व्यायाम के दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ जितने महत्वपूर्ण हैं, बस उनके बारे में पता होना अधिकांश लोगों को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके बजाय, शोध बताता है कि आपको अधिक तात्कालिक लाभों पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए जिम डिसिप्लिन बहुत जरूरी है। मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों का मुख्य लक्ष्य लंबे समय तक जीवित रहना या स्वस्थ होना था। ये लोग वास्तव में “जीवन की गुणवत्ता’ पाने के लिए व्यायाम करने वालों की अपेक्षा कम व्यायाम करते हैं। इसके साथ यह भी देखना जरूरी है कि व्यायाम आपको तनावपूर्ण नौकरी या अन्य किसी तनाव से बेहतर ढंग से सामना करने में मदद करेगा, तो आपको इस धारणा के मुकाबले जिम में जाने के पीछे यह कारण सोचना चाहिए कि व्यायाम आपको 20 सालों तक दिल के दौरे से बचने में मदद करेगा।
यहां जरूरी है कि आप यह पहचानें कि आपके लिए व्यायाम के क्या फायदे हैं। क्या यह साउंड स्लीप, बेहतर मूड, साफ सोच, दर्द को कम करने या अधिक धैर्य के लिए यह आपको समझना होगा। साथ ही यह भी जान लें कि यदि आपने व्यायाम करना अभी शुरू किया है, तो आपको ऐसे लाभ तुरंत नहीं दिखते हैं, इसलिए यह निर्धारित करना कि आपके लिए इनमें से कौन सा लागू होता है, इसे समझने के लिए थोड़ा समय लग सकता है। एक बार जब आप इसका पता लगा लेते हैं, तो यह सोचकर अपना फोकस बनाएं रखें। इन लक्ष्यों को बेहतर तरीके से पाने के लिए उन्हें अपने बाथरूम के मिरर या फ्रिज पर लिखें, जहां आप इसे आसानी से देख सकें। ऐसे में यह आपको मोटिवेट रखने में मदद करेंगे जब भी आपका फोकस कम होता है। इस तरह के तरीकों को अपना कर आप जिम डिसिप्लिन बनाएं रख सकते हैं।
दोस्त के साथ वर्कआउट करें
एक दोस्त के साथ वर्कआउट करना न केवल व्यायाम को अधिक सुखद बनाता है बल्कि आपको जवाबदेह भी बनाता है। यदि आप जानते हैं कि कोई व्यक्ति आपसे अपेक्षा कर रहा है, तो आपको खुद को साबित करने की भावना के तहत मेहनत करते हैं। जाहिर है कि ऐसे में आपको जिम में एक दोस्त के होने बहुत फायदा मिलेगा और जिम डिसिप्लिन को भी फॉलो करेंगे। यह भी समझ लें कि आपका जिम बडी आपसे बेहतर फिजीक और डिसिप्लिन्ड होना चाहिए तब ही आप उसके लिए जिम डिसिप्लिन फॉलो करते हुए अपने लक्ष्य का पीछा कर पाएंगे। साथ ही किसी ऐसे व्यक्ति के साथ वर्कआउट करना जो आपसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग और फोकस्ड हो तो आप भी बेहतर करने की कोशिश करते हैं। इस इफेक्ट को कोहलर इफेक्ट भी कहते हैं। 58 कॉलेज जाने वाली लड़कियों पर इसको लेकर एक अध्ययन भी किया गया। इस अध्ययन के लिए कुछ स्टूडेंट्स को पार्टनर्स के साथ वर्कआउट करने को कहा गया। वहीं कुछ को अकेले वर्कआउट करने के निर्देश दिए गए। इसके लिए उन्हें स्टेशन्ड साइकिल को पैडल करने के लिए कहा गया। इस अध्ययन के रिजल्ट चौकाने वाले थे। निष्कर्ष में सामने आया कि जिन स्टूडेंट्स ने पार्टनर्स के साथ वर्कआउट किया उन्होंने अकेले वर्कआउट करने वाली स्टूडेंट्स से 85 फीसदी ज्यादा बार साइकिल को पैडल किया। इससे साफ है कि जिम बडी के वर्कआउट करने से जिम डिसिप्लिन फॉलो करने में तो मदद मिलती ही है साथ ही आप मोटिवेट भी होते हैं।
आजकल की इस भागती-दौड़ती जिंदगी में काम करने से लेकर उठने-बैठने तक डिसिप्लिन में रहना जरूरी होता है। इसलिए, फिट रहने के लिए भी डिसिप्लिन का होना जरूरी है।