पेरीफेरल न्यूरोपैथी एक हेल्थ कंडीशन है, जिसके कारण मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से शरीर के बाकी हिस्सों तक संदेश ले जाने वाली तंत्रिकाएं (nerves) डैमेज हो जाती हैं। पेरिफेर नर्व्स जटिल नेटवर्क बनाती हैं, जो ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड की मांसपेशियों के साथ ही त्वचा के आंतरिक अंगों को जोड़ने का काम करती है। नर्व्स डैमेज हो जाने के कारण शरीर में कई लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। कुछ लक्षण जैसे कि हाथ या पैर का सुन्न हो जाना, शरीर के किसी हिस्से में जलन का एहसास, मसल्स वीक हो जाना, झुनझुनी का एहसास और पैरालिसिस होने की संभावना बढ़ जाना पेरीफेरल न्यूरोपैथी के कारण होता है। दुनिया भर में करीब 20 मिलियन लोग पेरीफेरल न्यूरोपैथी की समस्या से पीड़ित हैं। पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज कर आपको इस समस्या से काफी हद से निजात मिल सकता है।
पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज (Exercises for Peripheral Neuropathy)
पेरीफेरल न्यूरोपैथी का ट्रीटमेंट दर्द से राहत दिलाने का काम करता है लेकिन पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज कर आप नर्व रिजनरेशन (nerve regeneration) को बढ़ावा दे सकते हैं और साथ ही नर्व फंक्शन ( nerve function) को प्रिजर्व भी कर सकते हैं। हाथ पैरों में झुनझुनी इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है। जानिए कौन सी एक्सरसाइज पेरीफेरल न्यूरोपैथी में अपना असर दिखाती हैं और एक्सरसाइज के दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
और पढ़ें: क्या आपको भी परेशान करता है नसों का दर्द?
बैलेंस ट्रेनिंग (Balance training)
पेरीफेरल न्यूरोपैथी के कारण मसल्स कमजोर हो जाती हैं और ज्वाइंट्स कठोर हो जाते हैं। बैलेंस ट्रेनिंग की हेल्प से स्ट्रेंथ बढ़ाने में हेल्प मिलती है और साथ ही जोड़ों की कठोरता भी कम होती है। बैलेंस ट्रेनिंग की शुरुआत में लेग और काफ रेजेज (calf raises) से शुरुआत की जा सकती है। आप साइड लेग रेज (Side leg raise)के दौरान सीधे खड़े हो जाए और पैरों में थोड़ी दूरी बनाएं। अब एक पैर को 5-10 सेकंड के लिए उठाएं। अब पैर को नीचे करें। ऐसा आप दूसरे पैर के साथ भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बॉडी बैलेंस कर पाएंगे। अगर आप ऐसा पहली बार कर रहे हैं, तो आपको परेशानी हो सकती है। कुछ दिन की प्रैक्टिस के बाद आप ये काम आसानी से कर सकेंगे।
काफ रेज (Calf raise) के दौरान कुर्सी का इस्तेमाल किया जा सकता है। कुर्सी को पकड़कर खड़े हो जाएं, ताकि आपको बॉडी बैलेंस करने में हेल्प मिले। अब पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं। आप पांच सेकेंड के लिए ऐसा करें और फिर रिलेक्स करें। आप इस प्रोसेस को 10 से 15 बार कर सकते हैं।
सीटेड डोरसिफ्लेक्सन (Seated Dorsiflexion)
आप इस एक्सरसाइज को चेयर में बैठकर कर सकते हैं। कुर्सी में आराम से बैठ जाइए। अब पैरों को आराम से फर्श में सपाट करके रखें। धीरे-धीरे पैरों की फिंगर को ऊपर की ओर उठाएं। फिर धीरे-धीरे उन्हें नीचे लेकर आएं। आप अगर इस एक्सरसाइज को चैलेजिंग बनाना चाहते हैं, तो फीट को बॉडी के अधिक क्लोज ला सकते हैं। अगर आपको एक्सरसाइज को लेकर कंफ्यूजन हो, तो आप एक्सरसाइज एक्सपर्ट से राय ले सकते हैं।
हिप फ्लेक्सियन (Hip Flexion)
पहले एक हाथ और फिर एक हाथ की फिंगर से चेयर को पकड़ें। अब स्ट्रेट खड़े रहें। अब घुटनों को मोड़कर चेस्ट की तरफ लेकर आएं। आपको हिप्स को मोड़ना नहीं है। अब इस पुजिशन में करीब 10 से 15 सेकेंड तक रहें। अब पैर को नीचे कर लें। ऐसा करने से बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी। ये मसल्स को स्ट्रॉन्ग करने का ज्वाइंट्स की समस्या से राहत दिलाता है।
और पढ़ें: न्यूरोलॉजिकल डिसीज क्या होती हैं? जानिए क्या हैं इसके लक्षण
एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercises)
