वॉकिंग (Walking) डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए पॉपुलर और सबसे ज्यादा रिकमंड की जाने वाली फिजिकल एक्टिविटी है। जिसे कहीं भी बेहद असानी से किया जा सकता है। डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) ब्लड शुगल लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल करने में भी मददगार है। इसके साथ ही यह वजन को कंट्रोल में रखने में मदद करती है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन हफ्ते में 5 दिन तीस मिनट की वॉक करने की सलाह देता है।
अगर आप डॉक्टर की सलाह पर डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) करते हैं, तो बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप नया फिटनेस रूटीन शुरू करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वे फिटनेस लेवल, ग्लूकोज लेवल और बीमारी के दूसरे फैक्टर्स को देखते हुए सही सलाह देंगे। साथ ही वे जरूरी सावधानियों के बारे में भी बताएंगे जो आपको इस दौरान बरतनी चाहिए। तभी आपको डायबिटीज में वॉक के फायदे मिल सकेंगे।
डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक के फायदे (Morning walk benefits for diabetes)
डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk benefits in diabetes) के कई फायदे हो सकते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं।
ग्लूकोज कंट्रोल (Glucose control)
एक्सरसाइज मसल्स को ब्लड शुगर को एब्जॉर्ब करने में मदद करती है और इसे ब्लडस्ट्रीम में बिल्ड अप होने से रोकते हैं। यह प्रभाव कई घंटों और दिनों तक रह सकता है, लेकिन यह परमानेंट नहीं होता। इसलिए ब्लड ग्लूकोज को कंट्रोल में रखने के लिए वॉकिंग को आवश्यक माना जाता है। यह ज्यादातर टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के मरीजों को प्रिस्क्राइब की जाती है, लेकिन टाइप 1 के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। इस अपने रूटीन का हिस्सा बनाकर ब्लड ग्लूकोज को आसानी से कंट्रोल में रखा जा सकता है।
कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस होती है बेहतर (Cardiovascular fitness gets improve)
डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) और एक्सरसाइजेज करना बेहद जरूरी है क्योंकि अगर डायबिटिक लोग फिजिकली एक्टिव नहीं रहते तो उनके हार्ट को भी खतरा हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) रिस्क काफी बढ़ जाता है। क्योंकि हाय ब्लड शुगर लेवल नर्व्स और ब्लड वेसल्स (Blood vessels) को डैमेज कर सकता है। हार्ट को हेल्दी रखने में भी वॉक के फायदे हैं। इसलिए वॉक करने से दोतरफा फायदे हो सकता है।
वजन रहता है नियंत्रित (Weight management)
मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क फैक्टर माना जाता है। वॉक करने से कैलोरीज बर्न होती हैं जिससे वजन नियंत्रित रहता है। इससे डायबिटीज के दूसरे कॉम्प्लिकेशन्स में भी राहत मिलती है। साथ ही इससे कोलेस्ट्रॉल, हाय ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) के फायदे तो आपने जान लिए, लेकिन इसे शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है।
डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक और फुट केयर (Morning walk and foot care in diabetes)
डायबिटिक व्यक्ति के लिए फुट केयर बेहद जरूरी है। डायबिटीज की वजह से पैरों में नमनेस हो जाती है जिसकी वजह से कई बार पैर में लगी चोट का एहसास नहीं होता। ऐसे में पैदल वॉक पर जाने से पहले जिस जगह आप वॉक करने वाले उसके बारे में जानकारी हासिल करें। जगह किसी चोट का कारण तो नहीं बन सकती ये पता लगा लें क्योंकि नमनेस की वजह से कटने, छिलने का एहसास नहीं होगा। ये चोटें धीरे-धीरे ठीक होती हैं और दूसरे इंफेक्शन का कारण भी बन सकती हैं क्योंकि डायबिटीज का एक अन्य लक्षण छोटी ब्लड वेसल्स में ब्लड का फ्लो कम होना है।
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डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) शुरू करने से पहले इन सभी पहलुओं पर नजर डाल लें। हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट की मदद भी आप ले सकते हैं। अगर आपके लिए मॉर्निंग वॉक सही नहीं है तो वे किसी अन्य एक्सरसाइज को भी रिकमंड कर सकते हैं।
डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) की तैयारी अगर आपने कर ली है, तो इसके लिए सबसे जरूरी है कुछ चीजों को तैयार करना ताकि आपकी वॉक स्मूदली हो सके और इसके फायदे मिल सकें।
वॉकिंग शूज (Walking shoe) का चुनाव करें ध्यान से
वॉकिंग शूज पर बहुत पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। वॉकिंग शूज का सही साइज का होना और शूज का कंफर्टेबल होना जरूरी है। खासकर अंगूठे के पास। वॉकिंग शूज रनिंग शूज से अलग होते हैं। वॉकिंग शूज को फ्लैट होना जरूरी है। शूज पहनते समय मोजों को ना भूलें। ऐसे मोजों का चयन करें जो मॉश्चर और पसीने को सोख सकें। अच्छे फ्रेबिक का चुनाव करें।
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वॉकिंग क्लॉथ (Walking cloth) हो ऐसे
वॉक के समय ऐसे कपड़े पहने जो कि कंफर्टेबल हों और जिनमें आपको वॉक करने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इसके लिए आप फिटनेस टी शर्ट और फिटनेस शॉट्स पहनें। इसके अलावा आप वार्म अप या योगा पैंट्स भी पहन सकते हैं जो आजकल काफी पसंद किए जाते हैं। पसीने सोखने वाले फेब्रिक को प्राथमिकता दें।
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अब आप इन सभी चीजों की तैयारी कर लें तो डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) करते समय इन बातों का ध्यान रखें।
- वॉक पर जाने से पहले कुछ सेकेंड के लिए स्ट्रेचिंग कर लें। जैसे पैरों को थोड़ा स्ट्रेच कर लें। शोल्डर को थोड़ा धीला छोड़ें उन्हें ऊपर नीचे घुमाए इसी तरह गर्दन को भी ऊपर नीचे आगे पीछे घुमा लें।
- वॉक करते वक्त पॉश्चर सही होना बेहद जरूरी है। सीधे खड़े हो और फिर उसी स्थिति में वॉक करें। कमर को सीधा रखें और पेट को अंदर। सही पॉश्चर के लिए आप फिटनेस एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते हैं।
- पहले वॉक की शुरुआत के तीन से पांच मिनट धीमे चलें। ताकि मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह हो सके और शरीर वॉक के लिए तैयार हो सके।
- इसके बाद 20 से 25 मिनट तेज गति से चलें। वॉकिंग स्पीड को बढ़ाने के लिए पैरों के साथ ही हाथों को भी स्पीड से चलाएं।
- इसके बाद एक से तीन मिनट के लिए आराम करें और धीमी गति से वॉक करते हुए वॉक को पूरा कर लें।
इस प्रकार आप डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक कर सकते हैं और डायबिटीज मैनेजमेंट के काम को आसान बना सकते हैं। इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल चेक करना, दवाओं को समय पर लेना, हेल्दी डायट को फॉलो करना बेहद जरूरी है।
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उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज में मॉर्निंग वॉक (Morning walk in diabetes) के फायदों से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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