकमंड किया गया क्योंकि रिसर्च में ऐसा पाया गया कि महिलाओं के सिस्टम में सुबह के समय हाई लेवल ड्रग रहता है जो कि ड्राइविंग जैसी एक्टिविटीज को प्रभावित कर सकता है।
5.लाइफस्टाइल
कुछ विशेष प्रकार की डायट परेशानी का कारण बन सकती हैं अगर वे मेडिकेशन के साथ ली जाती हैं। कुछ रिसर्च में ये बात सामने आई है कि हाय फैट इंटेक ब्रोंकोडायलेटर्स के रिस्पॉन्स को कम कर सकता है। जिसे लोग अस्थमा के ट्रीटमेंट के लिए यूज करते हैं। एक्सरसाइज भी मेडिकेशन के कार्य में बदलाव कर सकती है। उदाहरण के लिए जो लोग डायबिटीज के उपचार के लिए इंसुलिन का उपयोग करते हैं वे एक्सरसाइज के दौरान लो ब्लड शुगर लेवल का अनुभव कर सकते हैं।
इसके साथ ही स्मोकिंग भी कुछ ड्रग्स के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है। अगर आप कोई भी नया मेडिकेशन शुरू करते हैं तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं कि आप स्मोक करते हैं। अगर आप स्मोकिंग छोड़ने का सोच रहे हैं तो भी इस बारे में डॉक्टर को बताएं।
6.कितने समय से ड्रग ले रहे हैं?