डायबिटीज की बीमारी बहुत सारे सवालों को लेकर आती है। डायबिटीज होने पर मरीज के शरीर में बहुत तरह के बदलाव होते हैं, जिनपर नजर रखना हर मरीज और उनके परिवार के लोगों का कर्तव्य होता है। इसी संदर्भ में सबसे पहला और अहम सवाल हर मरीज के दिल में यही होता है कि आखिर सुबह के समय ब्लड शुगर का लेवल क्यों बढ़ जाता है? इसके पीछे कारण क्या हैं? चलिए आपकी इस परेशानी को दूर करने की कोशिश करते हैं। इस आर्टिकल में हम यही जानते हैं कि सोने के समय जो ब्लड शुगर का लेवल सामान्य रहता है, वह सुबह के समय सोकर उठने के बाद क्यों बढ़ जाता है।
आमतौर पर सुबह के समय शरीर के हॉर्मोन्स में परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी नहीं होती है, उनके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बढ़ने पर ब्लड शुगर का लेवल भी घट जाता है। जबकि यह प्रक्रिया डायबिटीज के मरीजों में नहीं होती हैं।
असल में सुबह के समय ग्लूकोज को बढ़ाने के लिए बहुत सारी प्रक्रियाएं शरीर में चलती रहती हैं। रात के समय जब व्यक्ति सोता है, तब लिवर को कम मात्रा में ग्लूकोज का निष्कासन करना पड़ता है। जबकि टाइप-2 डायबिटीज के मरीज के शरीर में इसका उल्टा फंक्शन होता है। लिवर रात के समय जरूरत से ज्यादा रक्त की कोशिकाओं में ग्लूकोज का निष्कासन कर देता है। इसी कारण हॉर्मोन्स, ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ने का कारण बन जाते हैं और लिवर ज्यादा शुगर रिलीज करने लगता है।
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सुबह के समय शरीर कुछ हॉर्मोन्स, जैसे ग्रोथ हॉर्मोन्स (growth hormone), ग्लूकागन कोर्टिसोल (glucagon cortisol) और एपिनेफ्रीन (epinephrine) को रिलीज करता है, जिसके कारण ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है या इंसुलिन प्रतिरोध होता है, इसी टर्म को डॉन फेनोमेनन कहते हैं। वैसे डायबिटीज के मरीजों के लिए यह अवस्था बहुत कॉमन होती है।
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ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने का कारण
ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की वजह को समझने के लिए पहले डॉन फेनोमेनन के बारे में जानना जरूरी है। डॉन फेनोमेनन का प्रभाव शरीर पर तब पड़ता है, जब शरीर से कोर्टिसोल, ग्लूकागोन, एपिनेफ्रीन जैसे हॉर्मोन्स रिलीज होने लगते हैं, जिसके कारण लिवर से ग्लूकोज का निष्कासन होने लगता है। इसी कारण सुबह के समय शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। आमतौर पर डायबिटीज के मरीज जब सोने जाते हैं, तब 8-10 घंटे के बीच रक्त शर्करा के स्तर के बढ़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
बात को कुछ इस तरह से समझते हैं कि जो प्रक्रियाएं नॉर्मल लोगों में होती हैं, डायबिटीज के मरीजों में वह काम बिल्कुल उल्टा हो जाता है। डायबिटीज के मरीज होने के कारण भले ही वह कितना भी स्ट्रिक्ट डायट फॉलो करते हों। शरीर ज्यादातर समय इंसुलिन के लिए रेस्पोंड नहीं करता है, जिसके कारण फास्टिंग टाइम में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
नॉर्मल लोगों के लिए सुबह उठने के समय यानी दिन की शुरूआत करते समय उनके शरीर में पर्याप्त मात्रा में एनर्जी रहती है। मगर डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ग्लूकोज के लिए जरूरत के मुताबिक इंसुलिन रहता ही नहीं है। जिसके फलस्वरूप सुबह के समय ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है, पर डॉन फेनोमेनन का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। यहां तक कि हर दिन इसका असर एक तरह नहीं होता है। अध्ययन के अनुसार कुछ शोधकार्ताओं का मानना है कि काउंटर-रेगुलेटरी हार्मोन जैसे- ग्रोथ हार्मोन, कोर्टिसोल, ग्लूकागोन, एपिनेफ्रीन के कारण इंसुलिन प्रतिरोध और मजबूत हो जाता है, जिसके कारण ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
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इसके अलावा ये भी कारण हो सकते हैं-
– सोने के पहले मरीज ने जो खाना खाया, वह रोगी के लिए सही न हो और खाने में कार्बोहाइड्रेड (कार्बोहाइड्रेट) की मात्रा ज्यादा होने से यह समस्या हो सकती है।
– मरीज ने या तो बहुत ज्यादा दवाओं का सेवन किया है या तो बहुत कम दवाओं का सेवन किया है।
– मरीज ने रात को सोने से पहले इंसुलिन नहीं लिया हो।
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सुबह ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल करने के उपाय
इसके लिए सबसे पहले ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि रात में किस समय से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ रहा है। जिसके कारण डॉन फेनोमेनन की समस्या हो रही है।
– रात को खाने के बाद वॉक करने जैसी हल्की एक्टिविटिज करनी चाहिए।
– रात को डिनर जल्दी कर लेना चाहिए।
– जिन दवाओं का सेवन मरीज कर रहा है, उन दवाओं के बारे में एक बार डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए कि कहीं ब्लड शुगर के बढ़ने के पीछे इनकी कोई भूमिका तो नहीं है।
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इसके अलावा डायबिटीज के मरीज को अपने डायट में से सोडा, फलों के रस और चाय को हटा देना चाहिए। शायद आप जानते नहीं कि मरीज की एक गलती या इन चीजों को खाने की इच्छा ब्लड ग्लूकोज लेवल को बढ़ा सकती हैं। हां, एक बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि कभी-कभार सुबह के समय ब्लड शुगर के लेवल का बढ़ जाना, उतना चिंता का विषय नहीं है। बशर्ते कि यह समस्या बहुत दिनों से चली आ रही हो या आगे भी हो रही हो तो, बिना देर किए डॉक्टर से बात करने की जरूरत है। डायबिटीज के मरीजों के लिए एक ही बात ध्यान रखने की जरूरत है कि वे अपने ब्लड शुगर की नियमित जांच करवाएं। जांच करवाने के साथ डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही डायट में खाने की चीजों को शामिल करें। काम के दबाव में देर तक खाली पेट न रहें और अपने साथ हल्के पौष्टिक आहार रखें ताकि हेवी मील लेने का समय न हो तो भी पेट खाली न रखे।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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