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एक्सरसाइज इंड्यूज्ड यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर क्या पड़ता है लिसिनोप्रिल का प्रभाव?

एक्सरसाइज इंड्यूज्ड यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर क्या पड़ता है लिसिनोप्रिल का प्रभाव?

माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया डायबिटीज के पेशेंट्स में क्लीनिकल न्यूरोपैथी का एक प्रिडक्टिव पैरामीटर है। एक्सरसाइज मधुमेह रोगियों और स्वस्थ व्यक्तियों दोनों में एल्ब्यूमिन का उत्सर्जन बढ़ाता है। लेकिन IDDM ( insulin-dependent diabetes mellitus) रोगियों में एल्ब्यूमिन अधिक होता है। एक्सरसाइज से ग्लोमेरुलर परमिएबिलिटी (glomerular permeability) बढ़ जाती है। इस संबंध में कई स्टडी की गई।

लिसिनोप्रिल समूह में एक्सरसाइज इंड्यूज्ड यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पहले वर्ष के बाद करीब 46 प्रतिशत कम हो गया। हालांकि, यह कंट्रोल ग्रुप में चेंज नहीं हुआ। स्टडी के दौरान सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (sBP) और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (dBP) बेसलाइन पर और 1 साल बाद समान थे। जानिए यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव के संबंध में आखिर क्या स्टडी की गई है।

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यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव क्या है?

नॉर्मोएल्ब्यूमिन्यूरिया वाले कुल 26 आईडीडीएम रोगियों को दो समूहों में बांटा गया। इनमें से एक ग्रुप को प्लेसीबो (Placebo) दिया गया। वहीं दूसरे ग्रुप को प्रतिदिन औसतन 15 मिलीग्राम लिसिनोप्रिल दिया गया। ट्रीटमेंट के करीब एक से दो साल बाद तक एक्सरसाइज इंड्यूज्ड यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव क्या होता है, इस पर स्टडी की गई। प्लेसीबो समूह में दो रोगियों और लिसिनोप्रिल समूह में किसी ने भी माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया विकसित नहीं किया था।

रिजल्ट में क्या बात आई सामने?

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो ग्लाइसेमिक कंट्रोल और हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) सीधे तौर पर एल्ब्यूमिन उत्सर्जन दर से संबंधित होता है। साथ ही नॉर्मोएल्ब्यूमिन्यूरिक (normoalbuminuric) आईडीडीएम रोगियों में भी। लिसिनोप्रिल ट्रीटमेंट ऐसे रोगियों में व्यायाम प्रेरित मूत्र एल्ब्यूमिन उत्सर्जन दर को कम करने का काम करता है। ये आंकड़े माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया (microalbuminuria) के विकास के खिलाफ लिसिनोप्रिल के सुरक्षात्मक प्रभाव का सुझाव देते हैं। एक्सरसाइज इंड्यूज्ड यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव पड़ता है, इस बारे में तो आप जान ही गए होंगे। आइए जानते हैं कि लेसिनोप्रिल का इस्तेमाल आखिर क्यों किया जाता है।

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लेसिनोप्रिल (Lisinopril) का क्यों किया जाता है इस्तेमाल?

यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव पड़ता है और इस बारे में कई स्टडी भी की जा चुकी हैं।लेसिनोप्रिल (Lisinopril) एक महत्वपूर्ण ड्रग है, जिसका इस्तेमाल करने से हायपरटेंशन (Hypertension) यानी कि हाय ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही हाय ब्लड प्रेशर की समस्या में भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये दवा ओरल और टेबलेट के रूप में मिलती है। हार्ट अटैक के बाद अगर इस दवा का इस्तेमाल किया जाए, तो सर्वाइवल रेट बढ़ जाता है।

