टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance In Elderly Obese People With Type 2 Diabetes) होना सामान्य है। इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने का एक तरीका है एक्सरसाइज। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार करने के साथ ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के मैनेजमेंट में भी मदद करती है। हालांकि, कुछ मरीजों को एरोबिक एक्सरसाइज करने की मनाही होती है जिसका कारण उनकी बढ़ी हुई उम्र, मोटापा और डायबिटीज से जुड़ी दूसरी कंडिशन शामिल हैं। ऐसे में टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं? इसकी जानकारी इस लेख में दी जा रही है। सबसे पहले जान लेते हैं कि इंसुलिन और इंसुलिन रेजिस्टेंस क्या होता है?
इंसुलिन (Insulin) और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) क्या है?
टाइप 2 डायबिटीज को डेवलप करने में इंसुलिन (Insulin) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक प्रमुख हॉर्मोन है जिसके बिना हम सर्वाइव नहीं कर सकते। यह बॉडी में ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है। यह एक पूरी प्रॉसेस है:
- हम जो भी खाते हैं वह ब्लड शुगर के रूप में ब्रेकडाउन होता है।
- ब्लड शुगर ब्लडस्ट्रीम में एंटर करती है, तब पैंक्रियाज को सिग्नल मिलता है और वह इंसुलिन को रिलीज करता है।
- इंसुलिन लिवर को भी सिग्नल देता है ब्लड शुगर को स्टोर करने के लिए ताकि इसका बाद में यूज किया जा सके।
- ब्लड शुगर कोशिकाओं में प्रवेश करती है और ब्लडस्ट्रीम में इसका लेवल कम हो जाता है। इससे इंसुलिन भी कम हो जाता है।
- इंसुलिन का कम लेवल लिवर को एलर्ट करता है कि वह स्टोर की हुई ब्लड शुगर को रिलीज करें ताकि एनर्जी हमेशा बरकरार रहे। अगर आप कुछ समय तक कुछ नहीं खाते हैं तो भी।
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ऐसा तब होता है जब यह पूरी प्रकिया अच्छी तरह से संपन्न हो, लेकिन जब यह सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है तो ऐसा होता है:
- बहुत सारी ब्लड शुगर ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश कर जाती है
- पैंक्रियाज ब्लड शुगर को सेल्स में भेजने के लिए बहुत सारे इंसुलिन का प्रोडक्शन करता है।
- एक समय के बाद कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्ड करना बंद कर देती है। क्योंकि वे इंसुलिन रेजिस्टेंट हो चुकी हैं।
- अंतत: पैंक्रियाज ठीक से काम नहीं कर पाता और ब्लड शुगर लगातार बढ़ती रहती है।
ब्लडस्ट्रीम में अत्यधिक ब्लड शुगर शरीर के लिए हानिकारक होती है और इसे जल्दी से जल्दी कोशिकाओं में भेजने की जरूरत होती है। बहुत सारा इंसुलिन भी होता हे तो लिवर और मसल्स को ब्लड शुगर को स्टोर करने का संकेत देता। जब वे फुल हो जाते हैं तो लिवर फैट सेल्स को ब्लड शुगर को बॉडी के रूप में स्टोर करने का एक्सेस देता है। जिससे वजन बढ़ता है और प्रीडायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के डेवलप होने की स्टेज सेट हो जाती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस कैसे होता है ये प्रक्रिया तो आपने समझ ली अब जान लेते हैं इसमें सुधार करने के लिए क्या किया जा सकता है।
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टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance in elderly obese people with type 2 diabetes) और एक्सरसाइज
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर एक्सरसाइज ही एक ऐसा उपाय है जो इसमें सुधार कर सकता है, लेकिन कुछ लोग एरोबिक एक्सरसाइज नहीं कर पाते। डायबिटीज जर्नल के अनुसार ऐसे में वेट लिफ्टिंग या प्रोगेस्टिव रेजिस्टेंस ट्रेनिंग (Progressive resistance training) ऐसे मरीजों के लिए एक सुरक्षित और असरकारक ऑल्टरनेटिव हो सकती है।
यह एक्सरसाइज एनर्जी बैलेंस को प्रमोट करती है, बेसल मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर फैट डिपॉजिशन को कम करती है। यह एज रिलेटेड मसल्स से संबंधित कमजोरियों को दूर करने में मदद करती है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी, ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार करने के साथ ही, मसल मास, स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस को बढ़ाती है। बोन डेंसिटी, ऑस्टियोअर्थरिटिक लक्षण, हायपरटेंशन, लिपिड प्रोफाइल पर भी पॉजिटिवि इफेक्ट दिखाती है।