एरोबिक एक्सरसाइज की हेल्प से लार्ज मसल्स मूव करती हैं और आप एरोबिक के दौरान गहरी सांस लेते हैं। इस कारण से ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। ब्लड फ्लो बढ़ने से शरीर में एंडोर्फिन (endorphins)रिलीज होता है, जो बॉडी में नैचुरल पेनकिलर का काम करता है। शरीर में होने वाले हल्के दर्द से आपको राहत मिल सकती है। आपको हफ्ते में तीन से चार बार करीब आधे घंटे तक एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए। अगर आपने पहले कभी भी एरोबिक एक्सरसाइज नहीं की है, तो आपको शुरुआत के दौरान 10 मिनट तक ही एक्सरसाइज करनी चाहिए वरना आपको अधिक थकान हो सकती है। आप तैराकी, साइकलिंग या तेज चाल में चल सकते हैं। इस बारे में आप एक्सपर्ट से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज करने से पहले सावधानियों के बारे में जानकारी जरूरी है।
और पढ़ें: महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में होता है छोटा, जानें एक्सपर्ट से मानव मस्तिष्क की जटिलताएं
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching exercises)
स्ट्रेचिंग से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और साथ ही शरीर अन्य कामों या गतिविधियों के लिए तैयार हो जाता है। रूटीन स्ट्रेचिंग की हेल्प से चोट के जोखिम को कम किया जा सकता है। आप काफ स्ट्रेच (Calf stretch) और सीटेड हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (seated hamstring stretches) कर सकते हैं।
काफ स्ट्रेच (Calf stretch) करने के लिए आपको एक पैर को आगे की ओर करना होगा। फिर घुटने को थोड़ा मोड़ लें और सामने के पैर के साथ आगे की ओर झुकें। ऐसा करीब 15 सेकेंड के लिए करें। आप इसे तीन के सेट में कर सकते हैं।
सीटेड हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (seated hamstring stretches) करने के लिए आपको मैट में पैर फैलाकर बैठना होगा। अब पैर की उंगलियों को छूने के लिए हाथों को आगे बढ़ाएं। ऐसा करने पर आपकी छाती पैर के ऊपर होगी। अपनी पीठ को तब तक सीधा करें जब तक आपको मांसपेशियों में खिंचाव महसूस न हो।15 – 20 सेकंड के लिए इस पुजिशन में रहें। आप इसे भी तीन के सेट में कर सकते हैं। पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज करने से पहले आप एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं।
प्लांटारफासिया स्ट्रेच (Plantarfascia Stretch)
डोर फ्रेम की ओर मुंह करके अपने एक पैर की हील की फ्रेम रखें। अब पैर के आगे के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। स्ट्रेच को बढ़ाने के लिए घुटने को आगे की ओर झुकाएं। ऐसा करने से आपको फूट बॉटम के साथ ही हील कॉर्ड में स्ट्रेच फील होगा। आप पैर को 15 से 20 सेकेंड के लिए होल्ड कर सकते हैं। आप दिन में इस एक्सरसाइज को दो बार कर सकते हैं।
और पढ़ें: किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी है विल पावर का स्ट्रांग होना
पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज के साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान
एक्सरसाइज के माध्यम से पेरीफेरल न्यूरोपैथी के कारण उत्पन्न हुए दर्द को कम किया जा सकता है। एक्सरसाइज करने से बाद स्ट्रेचिंग का ध्यान रखें क्योंकि इसके कारण शरीर को फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है और साथ ही ज्वाइंट्स और मसल्स की कठोरता भी कम होती है। रेग्युलर एक्टिविटी और स्ट्रेचिंग के बाद हल्के दर्द की समस्या हो सकती है। अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं, तो दर्द बहुत कम हो जाता है। अगर आपको ज्यादा दर्द हो रहा हो, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। आपको समय-समय पर हाथ-पैरों की जांच जरूर करानी चाहिए ताकि समस्या न बढ़ सके। आप ब्लड शुगर लेवल भी चेक कराते रहें। एल्कोहॉल और स्मोकिंग से दूरी बनाएं क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती हैं। अगर लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए, तो पेरीफेरल न्यूरोपैथी की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप कर सकते हैं। अगर आपने एक्सरसाइज कभी नहीं की है, तो ज्यादा एक्सरसाइज करने की भूल न करें। शुरुआत में कुछ समय तक ही एक्सरसाइज करें और फिर उसे बढ़ाएं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज संबंधी जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
[embed-health-tool-heart-rate]