डायबिटीज की बीमारी दो प्रकार की होती हैं। टाइप 1 डायबिटीज की समस्या में पैंक्रियाज कम या फिर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। इंसुलिन हॉर्मोन ब्लड में ग्लूकोज लेवल को या शुगर लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूज नहीं कर पाता है। डायबिटीज पिल्स या इंसुलिन (Diabetes Pills and Insulin) असरदार होते हैं या नहीं, इस बारे में जानकारी जरूरी है। शरीर में प्रत्येक कोशिका ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करती है। इंसुलिन हॉर्मोन के ठीक से काम न कर पाने के कारण ब्लड में शुगर का लेवल धीमे-धीमे बढ़ता जाता है। डायबिटीज के ट्रीटमेंट के लिए कई दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है। कुछ पेशेंट्स को इंसुलिन का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी जाती है। जानिए मधुमेह की बीमारी में डायबिटीज पिल्स या इंसुलिन (Diabetes Pills and Insulin), दोनों में किसका इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है या फिर दोनों को किन कंडिशन में लेने की सलाह दी जाती है।