योग और आसन के काफी महत्व होते हैं। जीवन में सिर्फ इसे अपना लेने से ही हम रोग मुक्त जीवन जी सकते हैं। परिवृत्त पार्श्वकोणासन के भी कई सारे लाभ हैं, जिससे हम जीवन में रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। परिवृत्त पार्श्वकोणासन शब्द संस्कृत के शब्द से लिया गया है। जिसके तहत परिवृत्त का अर्थ घूमना होता है, पार्श्व का अर्थ साइड से है, वहीं कोण को एंगल कहा जाता है। इस आसन का तात्पर्य पोज, पॉश्चर और सीट से है। कुल मिलाकर कहा जाए तो परिवृत्त पार्श्वकोणासन को रिसॉल्वड साइड एंगल पोज यानी घूमने वाली कोण मुद्रा कहा जाता है, जिसमें हमारा शरीर एक ओर घूमता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि परिवृत्त पार्श्वकोणासन कैसे किया जाता है? इसके फायदे और नुकसान के साथ सावधानियों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
पवित्र त्रिकोणासन की तुलना में है काफी लाभकारी
परिवृत्त पार्श्वकोणासन की बात करें तो यह आसन पवित्र त्रिकोणासन की तुलना में जहां ज्यादा ताकतवर है, वहीं इस आसन की तुलना में इसके कई लाभकारी गुण भी हैं। यही वजह है कि जो भी व्यक्ति इस आसन को अपनी जीवनशैली में शामिल करता है, उसे काफी लाभ मिलता है। बता दें कि इस आसन को परफॉर्म करने से हमारे शरीर के अंगों की वर्जिश होने की वजह से खाना आसानी से पचता है वहीं शरीर का ब्लड सर्क्युलेशन भी ठीक होता है। इस आसन को करने से पेट और रीढ़ की हड्डी का स्तंभ उत्तेजित होता है। इस आसन को करने से बिना किसी खिंचाव के ही पेट से वेस्ट पदार्थ कोलोन से बाहर निकल जाता है। इस कारण व्यक्ति का पेट तंदुरूस्त रहने के कारण मन भी स्वस्थ्य रहता है और वो अपने रोजमर्रा के कामकाज को आसानी से कर पाता है।
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परिवृत्त पार्श्वकोणासन के हैं कई फायदें
- इस आसन को करने से पांव, घुटने और कोहनी की मांसपेशियां व हड्डियां मजबूत होती हैं
- इस आसन को करने से कमर, रीढ़, छाती और फेफड़े के साथ कंधों की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है
- पेट के ऑर्गन की एक्सरसाइज हो जाती है, इससे वो सामान्य की तुलना में काफी अच्छे से काम करते हैं ऐसा उनके उत्तेजित होने के कारण होता है
- व्यक्ति के स्टेमिना भी बढ़ती है
- व्यक्ति के डायजेशन में सुधार होता है, वहीं यह आसन कई प्रकार की बीमारियों से बचाव कर सकता है
- शरीर में बैलेंस का विकास होता है
- परिवृत्त पार्श्वकोणासन से इनफर्टिलिटी, लो बैक पेन, ऑस्टियोपोरोसिस और साइटिका की बीमारी से लोगों को काफी राहत मिलती है।
- अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है, तो परिवृत्त पार्श्वकोणासन नियमित रूप से करें। इससे कॉन्स्टिपेशन की समस्या दूर हो सकती है।
- हृदय के आस-पास के मसल्स को भी स्ट्रांग करने में सफलता मिलती है।
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फिजिकल बेनीफिट्स जानें
परिवृत्त पार्श्वकोणासन करने वालों को स्ट्रेचिंग करने से खिंचाव संबंधी परेशानी नहीं होती है, उनका शरीर सामान्य लोगों की तुलना में अधिक फ्लैक्सीबिल होता है। इस पोज को करने से थाइ, एंकल के साथ स्पाइन और बैक मसल्स न केवल मजबूत होते हैं बल्कि मांसपेशियों में अच्छे से ब्लड सर्क्युलेशन होता है।
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एनर्जेटिक बेनीफिट्स जानें
इस पोज को करने से जहां हममें एकाग्रता बढ़ती है वहीं बैलेंस में भी काफी सुधार होता है। इसे करने से हम आसानी से अपने रोजमर्रा के काम को कर पाते हैं। आप खुद महसूस करते होंगे कि कई बार आपको झुकने, मुड़ने के दौरान कंधे या कमर में मोच आ जाती है, लेकिन इस आसन को करने वाले लोग आसानी से गर्दन और कमर को मोड़ पाते हैं। वहीं इसे करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलता है।
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जानें कैसे करें परिवृत्त पार्श्वकोणासन?
