आज हम बात करने जा रहे हैं डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) के बारे में। डायबिटिक नेफ्रोपैथी की समस्या में यह एक तरह का ट्रीटमेंट माना जाता है। डायबिटिक नेफ्रोपैथी एक प्रोग्रेसिव किडनी डिजीज मानी जाती है, यह उन लोगों को होती है जिन्हें पहले से ही डायबिटीज की समस्या होती है। जिन लोगों को टाइप वन और टाइप टू डायबिटीज की समस्या होती है, ऐसे लोगों में इस तकलीफ का होना आम तौर पर देखा जाता है। हालांकि डायबिटिक नेफ्रोपैथी धीरे-धीरे आपको अपनी गिरफ्त में लेती है, इसलिए यदि इसका समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इस स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है। लेकिन इस ट्रीटमेंट के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं कुछ बातें डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) के बारे में।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी के लक्षण : समय पर ध्यान देना है बेहद जरूरी (Diabetic nephropathy Symptoms)
डायबिटिक नेफ्रोपैथी धीरे-धीरे आपके शरीर को अपनी गिरफ्त में लेती है, लेकिन यदि समय पर इसके लक्षणों पर ध्यान दिया जाए, तो इस स्थिति से बचा जा सकता है। किडनी डैमेज की शुरुआती स्टेज में कुछ लक्षण आपको दिखाई देते हैं, जो इस तरह हैं –
- कमजोरी
- बीमार महसूस करना
- भूख न लगना
- सिर दर्द
- इची और ड्राय स्किन
- उल्टी
- हाथ और पैर में सूजन
यदि आप इन लक्षणों को देखते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। यदि इन लक्षणों पर ध्यान ना दिया जाए, तो यही आगे चलकर क्रॉनिक किडनी डिजीज में बदल सकते हैं। आइए अब जानते हैं कि डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) की समस्या किन कारणों के कारण होती है।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी के कारण : इन कारणों से होती है ये समस्या (Diabetic nephropathy Causes)
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी किडनी में एक मिलियन से भी ज्यादा नेफ्रॉन्स होते हैं। यह एक छोटा स्ट्रक्चर होता है, जो फिल्टर की तरह काम करता है। यह फिल्टर आपके खून को साफ करते हैं। डायबिटीज की समस्या में यह नेफ्रॉन्स बड़े हो जाते हैं और इनमें दरारें पड़ जाती है, इसलिए यह नेफ्रॉन्स आपके ब्लड को ठीक तरह से साफ नहीं कर पाते।यही वजह है कि एल्बुमिन नामक प्रोटीन आपकी यूरिन में मिलने लगता है।इसी एल्बुमिन को माप कर डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) का पता लगाया जाता है।
जिन लोगों को हाय ब्लड शुगर और हाय ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उन लोगों में डायबिटिक नेफ्रोपैथी होना आम माना जाता है। लगातार हाय ब्लड शुगर या हाय ब्लड प्रेशर बने रहने की वजह से आपकी दोनों किडनी डैमेज हो सकती है और यह डायबिटिक नेफ्रोपैथी का कारण बन सकती है।यह कुछ कारण डायबिटिक नेफ्रोपैथी में रिस्क फैक्टर (Diabetic nephropathy risk factors) का काम करते हैं।
- परिवार में किडनी डिजीज की हिस्ट्री होना
- 20 साल की उम्र से पहले टाइप 1 डायबिटीज से ग्रसित होना
- स्मोकिंग
- वजन का बढ़ना
- डायबिटीज कॉम्प्लिकेशंस
- आंखों की बीमारी
- नर्व डैमेज
यह सभी कारण आपको डायबिटिक नेफ्रोपैथी की समस्या की ओर ले चलते हैं। इसलिए डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं डायबीटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स किस तरह काम करते हैं। डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Diabetic nephropathy) , जिसे एआरबी का नाम दिया गया है, यह हाय ब्लड प्रेशर, हार्ट फेलियर और क्रॉनिक किडनी डिजीज की समस्या में कारगर साबित होते हैं। यह दवाइयां हार्ट अटैक की समस्या होने पर भी डॉक्टर द्वारा दी जा सकती हैं।
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डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स : क्या है ये ट्रीटमेंट? (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy)
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की माने तो डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स फ़र्स्ट लाइन ट्रीटमेंट के तौर पर कारगर साबित होते हैं। इसी के साथ ही डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) खास तरह से काम करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं हमारी ब्लड वेसल हार्ट तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है, जिससे हार्ट के फंक्शन में मदद मिलती है।एंजियोटेंसिन हॉर्मोन आपके शरीर द्वारा बनाया जाता है, जो ब्लड वेसल्स में मौजूद मसल्स को टाइट रखता है। साथ ही साथ एंजियोटेंसिन हमारे शरीर के सॉल्ट और वॉटर रिटेंशन रिडयूसेस में भी मदद करता है। क्योंकि ब्लड प्रेशर हमारी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) मददगार साबित होते हैं।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स : डॉक्टर की सलाह पर करें इस्तेमाल!
डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) कई तरह के होते हैं, जिसका इस्तेमाल आप कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन्हीं एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स के बारे में।
बेनिकार (Benicar)
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स के तौर पर बेनिकार एक कारगर दवा मानी जाती है। जिसका जेनेरिक नाम ओल्मेसार्टन (olmesartan) है। एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स के तौर पर आप बेनिकार (Benicar) नामक ब्रैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। बेनिकार ब्लड वेसल को संकरा बनाने से बचाता है, जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता है। यह हाय ब्लड प्रेशर की समस्या में प्रिसक्राइब की जाने वाली दवा है, जो 6 साल से ऊपर के बच्चों और वयस्कों के लिए दी जाती है। बेनिकार कई बार अन्य ब्लड प्रेशर से संबंधित मेडिकेशन के साथ भी दी जाती है। ध्यान रखें कि यह दवा गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जाती, इसलिए इसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब करने के बाद ही करें।
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डायोवेन (Diovan)
डायोवेन का जेनेरिक नाम वैलसार्टन (Valsartan) है, जिसमें आप डायोवेन (Diovan ) नामक ब्रैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल आप डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) के तौर पर कर सकते हैं। डायोवेन आपकी ब्लड वेसल को संकरा होने से बचाता है, जिससे हाय ब्लड प्रेशर की समस्या में सुधार आता है। साथ ही साथ ये ब्लड फ्लो इंप्रूव करता है। हाय ब्लड प्रेशर की समस्या में डायोवेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मदद से आप स्ट्रोक और हार्ट अटैक की समस्या से बचे रहते हैं, इसलिए डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स के तौर पर डायोवेन का उपयोग किया जा सकता है। ध्यान रखें कि इस दवा का उपयोग हमेशा डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब करने के बाद ही करें।
कोज़ार (Cozaar)
कोज़ार का जेनेरिक नाम लोसार्टन (Losartan) है, जिसमें आप कोज़ार (Cozaar) नामक ब्रैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। कोज़ार भी डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) माना जाता है, जो आपके ब्लड वेसल्स को संकरा नहीं होने देता और आपके ब्लड फ्लो को इंप्रूव करता है। यह हाय ब्लड प्रेशर की समस्या में इस्तेमाल की जाने वाली दवा के तौर पर काम करती है, जो स्ट्रोक और हार्ट डिजीज की समस्या में भी मददगार साबित होती है। यह लॉन्ग टर्म किडनी डिजीज की समस्या में काम आती है। साथ ही साथ जिन लोगों को टाइप टू डायबिटीज और हाय ब्लड प्रेशर की समस्या है, ये डॉक्टर की सलाह के बाद इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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मायकार्डिस (Micardis)
मायकार्डिस का जेनेरिक नाम टेलमिसार्टन (Telmisartan) है। जिसमें आप मायकार्डिस (Micardis ) नामक ब्रैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) के तौर पर ली जाती है, जो आपके ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड फ्लो को बेहतर बनाती है। हाय ब्लड प्रेशर की समस्या में मायकार्डिस का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह स्ट्रोक, हार्ट अटैक और अन्य ह्रदय संबंधित समस्याओं से बचाव में मददगार साबित हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी जरूरत के मुताबिक इस दवा का सेवन किया जा सकता है।
एवाप्रो (Avapro)
एवाप्रो दवा का जेनेरिक नाम इर्बेसार्टन (Irbesartan) है, जिसमें आप एवाप्रो (Avapro) नामक ब्रैंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल से आपका ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है और ब्लड फ्लो बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है। हाय ब्लड प्रेशर या हायपरटेंशन की समस्या में एवाप्रो का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करती है। साथ ही साथ जिन लोगों को किडनी प्रॉब्लम और टाइप टू डायबिटीज की समस्या है, उन लोगों को एवाप्रो डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब की जा सकती है। डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
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जैसा कि आपने जाना डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic nephropathy) के पीछे कई फैक्टर्स काम करते हैं, इसलिए डायबिटिक नेफ्रोपैथी में एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin receptor blockers in diabetic nephropathy) के साथ सही ट्रीटमेंट प्लान को फॉलो करके और अपनी लाइफ स्टाइल में जरूरी बदलाव लाकर आप डायबिटिक नेफ्रोपैथी की समस्या से बच सकते हैं। साथ ही अपनी किडनी को लंबे समय तक हेल्दी बनाए रख सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की दवाओं को प्रमोट नहीं कर रहा है, ये जानकारी आपके नौलेज के लिए दी गई है।
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