अगर आपको डायबिटीज (Diabetes) है, तो आप यह जानते होंगे कि ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है। जितना ब्लड शुगर के लेवल को कम रखेंगे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) के डेवलप होने का रिस्क उतना ही कम होगा। डायबिटीज में हाय कोलेस्ट्रॉल का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसलिए जब आप ब्लड शुगर को मॉनिटर करते हैं तो कोलेस्ट्रॉल के नंबर्स को भी देखना जरूरी हो जाता है। इस आर्टिकल में जानिए डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and high cholesterol) का क्या संबंध है और इस कंडिशन को कैसे मैनेज किया जा सकता है?
डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and High Cholesterol)
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and high cholesterol) की समस्या एक साथ है, तो यह एक सामान्य बात है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार डायबिटीज के चलते गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल (HDL) का लेवल कम हो जाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल यानी कि एलडीएल LDL और ट्रायग्लिसराइड (Triglycerides) का लेवल बढ़ जाता है। ये दोनों मिलकर हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के रिस्क को बढ़ा देते हैं। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) का लेवल अगर 100 mg/dL हो इसे आइडियल माना जाता है। वहीं 130–159 mg/dL को बॉर्डरलाइन एलिवेटेड होता है।
हाय कोलेस्ट्रॉल खतरनाक हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा है जो धमनियों के अंदर जमा हो सकता है। समय के साथ, यह स्टिफ प्लाक का रूप ले सकता है। यह धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वे सख्त और संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। हृदय को ब्लड पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, और दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल आमतौर पर अपने आप में कोई लक्षण पेश नहीं करता है, हालांकि, जिन लोगों में कई वर्षों से उच्च या असंतुलित कोलेस्ट्रॉल का स्तर होता है, उनमें हृदय रोग, स्ट्रोक और परिधीय धमनी रोग (Peripheral arterial disease) जैसी समस्याओं की स्थिति विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
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डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and High Cholesterol) का क्या है संबंध?
शोधकर्ताओं के पास अब तक इस बात का जवाब नहीं है कि डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल कैसे एक दूसरे से संबंधित है। एनसीबीआई (NCBI) में छपी एक स्टडी में रिसचर्स ने पाया कि ब्लड शुगर, इंसुलिन और कोलेस्ट्रॉल बॉडी में एक दूसरे के साथ इंटरैक्ट करते हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते हैं, लेकिन ऐसा कैसे होता है इसका कारण उन्हें पता नहीं था। यहां ये बात तो समझ आती है कि डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and high cholesterol) के बीच कुछ संबंध हो सकता है। अगर आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखेंगे तब भी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा हो सकता है। हालांकि इन दोनों कंडिशन्स को दवाओं और एक अच्छी लाइफस्टाइल के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। जिससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सके।
डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल को मैनेज कैसे करें? (How to Manage Diabetes and High Cholesterol?)
यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनसे डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and high cholesterol) को मैनेज किया जा सकता है।
डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए डायट (Diet to Manage Diabetes and High Cholesterol)
अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है, तो वह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए अपनी डायट में बदलाव तो कर ही चुका होगा। डायबिटिक मरीज कार्ब के इंटेक पर कंट्रोल करते हैं, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन करते हैं और दिन भर में छोटे रेगुलर मील लेते हैं।
डायबिटीज के साथ हाय कोलेस्ट्रॉल होने पर भी यह डायट काम करेगी। बस इसमें थोड़ा सा मॉडिफिकेशन करना होगा। जिसमें अनहेल्दी फैट्स जैसे कि रेड मीट, फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को कम करना और हार्ट फ्रेंडली फैट्स जैसे कि लीन मीट्स, नट्स, फिश, ऑलिव ऑयल, फ्लैक्स सीड आदि को डायट में शामिल करें। साथ ही डायट में फायबर युक्त फूड्स को शामिल करें। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। जिसमें ओट्स, फल, बीन्स, सब्जियां और दालें शामिल हैं।
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डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and High Cholesterol) को मैनेज करने के लिए खाने के बाद वॉक करें
डायबिटिक व्यक्ति यह बात अच्छी तरह से जानता है कि ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। इसी तरह हाय कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने में एक्सरसाइज का बढ़ा योगदान है। यह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने में मदद करती है जो हार्ट डिजीज से प्रोटेक्शन प्रदान करता है।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए जो सबसे आसान एक्सरसाइज और जो आसानी से भी की जा सकती है वह है वॉकिंग। खाने के बाद वॉक करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। वॉकिंग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मददगार है। एर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी (Arteriosclerosis, Thrombosis, and Vascular Biology) जर्नल में छपी एक स्टडी के अनुसार वॉकिंग हाय कोलेस्ट्रॉल को 7 प्रतिशत तक कम कर सकती है। वहीं रनिंग 4 प्रतिशत के लगभग।
डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and High Cholesterol) को मैनेज करने के लिए एक्सरसाइज की मदद लें
डेली वॉक के अलावा डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and high cholesterol) को कम करने में एरोबिक एक्सरसाइज भी मददगार है। डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल को कम करने में हाय इंटेंसिटी वर्कआउट की तुलना में एरोबिक एक्सरसाइज ज्यादा प्रभावी है। जिसमें साइकलिंग, स्विमिंग, टेनिस खेलना आदि शामिल करें।
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वेट ट्रेनिंग भी हो सकती है मददगार
डायबिटीज केयर स्टडी के अनुसार वेट ट्रेनिंग कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने का प्रभावी तरीका है। साथ ही यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मददगार है। एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार जो लोग रेगुलर वेट ट्रेनिंग करते हैं उनमें जो वेट ट्रेनिंग नहीं करते उनसे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (HDL Cholesterol) की मात्रा काफी अधिक होती है। इसके साथ ही ये एक्सरसाइज डायबिटिक पेशेंट के मेटाबॉलिक रिस्क फैक्टर्स को कम करने में मदद करती है।
टाइप 2 डायबिटीज के बारे में अधिक जानने के लिए देखें ये 3डी मॉडल:
इन तीन बातों को मानें
डायबिटीज (Diabetes) होने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) की संभावना वैसे ही काफी बढ़ जाती है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज को निम्न बातों को मानना चाहिए ताकि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा टाला जा सके।
- स्मोकिंग छोड़ दें (Quit smoking) या इसकी शुरुआत ना करें
- डॉक्टर ने जो दवाएं दी हैं। उन्हें वैसे ही और समय पर लें।
- अगर वजन अधिक है तो उसे कम करें। अधिक वजन से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है साथ ही ये डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन का कारण भी बन सकता है।
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उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज और हाय कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and high cholesterol) कंडिशन्स को मैनेज करने से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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