परिवृत्त पार्श्वकोणासन इस तरह से करें। जैसे:
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
- अब गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों के बीच 4-5 फीट की दूरी बनाते हुए फैलाएं।
- अब अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को नब्बे डिग्री और बाएं पैर को साठ डिग्री घुमाएं।
- अब दाएं पैर के घुटने को मोड़े और बाएं पैर के जांघ को सतह के सामानान्तर ले जाएं।
- अब बाएं पैर को सीधा करें। और शरीर को दाएं तरफ मोड़ें।
- ध्यान रखें कि दाएं पैर को सतह पर लगाकर रखें, वहीं हाथों को नमस्ते मुद्रा में भी आप रख सकते हैं।
- यदि आप इस आसन को आसानी से नहीं कर पा रहे हैं और अपनी पीठ को इस मुद्रा में नहीं रख सकते हैं तो पीछे की एड़ी को फर्श से उठाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर नमस्ते मुद्रा में आ जाएं।
- दृष्टि की बात करें तो आंखों से सीलिंग की ओर देखें।
- इस अभ्यास से लाभ पाने के लिए इसे नियमित करें और कोशिश करें ज्यादा देर तक करने की।
- परिवृत्त पार्श्वकोणासन को 90 डिग्री का कोण बनाते हुए करें।
परिवृत्त पार्श्वकोणासन के फायदे ज्यादा से ज्यादा मिले इसलिए इस आसन की शुरुआत से पहले निम्न आसन करें
- गरुड़ासन
- गोमुखासन
- बद्ध कोणासन
- वीरासन
इन ऊपर बताये 4 योगासन को नियमित परिवृत्त पार्श्वकोणासन से पहले करें।
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जानें कितनी देर तक करें प्रैक्टिस?
परिवृत्त पार्श्वकोणासन यह प्रिपेयरिंग पोज है, इसके बाद आप अन्य पोज को करते हैं। यदि कोई शुरुआत में या फिर नया-नया परिवृत्त पार्श्वकोणासन आसन कर रहा है, तो उसे कम से कम 30 सेकेंड से एक मिनट तक इस मुद्रा में रहना चाहिए। वहीं इस पोज को 30 सेकेंड से लेकर एक मिनट तक किया जा सकता है। एडवांस योग कर चुके लोग भी इस फुल पोज को 30 सेकेंड से एक मिनट तक कर शारिरिक और मानसिक लाभ उठा सकते हैं।
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जानिए परिवृत्त पार्श्वकोणासन करने को लेकर सावधानी और क्या न करे
परिवृत्त पार्श्वकोणासन वैसे लोगों को कतई नहीं करना चाहिए जिन्हें सिरदर्द, हाई और लो ब्लड प्रेशर के साथ इन्सोमनिया की बीमारी है। इतना ही नहीं यदि किसी व्यक्ति को गर्दन से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या है या फिर उसे पीछे मुड़ने में समस्या आती है या कुछ लोगों को हाथ को ऊपर उठाने में भी परेशानी महसूस होती है, तो वह इस आसन को न करें। कुछ लोगों को तो सीधे खड़े होकर अपने बाएं और दाएं देखने में भी उन्हें काफी दिक्कत होती है। वहीं कुछ लोगों को लंबे समय तक मुड़े रहने में परेशानी होती है, कुछ लोगों को नीचे झुकने में परेशानी होती है, तो वैसे लोगों को परिवृत्त पार्श्वकोणासन परफॉर्म नहीं करनी चाहिए। वैसे लोगों को इस आसन को परफॉर्म करने के पूर्व एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। वहीं इसे गर्भवती महिलाओं को नहीं करनी चाहिए, इसके लिए जरूरी है कि वो एक्सपर्ट की सलाह ले लें।
- अगर आपको परिवृत्त पार्श्वकोणासन योग तब न करें जब आपको जोड़ों में दर्द हो या घुटनों में दर्द हो।
- बैक पेन होने पर परिवृत्त पार्श्वकोणासन नहीं करना चाहिए।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए योगा एक्सपर्ट से सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
पहली बार करने वालों के लिए सीख
परिवृत्त पार्श्वकोणासन आसन को जो पहली बार परफॉर्म कर रहा है, तो वे बैलेंस करने में असहज महसूस कर सकते हैं। खासतौर पर पीठ को घुमाने के दौरान बैलेंस करने की स्थिति में अपने बैलेंस को बनाये रखने लिए जो लोग पहली बार करने जा रहे हैं वह चाहें तो दीवार का सहारा ले सकते हैं, ताकि इस आसन को अच्छे से परफॉर्म कर सकें। बावजूद इसके, किसी प्रकार की समस्या आए तो योगा ट्रेनर की मदद लेनी चाहिए।
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हमेशा परिवृत्त पार्श्वकोणासन परफॉर्म करने से पहले लें एक्सपर्ट की सलाह
परिवृत्त पार्श्वकोणासन परफॉर्म करने के पहले हम लोगों को एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि इस आसन के फायदों को उठाने के लिए जरूरी है कि इसे सही तरह से परफॉर्म किया जाए। हल्की-सी भी चूक हमें और हमारे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम अच्छे से परफॉर्म करें। बिना योगा एक्सपर्ट के सलाह के इसे परफॉर्म करने से नकारात्मक असर भी दिख सकते हैं। हो सकता है सही से यह आसन परफॉर्म न करने के कारण मोच भी आ सकती है।
अगर आप परिवृत्त पार्श्वकोणासन या किसी अन्य आसन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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