परिचय
मैक्युलर डीजेनेरेशन (Macular Degeneration) क्या है?
मैक्युलर डीजेनेरेशन आंख की एक क्रॉनिक डिजीज है। रेटिना के बीच में मैक्युला (Macula) स्थित होता है। मैक्युला आंख के पीछे की तरफ स्थित संवेदनशील ऊत्तक की एक पतली परत होता है। मैक्युला के चलते हमें आंखे से सीधे सामने दिखाई देता है। मैक्युलर डीजेनेरेशन को ऐज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन (AMD) के नाम से भी जाना जाता है। मैक्युला के ऊत्तक क्षतिग्रस्त हो जाने पर हमें मैक्युलर डीजेनेरेशन बीमारी हो जाती है। इससे हम आंखों के बीचों बीच की वस्तु स्पष्ट रूप से देख नहीं पाते हैं। भले ही आप किसी वस्तु को पास या दूर से देख रहे हों, इसके बावजूद वह चीज आपको स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। हालांकि, आंखों के चारो तरफ या पेरिफेरल (Peripheral) विजन एकदम सामान्य होता है।
उदाहरण के लिए आप अपने हाथ में बंधी घड़ी को देख रहे हैं। मैक्युलर डीजेनेरेशन की स्थिति में आपको केंद्र का दृष्य स्पष्ट दिखाई नहीं देगा। ज्यादातर बुजुर्गों में अंधापन मैक्युला के क्षतिग्रस्त होने पर आता है। हालांकि, शुरुआती चरण में इसकी पहचान करके सही उपचार से आंखों की रौशनी को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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कितना सामान्य है मैक्युलर डीजेनेरेशन होना?
मैक्युलर डीजेनेरेशन आंखों की एक गंभीर समस्या है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण मैक्युलर डीजेनेरेशन है। सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुमान है कि अकेले अमेरिका में करीब 18 लाख लोगों को मैक्युलर डीजेनेरेशन है। मैक्युलर डीजेनेरेशन से करीब 73 लाख लोगों की आंखों की रौशनी जाने का खतरा है। मैक्युलर डीजेनेरेशन दो प्रकार के होते हैं। पहला तो ड्राय एथरोपिक और दूसरा वेट एक्सयूडेटिव।
लक्षण
मैक्युलर डीजेनेरेशन के क्या लक्षण है?
शुरुआत में आपको मैक्युलर डीजेनेरेशन के लक्षण नजर आ सकते हैं और नहीं भी। लक्षणों को बदतर होने या दोनों आंखों को प्रभावित होने की स्थिति में ही मैक्युलर डीजेनेरेशन का पता लगाया जा सकता है।
मैक्युलर डीजेनेरेशन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- स्पष्ट विजन में कमी या बदतर होना। आपको धुंधला दिखाई दे सकता है।
- छोटे प्रिंट को पढ़ने और ड्राइव करने में परेशानी
- आंखों के बीच में काला और धुंधला दिखना
- चीजें टेढ़ी-मेढ़ी दिखाई देना
- चीजें छोटी और दूर दिखाई देना
- धीमी रौशनी में देखने में परेशानी आना
- रंगों की तीव्रता या ब्राइटनेस में कमी
- चेहरा पहचानने में समस्या आना
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
आंखों की रौशनी में यदि आपको उपरोक्त लक्षण नजर आते हैं तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी आंख में अन्य प्रकार की समस्या आने पर चिकित्सा सहायता लें। मैक्युलर डीजेनेरेशन के लक्षण शुरुआती दौर में जल्दी समाने नहीं आते हैं। हालांकि, उचित समय पर इनकी पहचान करके इसे रोका जा सकता है।
कारण
मैक्युलर डीजेनेरेशन होने के कारण क्या है?
ऐज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन अधिक उम्र के लोगों में होना एक सामान्य बात है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में मैक्युलर डीजेनेरेशन अंधेपन का एक बड़ा कारण है। मैक्युलर डीजेनेरेशन एक जेनेटिक समस्या भी हो सकती है, जो आपको वंशानुगत मिली हो। यदि आपके परिवार में किसी को मैक्युलर डीजेनेरेशन है तो यह आपको भी हो सकती है।
इसके अतिरिक्त मैक्युलर डीजेनेरेशन के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- स्मोकिंग
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- मोटापा
- अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट खाना
- पतली त्वचा होना
- महिला होना
- आंखों का रंग हल्का होना
जोखिम
मैक्युलर डीजेनेरेशन के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
मैक्युलर डीजेनेरेशन से निम्नलिखित समस्याएं सामने आ सकती हैं:
- मोतियाबिंद
- ग्लूकोमा
- रेटिनल डिटेचमेंट (Retinal Detachment) या ड्राई आई (Dry Eyes)
- मैक्युलर डीजेनेरेशन से आंख की अन्य प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मैक्युलर डीजेनेरेशन का निदान कैसे किया जाता है?
