हमारे शरीर में हॉर्मोन्स का अहम रोल होता है। शरीर में विभिन्न प्रकार के हॉर्मोन पाए जाते हैं, जो शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं में भाग लेते हैं। हमे एनर्जी प्राप्त करने के लिए भोजन से ग्लूकोज की जरूरत होती है। भोजन के पाचन के बाद ब्लड में ग्लूकोज पहुंचता है, जो पूरे शरीर को एनर्जी देने का काम करता है। ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने के काम इंसुलिन हॉर्मोन करता है। इंसुलिन के प्रोडक्शन में अगर किसी प्रकार की समस्या हो जाए, तो शरीर में बीमारियां शुरू हो जाती है। डायबिटीज इसी समस्या के कारण होती है। डायबिटीज के कारण सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको सेक्स और बीएमआई टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनीलुरिया और थियाजोलिडाइनायड्स के लाभों और जोखिमों के संबंध में हुई स्टडी के बारे में जानकारी देंगे। टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर (Sex and BMI alter in type 2 diabetes) अहम है। आइए पहले जानते हैं कि आखिर क्या है टाइप 2 डायबिटीज की समस्या।
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क्यों होती है टाइप 2 डायबिटीज की समस्या?
पहले कम ऐसे लोग होते थे, जिन्हें डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ता था। यह बीमारी एक उम्र के बाद होती थी लेकिन कुछ ही सालों में लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण ज्यादातर लोगों को टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी के कारण इंसुलिन की मात्रा कम बनने लगती है। इस कारण से शरीर में इंसुलिन का इस्तेमाल ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। इंसुलिन का ठीक प्रकार से इस्तेमाल ना हो पाने के कारण ब्लड में शुगर का लेवल तेजी से बढ़ने लगता है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोग अगर अपने खान-पान पर ध्यान रखें और साथ ही लाइफ स्टाइल में सुधार करें, तो डायबिटीज की बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज के लक्षणों को जल्द पहचानकर भविष्य में आने वाली अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है। टाइप 2 डायबिटीज के कारण प्यास ज्यादा लगना, बार-बार यूरिनेशन, वजन में कमी होना, थकान, ब्लर विजन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर (Sex and BMI alter in type 2 diabetes) के संबंध में स्टडी के बारे में।
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टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर (Sex and BMI alter in type 2 diabetes)
मेटफोर्मिन के बाद टाइप 2 डायबिटीज के लिए थेरिपी च्वॉइज ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स बड़े ग्रुप में देखे जाने वाले साइडइफेक्टस द्वारा निर्देशित होता है। जिन पेशेंट्स के ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स या साइड इफेक्ट का जोखिम भिन्न होता है, उन पेशेंट्स के ग्रुप की पहचान करने के लिए स्टडी की गई। इसमें मूल्यांकन किया गया कि क्या सिंपल क्लीनिकल करेक्टरस्टिक अलग-अलग ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया वाले रोगियों की पहचान कर सकती हैं और सल्फोनीलुरिया और थियाजोलिडाइनायड्स के साथ दुष्प्रभाव संभव हो सकते हैं।
सीपीआरडी में, मेल सेक्स और लो बीएमआई सल्फोनीलुरिया के साथ हाय ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स और थियाजोलिडाइनायड्स (Thiazolidinediones) के साथ लो रिस्पॉन्स से जुड़े थे। ADOPT और RECORD में, नॉन ऑब्सेस मेल में थियाज़ोलिडाइनायड्स (Thiazolidinediones) की तुलना में सल्फोनीलुरिया के साथ HbA1c की कमी थी। इसके विपरीत, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में सल्फोनीलुरिया (Sulfonylureas) की तुलना में थियाजोलिडाइनायड्स के साथ एचबीए1सी की कमी अधिक थी। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में वजन बढ़ना और थियाजोलिडाइनायड्स के साथ एडिमा जोखिम सबसे बड़ा था; हालांकि, सल्फोनीलुरिया के साथ हाइपोग्लाइसीमिया जोखिम सभी सबग्रुप में एक जैसे थे।
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टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर: सीपीआरडी (CPRD) क्या है?
आपके मन में ये सवाल जरूर चल रहा होगा कि आखिर सीपीआरडी (CPRD) क्या है। सीपीआरडी अज्ञात प्राथमिक देखभाल इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का दुनिया का सबसे बड़ा डेटाबेस है। CPRD डेटा असेसमेंट के लिए हमारी स्टडी प्रोटोकॉल पहले में जानकारी दी गई है। सीपीआरडी के फरवरी 2014 के निर्माण से टाइप 2 डायबिटीज और एक सल्फोनील्यूरिया या थियाजोलिडाइनायन के रिकॉर्ड वाले 22,379 नॉन-इंसुलिन-उपचारित रोगियों का अध्ययन किया गया। करीब 1 वर्ष से अधिक की डायबिटीज अवधि वाले रोगियों को शामिल किया गया। डायग्नोसिस के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव के प्रभाव को कम करने के लिए और कम से कम 1 वर्ष चिकित्सा पर बिना ग्लूकोज कम करने वाली चिकित्सा में बदलाव किया गयाय़
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टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर: लॉन्ग टर्म रिस्पॉन्स, वेट गेन और साइड इफेक्ट्स
स्टडी के दौरान प्रत्येक सबग्रुप में चिकित्सा द्वारा प्रत्येक परिणाम को अलग-अलग कैसे बदल दिया गया, इस संबंध में तुलना की गई। इस दौरान वेट चेंज ऐनालिसिस भी किया गया। समय के साथ ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स का अनुमान लगाने के लिए प्रत्येक स्टडी पर 5 साल तक ऑन-थेरेपी HbA1c वैल्यू का उपयोग करते हुए टेस्ट किया गया। सेम एप्रोच के साथ ही वेट चेंज मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है।
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सीपीआरडी में, हमने 22,379 पात्र रोगियों में 1 वर्षीय ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया से जुड़े क्लीनिकल फैक्टर्स की जांच की। सेक्स और बीएमआई (BMI) ने थेरिपी के लिए सबसे बड़ी अंतर प्रतिक्रिया दिखाई दी। पुरुषों की तुलना में, महिलाओं में थियाजोलिडाइनायड्स के साथ अधिक प्रतिक्रिया होती है लेकिन सल्फोनीलुरिया के साथ कम प्रतिक्रिया होती है। हाय बीएमआई (High BMI) थियाजोलिडाइनायड्स के साथ अधिक प्रतिक्रिया के साथ जुड़ा था लेकिन सल्फोनीलुरिया के साथ कम रिस्पॉन्स दिया।
इस संबंध में अभी भी स्टडी चल रही है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर (Sex and BMI alter in type 2 diabetes) के संबंध में जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको डायबिटीज और उससे जुड़े किसी भी सावधानी से संबंधित जानकारी चाहिए तो आपको तुरंत डॉक्टर से तुरंत परामर्श करना चाहिए। डायबिटीज लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है। अगर सही समय पर बीमारी का ट्रीटमेंट मिल जाए, तो कई बीमारियों से दूर रहा जा सका।
इस आर्टिकल में हमने आपको टाइप 2 डायबिटीज में सेक्स और बीएमआई अल्टर (Sex and BMI alter in type 2 diabetes) लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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