अपान मुद्रा दो शब्दों को मिलाकर बना है। इसके तहत अपान का अर्थ वात से है, जो हमारे शरीर के लोअर एब्डॉमिन में होता है। वहीं मुद्रा का अर्थ जेश्चर, सील, मार्क और पोज से है। इसे पाचन शक्ति की मुद्रा भी कहा जाता है। मुद्रा ऑफ डायजेशन के नाम से भी यह काफी प्रसिद्ध है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इस मुद्रा को कर हम शरीर में वायु और स्पेस से जुड़ी जटिलताओं और समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें की अपान मुद्रा (Apaan Mudra) नौसिखिए लोगों के लिए नहीं हैं, क्योंकि योग व प्राणायाम कर पहले शारीरिक कमियों को दूर करने के बाद जब आप तमाम आसन व योग मुद्राओं में परिपक्व हो जाते हैं, तो इस मुद्रा की ओर रुख करना चाहिए। अपान मुद्रा को मानसिक शक्ति के बल पर किया जाए, तो इसके अपार फायदे मिलते हैं। इस आर्टिकल में हम एक्सपर्ट की मदद से अपान मुद्रा के बारे में जानने के साथ इसे कैसे किया जाए और इसके फायदों के साथ नुकसान और किसे यह आसन परफॉर्म नहीं करना चाहिए यह जानने की कोशिश करते हैं।