पीआरटी अवसाद वाले व्यक्तियों में चिंता, अवसाद और अनिद्रा के लक्षणों को भी कम करती है और कार्डिएक इस्किमिक रोग और कंजेस्टिव दिल की विफलता वाले व्यक्तियों में व्यायाम सहनशीलता में सुधार करता ही; ये सभी पहलू मधुमेह के बुजुर्गों की देखभाल के लिए प्रासंगिक हैं। यानी पीआरटी न केवल टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार करती है बल्कि इतने सारे अन्य फायदे भी प्रदान करती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज की तुलना में प्रोगेस्टिव रेजिस्टेंस ट्रेनिंग अधिक फायदेमंद है ऐसा कह सकते हैं।
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टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार के लिए प्रोग्रेसिव रेजिस्टेंस ट्रेनिंग
वेट लिफ्टिंग और प्रोग्रेसिव रेजिस्टेंस ट्रेनिंग स्वस्थ रहने के लिए रिकमंड की जाती है, लेकिन अमेरिकन कॉलेट ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन ने इसे मोटे बुजुर्ग लोगों में कोरोनरी हार्ट डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज के प्रिवेंशन के लिए रिकमंड किया है। मधुमेह में इसका उपयोग अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) द्वारा समर्थित है, हालांकि, वृद्ध व्यक्तियों या लंबे समय से मधुमेह वाले व्यक्तियों में नहीं, लेकिन इसके लिए दिए गए कारण अस्पष्ट हैं और वैज्ञानिक औचित्य द्वारा समर्थित नहीं हैं।
कोई सबूत आधार भी नहीं है जिससे एडीए पीआरटी को हल्के वजन और ऊपरी शरीर के लिए दोहराव की उच्च मात्रा तक सीमित करने की सिफारिश करता है। इस प्रकार, इन दिशानिर्देशों में दी गई परस्पर विरोधी राय टाइप 2 मधुमेह में पीआरटी के जोखिमों और लाभों की बेहतर समझ की आवश्यकता को इंगित करती है। इसलिए किसी प्रकार की एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।
प्रोग्रेसिव रेजिस्टेंस ट्रेनिंग मसकुलर साइज और स्ट्रेंथ को बढ़ाने में मदद करती है। साथ ही बॉडी कंपोजिशन में बदलाव कर लीन बॉडी मास को बढ़ाने कमर के वेट और टोटल बॉडी फैट को घटाने में मदद करती है। यह न्यूरोएंडोक्राइन और कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन में बदलाव लाती है। इसमें आम तौर पर वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज को शामिल किया जाता है। इसमें धीरे-धीरे वेट, सेट्स और समय को बढ़ाया जाता है। इसलिए इस प्रोग्रेसिव रेजिस्टेंस ट्रेनिंग कहा जाता है।
टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance in elderly obese people with type 2 diabetes) में सुधार के लिए अन्य उपाय
इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 मधुमेह के लिए कुछ जोखिम कारकों को बदलना संभव नहीं है, जैसे आनुवंशिक कारक और पारिवारिक इतिहास।
टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार के लिए और टाइप 2 डायबिटीज को रोकने के लिए निम्न कदम उठा सकते हैं।
- स्वस्थ आहार लें- फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, बीन्स, मछली, फलियां और लीन प्रोटीन का सेवन करें।
- कुछ ऐसी ही रणनीतियां, जैसे वजन नियंत्रित करना या धूम्रपान छोड़ना, हृदय रोग और स्ट्रोक को रोकने की कुंजी हैं।
- विशेषज्ञों का कहना है कि प्रीडायबिटीज वाले 50% तक लोग ऐसे उपायों से मधुमेह की शुरुआत को रोक सकते हैं।
- वॉकिंग- अगर आप कोई अन्य एरोबिक एक्सरसाइज नहीं कर सकते तो कम से कम दिन में 30 मिनट मध्यम गतिविधि जैसे तेज चलना करें। ऐसा सप्ताह में 5 या अधिक दिन करें। यदि आप अभी सक्रिय नहीं हैं, तो उस तक काम जरूर करें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको टाइप 2 डायबिटीज वाले बुजुर्ग मोटे लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार कैसे करें इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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