अगर आप गर्भवती हैं या प्रेग्नेंसी की तैयारी कर रही हैं, तो आपको यह दवा नहीं लेनी चाहिए। यह दवा आपके अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है या उसके लिए नुकसानदायक हो सकती है। यदि आप इस दवा को लेते समय गर्भवती हो जाती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं। गर्भावस्था के दौरान अपने ब्लड प्रेशर को कम करने के अन्य तरीकों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। दवा का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से चेहरे, हाथ, पैरों, होंठो, गले और आंतों में सूजन की समस्या हो जाती है। ये स्थिति कई बार खतरनाक भी साबित हो सकती है। वहीं लंबे समय तक इस दवा का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर लो की समस्या भी हो जाती है। अगर आपको दवा लेने के बाद चक्कर महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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इस दवा का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से लगातार खांसी की समस्या भी हो सकती है। अगर आपकी खांसी नहीं रुक रही है, तो आप इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। यह एक प्रिसक्रिप्शन ड्रग है यानी कि बिना डॉक्टर से जानकारी लिए आपको उसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसका इस्तेमाल कॉन्बिनेशन थेरिपी में भी किया जाता है। यानी कि अन्य दवाओं के साथ भी इस ड्रग को लेने की सलाह दी जा सकती है। यह एसीई इनहिबिटर्स के अंतर्गत आता है। इस दवा का इस्तेमाल करने से शरीर के ब्लड वेसल्स को रिलैक्स यानी कि आराम महसूस होता है और यह स्ट्रेस को भी कम करने का काम करती है। इस तरह से हाय ब्लड प्रेशर नार्मल करता है। यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव के बारे में आप डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।

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डायबिटीज को कंट्रोल में रखना है जरूरी

डायबिटीज लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है। अगर लाइफस्टाइल में सुधार कर लिया जाए, तो डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल ना करने पर शरीर में अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे में एक नहीं बल्कि कई बीमारियों का सामना एक साथ करना पड़ सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको खानपान में बदलाव (लो ग्लाइसेमिक वैल्यू फूड्स), एक्सरसाइज करना, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, स्ट्रेस से दूर रहना, मेडिटेशन करना आदि बातों का ध्यान रखना होगा। ऐसा करने से आप अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में रख सकते हैं। डायबिटीज के पेशेंट को समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की भी जांच करानी चाहिए। जो सावधानियां डॉक्टर ने बरतने के लिए कही है, उन पर भी ध्यान देना चाहिए। कुछ बातों का ध्यान रख आप न केवल डायबिटीज से बल्कि डायबिटीज के कारण होने वाली बीमारियों को भी नियंत्रित रख सकते हैं।

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दे सकते हैं। साथ ही कुछ दवाओं का सेवन करने की भी सलाह दी जाती है। ऐसे में आपको इंजेक्शन के साथ ही दवाओं का सेवन समय पर करना चाहिए। ब्लड शुगर को चेक करने पर अगर आपको ब्लड में अधिक शुगर के बारे में जानकारी मिले, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर बताए गए बदलावों को अपनाना चाहिए।

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इस आर्टिकल में हमने आपको यूरिनरी एल्ब्यूमिन एक्सक्रीशन रेट पर लिसिनोप्रिल का प्रभाव क्या होता है, को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Long-Term Lisinopril Therapy Reduces Exercise-Induced Albuminuria in Normoalbuminuric Normotensive IDDM Patients

https://diabetesjournals.org/care/article/21/8/1345/20095/Long-Term-Lisinopril-Therapy-Reduces-Exercise

https://watermark.silverchair.com/21-8-1345.pdf?tGU3AmQ63QP2nmrFa6DMUOrL26bQ-w8gbhnK9dWM3PEoce4ML2kqhWdExLXcjhx

https://www.niddk.nih.gov/health-information/diabetes/overview/what-is-diabetes#:~:text=Diabetes%20is%20a%20disease%20that,to%20be%20used%20for%20energy.

https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/diabetes

https://www.cdc.gov/diabetes/basics/diabetes.html

 

Current Version

16/02/2022

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/02/2022

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