बॉडी कुछ ड्रग्स के लिए टॉलरेंस विकसित कर लेती है, वहीं कुछ ड्रग्स कुछ समय के बाद खुद की बॉडी की मदद करते हैं प्रॉसेस होने में। इसलिए डोसेज को एडजस्ट किया जा सकता है यदि आप इसे लंबे समय से ले रहे हैं। उदाहरण के लिए पेन किलर ड्रग्स और एंटीसीजर ड्रग्स।
7.डोज
डोज से मतलब होता है कि दवा की निश्चित मात्रा निश्चित समय के लिए रिकमंड की गई है। जैसे कि दिन में एक बार या दो बार। दो लोगों को एक ही दवा अलग-अलग डोज के साथ दी जा सकती है। डॉक्टर ही सही डोज को निर्धारित कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट किए बिना डोज को कम या ज्यादा न करें।
8.फॉर्मूलेशन
किसी भी दवा का फॉर्मूलेशन उन इंग्रीडेंट का मिक्चर है तो ड्रग में पाए जाते हैं। इंग्रीडेंट पर ही निर्भर करता है कि कोई ड्रग बॉडी में कैसे एक्ट करेगा और इसका प्रभाव कितना होगा।
9.दवा लेने का ऑर्डर
कुछ दवाओं के रिएक्शन को कम किया या टाला जा सकता है अगर उन्हें सही और अलग समय पर लिया जाए। कुछ दवाएं दूसरी दवा के एब्जॉप्शन को कम या प्रभावित कर सकती हैं अगर उन्हें एक साथ या उनको लेने का समय आसपास ही हो। जैसे कि कैल्शियम टैबलेट्स एंटीफंगल मेडिकेशन के एब्जॉप्शन को रोक सकती है।
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दवाओं के इंटरैक्शन से बचने के लिए इन बातों पर दें ध्यान
जब भी आप कोई नई दवा लेना शुरू करें चाहे वह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग हो या नॉन प्रिस्क्रिप्शन ड्रग, हर्बल सप्लिमेंट हो या आयुर्वेदिक, विटामिन्स हो या ओटीसी ड्रग अपने डॉक्टर से कुछ सवालों को जरूर पूछें।
- क्या मैं इस दवा को दूसरी दवाओं के साथ ले सकता हूं?
- क्या मुझे कुछ निश्चित फूड्स इस दवा के साथ नहीं लेना चाहिए?
- ड्रग इंटरैक्शन के कुछ निश्चत लक्षण कौन से हैं जिनके बारे में मुझे जानकारी होनी चाहिए?
- दवा बॉडी में काम कैसे करती है?
- क्या इस ड्रग और मेरी हेल्थ कंडिशन के बारे में मेडिकल लिटरेचर में जानकारी उपलब्ध है?
दवाओं के इंटरैक्शन से बचने के लिए पढ़ें ड्रग लेबल
ओवर द काउंटर ड्रग लेबल्स पर इंग्रीडेंट्स, यूज और वॉर्निंग जैसी जानकारी होती है। उसे पढ़ना और समझना जरूरी है। कई बार लेबल पर पॉसिबल ड्रग इंटरैक्शन के बारे में भी जानकारी होती है। इनको आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
एक्टिव इंग्रीडेंट्स “Active Ingredients” और पर्पज “Purpose”
- यहां पर एक्टिव इंग्रीडेंट्स का नाम और मात्रा होती है।
- एक्टिव इंग्रीडेंट्स का उपयोग किसलिए किया गया है बताया गया होता है।
यूजेज “uses”
- इसमें बताया जाता है कि ड्रग किसके लिए यूज की जाती है। अपने लक्षणों के आधार पर आप उपयोगी ड्रग चुन सकते हैं।
“Warnings” वॉर्निंग
इस सेक्शन में ड्रग इंटरैक्शन और प्रिकॉशन होते हैं। जैसे कि :
- दवा लेने से पहले डॉक्टर से कब बात करनी चाहिए?
- किन मेडिकल कंडिशन में दवा नहीं लेना चाहिए?
- दवा को लेना कब बंद करना है?
इसके साथ ही आपको डायरेक्शन सेक्शन, इनएक्टिव इंग्रीडेंट्स और अदर इंफॉर्मेशन सेक्शन को भी पढ़ना चाहिए। ताकि दवाओं के इंटरैक्शन को टाला जा सके।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और दवाओं के इंटरैक्शन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।