एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)
जब ब्लड वैसल्स या फिर रक्त वाहिकाओं में संकुचन की स्थिति पैदा हो जाती है, तो वैसल्स वॉल मोटी हो जाती है। डायबिटीज के कारण शरीर की ज्यादातर ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचता है। ऐसा ऑक्सीजन की कमी के कारण भी होता है। इस स्किन कंडिशन के कारण से बालों का झड़ना व पतला होना, त्वचा का मोटा होना और रंग फीका पड़ना आदि लक्षण नजर आते हैं। जब डायबिटीज पेशेंट में एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) स्किन कंडिशन डेवलप हो जाती है, तो फिर शरीर के कुछ भागों में घाव भरने में भी देरी होती है। ब्लड में वाइट ब्लड सेल्स भी होती है, जो इंफेक्शन से लड़ने का काम करती है।
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डायबिटीज के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें ये 3 डी मॉडल-
बैक्टीरिया से फैलने वाला इंफेक्शन (Bacterial Infections)
डायबिटीज और स्किन (Diabetes and skin problems) हेल्थ में एक और कंडिशन शामिल है और वो है बैक्टीरिया से फैलने वाला इंफेक्शन। जिन लोगों को मधुमेह की बीमारी होती है, उनमें बैक्टीरिया से फैलने वाले इंफेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। स्किन के किसी स्थान में पस भर सकता है या फिर इंफेक्शन वाली जगह में जलन, दर्द के साथ ही लालिमा भी हो सकती है। स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया (Staphylococcus Bacteria) के कारण होता है। अगर आपको भी स्किन में पस भरा हुआ दिख रहा है, तो आपको डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराना चाहिए। डॉक्टर पस निकालने के बाद कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह भी देते हैं।
डायबिटीज के कारण स्किन में अल्सर की समस्या (Diabetic Ulcers)
डायबिटीज की बीमारी होने पर व्यक्ति को खुद को किसी चोट से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है। डायबिटिक अल्सर भी डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems) से ही संबंधित है। अगर व्यक्ति को पैर में चोट लग गई है, तो घाव धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा और अल्सर का रूप लेगा। ऐसे घाव जल्दी ठीक भी नहीं होते हैं। अगर डायबिटीज के पेशेंट को पैरों में घाव की समस्या हुई है, तो घर में इलाज करने से बेहतर है कि डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराया जाए। अगर समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलता है, पेशेंट को चलने-फिरने से लेकर अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
डायबिटीज और स्किन हेल्थ: सोरायसिस (Psoriasis)
सोरायसिस भी स्किन से संबंधित कंडिशन है। इस कंडिशन के कारण स्किन में रेड कलर के पैच हो जाते हैं जो खुजली का कारण भी बन सकते हैं। ऐसा नेल्स और स्कैल्प में भी हो सकता है। लाइफस्टाइल चेंज के साथ ही कोर्टिसोन क्रीम और मलहम का इस्तेमाल समस्या को कम कर सकता है। ब्लड शुगर को मैनेज करके और जरूरी दवाओं का सेवन करके इस स्किन कंडीशन से बचा जा सकता है।
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