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क्या डायबिटीज के कारण बढ़ जाता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/10/2021

    क्या डायबिटीज के कारण बढ़ जाता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा?

    डायबिटीज की बीमारी एक क्रॉनिक कंडीशन है, जो विश्वभर में लोगों की परेशानी का कारण बन रही है। वहीं ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी भी महिलाओं में फैलने वाली बीमारी में मुख्य रूप से जानी जाती है। डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) के संबंध में कई रीसर्चेज़ की जा चुकी हैं, जिससे दोनों के बीच के लिंक के बारे में जांच की जा सके। डायबिटीज के पेशेंट में अन्य पेशेंट्स के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक बढ़ जाता है। डायबिटिक पेशेंट में ब्रेस्ट कैंसर के कारण मृत्यु की संभावना अधिक होती है। रीसर्च के दौरान साइटोकिन्स (Cytokines), इंसुलिन जैसे फैक्टर्स के साथ ही ब्रेस्ट सेल्स के माइटोजेनिक प्रभाव के बीच संबंध भी जानकारी हासिल की गई। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) के बारे में अहम जानकारी देंगे। डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानने से पहले आइये जानते हैं डायबिटीज के बारे में।

    डायबिटीज की बीमारी क्रॉनिक डिजीज है, जो पैंक्रियाज के पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस न कर पाने के कारण पैदा होती है। कई बार शरीर इंसुलिन का सही तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, जिसके कारण भी ब्लड में शुगर का लेवल गड़बड़ हो जाता है। इंसुलिन हॉर्मोन ब्लड में शुगर के लेवल को मेंटेन करने का काम करता है। ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) के बढ़ जाने के कारण शरीर के विभिन्न ऑर्गन्स को डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर सही समय पर डायबिटीज का ट्रीटमेंट कर लिया जाए, तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है। डायबिटीज के कारण किडनी डैमेज या किडनी फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है। जानिए डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) के संबंध के बारे में।

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    डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer)

    कैंसर मेडिकल कंडीशन है, जो कि अनहेल्दी टिशू की अचानक से अधिक मात्रा में ग्रोथ होने से गांठ का कारण बनता है और कैंसर पैदा करता है। ऐसा अनहेल्थी टिशू के साथ ही नॉर्मल सेल्स में भी हो सकता है। कैंसर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जो शरीर के विभिन्न ऑर्गन को प्रभावित करते हैं। एब्नॉर्मल सेल्स ग्रोथ के कारण कैंसर की समस्या पैदा होती है और सेल्स का अचानक से तेजी से ग्रोथ करना कई फैक्टर्स पर डिपेंड करता है।

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    स्तन कैंसर घातक कोशिकाओं के कारण होता है, जिन्हें कैंसरस सेल्स भी कहते हैं। ब्रेस्ट कैंसर मुख्य रूप से महिलाओं में होता है और स्तन की आसपास की कोशिकाएं प्रभावित होती है। अगर स्तन कैंसर का सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो ये शरीर के अन्य ऑर्गन्स को भी प्रभावित कर सकती हैं। स्तन कैंसर के लक्षणों में एक गांठ का दिखना मुख्य लक्षणों में शामिल है। जरूरी नहीं है कि जिस भी महिला को स्तन कैंसर है, उसे गांठ का एहसास हो। स्तनों में सूजन, स्तन के आकार में परिवर्तन, फंर्मनेस, सॉफ्टनेस, निप्पल के आकार में बदलाव आदि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के रूप में दिखाई पड़ सकते हैं। इंसुलिन ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर का ओवरप्रोडक्शन जीन के म्यूटेशन या जीन इनकोडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस कारण कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer), प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) का खतरा बढ़ जाता है।

    महिलाओं में स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में मैमोग्राम (Mammogram) भी इस्तेमाल किया जाता है। अल्ट्रासाउंड, एमआरआई (MRI), बायोप्सी या लैबोरेट्री टेस्ट के माध्यम से भी ब्रेस्ट कैंसर डायग्नोज किया जाता है। डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) की बात करें तो स्टडी में ये बात सामने आ चुकी है कि डेवलपिंग कंट्रीज में करीब 7 प्रतिशत लोग टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से प्रभावित हैं, जबकि करीब 10 से 20 प्रतिशत लोगों को ब्रेस्ट कैंसर के साथ ही डायबिटीज की समस्या है। टाइप 2 डायबिटीज में रिस्क फैक्टर के रूप में अधिक उम्र और मोटापा जिम्मेदार हो सकता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए भी रिस्क फैक्टर का काम करता है। एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो करीब 38,000 महिलाओं पर स्टडी की गई, जिनमें 15 प्रतिशत लोगों को डायबिटीज था, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर की एडवांस स्टेज की संभावना बिना मधुमेह से ग्रसित महिलाओं की तुलना में अधिक थी।

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    डायबिटीज से बचने के लिए अपनाएं हेल्दी लाइफस्टाइल!

    आपको डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) के बारे में या फिर डायबिटीज का ब्रेस्ट कैंसर से संबंध क्या है, इस बारे में जानकारी जरूर मिल गई होगी। मोटापा, स्ट्रेस, अधिक उम्र आदि डायबिटीज की बीमारी के खतरे को बढ़ाने का काम करते हैं। अगर आप अपनी हेल्थ पर ध्यान देते हैं, तो आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। सही समय पर हेल्दी डायट लेना, रोजाना एक्सरसाइज करना, स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूरी (Alcohol) बनाना, योगा या मेडिटेशन की मदद से स्ट्रेस पर काबू पाना, खानपान में अनहेल्दी चीजों से दूरी बनाना, डायबिटीज के खतरे को कम करने का काम करता है। अगर आप कुछ बातों पर ध्यान देंगे, तो मधुमेह की बीमारी के खतरे से बच सकते हैं।

    अगर आपको मधुमेह की समस्या हो भी गई है, तो आपको डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव (Change in lifestyle) करने की जरूरत है। आपको खानें में हाय ग्लाइसेमिक वाले फूड्स से दूरी बनाने की भी जरूर है। आप डॉक्टर से जानकारी लें कि खाने में क्या चीजें शामिल करें और किन चीजों से दूरी बनाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। अगर आप डायबिटीज पर नियंत्रण पा लेते हैं, तो इससे जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में भी मदद मिलेगी। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) ही नहीं बल्कि डायबिटीज के कारण कई बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं। आप मधुमेह से संबंधित अधिक रिस्क फैक्टर की जानकारी डॉक्टर से प्राप्त कर सकते हैं।

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    अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मोटापे के कारण एस्ट्रोजेनिक प्रभाव या मेटाबॉलिक फैक्टर्स जैसे कि हाइपरिन्सुलिनमिया (Hyperinsulinemia) और इंसुलिन रसिस्टेंस (Insulin resistance) के विकास को बढ़ावा देने वाले प्रभाव के कारण मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को पूअर ब्रेस्ट कैंसर का सामना करना पड़ सकता है, जिससे अधिक आक्रामक बीमारी की संभावना भी बढ़ जाती है।

    हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है। इस आर्टिकल में हमने आपको डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर (Diabetes and breast cancer) क्या है, इस बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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