- नियमित रूप से की जाने वाली आंखों की जांच से मैक्युलर डीजेनेरेशन का पता लगाया जा सकता है। शुरुआत में रेटिना के बीच में एक छोटा पीला तिल नजर आता है। आंखों की नियमित जांच के वक्त इसका पता लगाया जा सकता है।
- आपका डॉक्टर आपसे एक एमसलर ग्रिड (Amsler grid) को देखने के लिए कह सकता है। यह सीधी रेखाओं का एक पैटर्न है, जो एक चेकबोर्ड की तरह दिखता है। इसमें से कुछ रेखाएं आपको लहराती हुई नजर आ सकती हैं। साथ ही आपको कुछ रेखाएं गायब नजर आ सकती हैं। इस प्रकार के संकेत मैक्युलर डीजेनेरेशन के लक्षण हो सकते हैं।
- ऐज-रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन के लक्षण नजर आने पर एंजियोग्राफी (Angiography) या ओसीटी (OCT) की सलाह दी जा सकती है। एंजियोग्राफी में डॉक्टर आपकी बाजुओं की नसों में डाई को इंजेक्शन के जरिए डालेगा। जैसे-जैसे डाई आपकी आंखों की नसों में आगे बहती है वैसे-वैसे उसकी तस्वीरें ली जाती हैं। यदि इस दौरान नई रक्त वाहिकाओं से फ्लूड या मैक्युला में ब्लड रिसता हुआ नजर आने पर इसकी जगह पता चल जाती है। साथ ही यह किस जगह पर लीक हो रहा है, यह जानकारी भी स्पष्ट रूप से मिल जाती है।
- ओसीटी के जरिए रेटिना में बिना डाई या ब्लड के इसका पता लगाया जा सकता है। शुरुआती चरण में मैक्युलर डीजेनेरेशन का पता लगाने के लिए नियमित जांच जरूरी है। उचित समय पर इलाज इस समस्या में आने वाली जटिलताओं को धीमा कर देता है।
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मैक्युलर डीजेनेरेशन का इलाज कैसे होता है?
मैक्युलर डीजेनेरेशन का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, इलाज से इसकी गति को धीमा कर दिया जाता है। ऐसा होने पर आपकी दृष्टि में कमी आने की रफ्तार धीमी हो जाती है।
निम्नलिखित तरीकों से मैक्युलर डीजेनेरेशन का इलाज किया जा सकता है:
एंटी-एनजिओजेनेसिस ड्रग्स (Anti-angiogenesis drugs)
इन दवाइयों में एफ्लिबरसेप्ट (एयलेआ) aflibercept (Eylea), बेवासिजुमाब (एवास्टिन) bevacizumab (Avastin), पेगाप्टेनिब (मेक्युगेन) pegaptanib (Macugen) और रेनिबिजुमेब (लुसेंटिस) ranibizumab (Lucentis) दवाइयां शामिल हैं। यह नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोक देती हैं। साथ ही आंखों में से फ्लूड रिसने को भी ब्लॉक कर देती हैं, जो वैट (Wet) मैक्युलर डीजेनेरेशन का कारण बनता है। ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने इन दवाइयों का सेवन करके खोई हुई रौशनी को दोबारा पाया है। संभवतः आपको इस इलाज की आवश्यकता कई बार पड़ सकती है।
लेजर थेरेपी: लेजर थेरेपी के जरिए आंखों में विकसित हो रहीं असामान्य रक्त वाहिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है।
फोटोडायनेमिक लेजर थेरेपी (Photodynamic laser therapy): आपका डॉक्टर हल्की संवेदनशील दवाइयों को इंजेक्ट कर सकता है। वेरटेपोरफिन (विसुडायन) verteporfin (Visudyne) दवा को आपकी ब्लड स्ट्रीम में डाला जाता है। इस दवा को असामान्य रक्त वाहिकाएं सोख लेती हैं। इसके बाद नेत्र विशेषज्ञ आंखों पर रौशनी डालकर इन रक्त वाहिकाओं का पता लगाता है और उन्हें नष्ट कर देता है।
लेंस और डिवाइस
यह विशेष प्रकार के लेंस या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स होते हैं, जो आपकी आंखों के चारो तरफ विशाल विजन बनाते हैं। मैक्युलर डीजेनेरेशन से आंखों की रोशनी खोने वाले लोगों के लिए यह मददगार साबित होते हैं। यह डिवाइस उनकी बची हुई रौशनी को बचाए रखने में मदद करते हैं।
मैक्युलर डीजेनेरेशन के इलाज के कुछ अन्य तरीके, जिन पर शोध किया जा रहा है:
सबमैक्युलर सर्जरी: इस सर्जरी के माध्यम से आंखों से असामान्य रक्त वाहिकाएं या ब्लड को निकाल लिया जाता है।
रेटिनल ट्रांसलोकेशन (Retinal translocation)
यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो असामान्य रक्त वाहिकाओं को नष्ट कर देती है। यह रक्त वाहिकाएं मैक्युला के नीचे केंद्र में होती हैं। यहां पर डॉक्टर लेजर बीम का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से नहीं कर सकता है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर मैक्युला को असामान्य रक्त वाहिकाओं से रोटेट करता है। मैक्युला को रेटिना के हेल्दी इलाके की तरफ ले जाया जाता है। यह तरीका आपके ऊत्तकों और रेटिना को होने वाले नुकसान से बचाता है। इसके बाद डॉक्टर असामान्य रक्त वाहिकाओं का इलाज करने के लिए लेजर का इस्तेमाल करता है।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले वदलाव क्या हैं, जो मुझे मैक्युलर डीजेनेरेशन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित तरीकों से मैक्युलर डीजेनेरेशन की रोकथाम की जा सकती है:
- एक हेल्दी दिनचर्या मैक्युलर डीजेनेरेशन के विकसित होने के खतरे को कम कर देती है।
- हरी पत्तेदार सब्जियों, मछली सहित एक हेल्दी डायट लेने से इसकी रोकथाम संभव है।
- स्मोकिंग छोड़ना, मैक्युलर डीजेनेरेशन की रोकथाम में एक बड़ा कदम माना जाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना।
- वजन को सामान्य स्तर पर रखना।
- प्रतिदिन नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज करने से मैक्युलर डीजेनेरेशन का खतरा कम होता है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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