शरीर के किसी हिस्से में दर्द (Pain) होने पर आमतौर पर लोगों को झट से पेनकिलर ले लेते हैं, लेकिन कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जिन्हें बिना पेनकिलर (Painkiller) और सर्जरी के बस एक्सरसाइज और मालिश की खास तकनीक से ठीक किया जा सकता है और यह तकनीक है फिजियोथेरेपी। फिजियोथेरेपी क्या है और और फिजियोथेरिपी के फायदे (Benefits of physiotherapy) क्या-क्या हैं यह आपसे शेयर करेंगे। और साथ ही जानेंगे फिजियोथेरिपी के फायदे (Benefits of physiotherapy) किन-किन स्थितियों में होते हैं।
फिजियोथेरिपी की जरूरत कब होती है?
फिजियोथेरिपी के फायदे क्या हैं?
फिजियोथेरिपी की सुविधा कहां मिलती है?
फिजियोथेरिपी (Physiotherapy) की जरूरत कब होती है?
फिजियोथेरिपी की जरूरत कई कारणों से पड़ सकती है जिसमें शामिल हैः
- दर्द (Pain) से राहत दिलाना
- चलने-फिरने में सक्षम बनना
- मांसपेशियों की मूवमेंट (Muscles movement) ठीक करना
- स्पोर्ट्स इंजरी ठीक करना या उससे बचाना
- विकलांगता या सर्जरी से बचाव
- इंजरी, एक्सीडेंट या सर्जरी से ठीक होने के बाद शरीर की मूवमेंट को सामान्य बनाना
- बाउल्स और ब्लैडर (Bladder) को कंट्रोल करना
- कृत्रिम अंग को शरीर के अनुकूल बनाना
- सहायक उपकरण जैसे वॉकर का इस्तेमाल सीखना
- किसी भी उम्र के लोगों को फिजियोथेरिपी (Physiotherapy) की जरूरत पड़ सकती है
इन ऊपर बताई गई स्थितिओं में फिजियोथेरिपी के फायदे मिल सकते हैं, लेकिन फिजियोथेरिपी के फायदे के लिए डॉक्टर द्वारा बताये गए निर्देशों का पालन करना भी जरूरी।
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फिजियोथेरिपी (Physiotherapy) किन स्वास्थ्य स्थितियों में किया जाता है?
फिजिकल थेरिपी/फिजियोथेरिपी के फायदे से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जिसमें फिजियोथेरिपी से आराम मिलता है, में शामिल हैः
- कार्डियोपल्मोनरी स्थितियां, जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), सिस्टिक फाइब्रोसिस (CF) और पोस्ट-मायोकार्डिअल इन्फ्रक्शन (MI)
- कार्पल टनल सिंड्रोम और ट्रिगर फिंगर जैसी स्थितियों के लिए हैंड थेरिपी
- मस्कुलोस्केलेटल डिसफंक्शन जैसे पीठ दर्द, रोटेटर कफ टियर्स और टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट डिसऑर्डर (TMM)
- न्यूरोलॉजिकल कंडिशन जैसे स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी में चोट, पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, वेस्टिबुलर डिसफंक्शन और ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी
- विकास देरी से होना, सेरेब्रल पाल्सी और मस्कुलर डिस्ट्रोफी जैसी बच्चों की स्वास्थ्य समस्याएं
- स्पोर्ट्स से जुड़ी इंजरी जैसे टेनिस एल्बो, कंकशन (मस्तिष्क में चोट लगना)
इसके अलावा भी कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियों में फिजिकल थेरेपी की मदद ली जाती है।
फिजियोथेरिपी के फायदे क्या हैं? (Benefits of physiotherapy)
निम्नलिखित स्थितियों में फिजियोथेरिपी के फायदे हो सकते हैं। जैसे:
गंभीर दर्द के इलाज के लिए फिजियोथेरिपी है बेस्ट
फिजियोथेरिपी उपचार का एक तरीका है, जिससे दर्द की तकलीफ दूर हो सकती है। फिजियोथेरिपी के फायदे भी लोगों को मिलते हैं, लेकिन यह अन्य तरीकों से थोड़ा अलग है। इसमें आमतौर पर दवाइयां नहीं दी जाती और न ही सर्जरी की जाती है, हालांकि कुछ मामलों में दवा दी जा सकती है, लेकिन उसका सेवन भी अपने डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। फिजियोथेरिपी (Physiotherapy) में खास एक्सरसाइज और मसाज तकनीक से दर्द कम करने की कोशिश की जाती है, साथ ही लाइफस्टाइल में भी बदलाव की सलाह दी जाती है। यानी इसमें उपचार के कई तरीके शामिल है। फिजियोथेरिपी करने वाले विशेषज्ञ को फिजियोथेरिपिस्ट कहा जाता है। मांसपेशियों की अकड़न, सही मूवमेंट न होने, पीठ/कमर/घुटने और जोड़ों का दर्द (Joints pain) ठीक करने के लिए आमतौर पर फिजियोथेरिपी की जाती है। फिजियोथेरिपी को ही फिजिकल थेरिपी (Physical therapy) भी कहा जाता है।
उपचार के कारणों के आधर पर उसके फायदों में शामिल हैः
- दर्द से राहत मिलती है
- सर्जरी से बचाव
- मोबिलिटी और मूवमेंट बेहतर होता है
- चोट या आघात से उबरना आसान होता है
- गिरने से बचाव होता है
- स्ट्रोक (Stroke) और पैरालाइसिस से रिकवर होने में मदद मिलती है
- संतुलन बेहतर होना
- उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को मैनेज करना
स्पोर्ट्स थेरेपिस्ट खिलाड़ियों को किसी उनके शरीर के किसी खास हिस्से की मसल्स मजबूत करके उसका इस्तेमाल करना सिखाता है जिससे उसकी परफॉर्मेंस में सुधार होता है।
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थेरिपी की तकनीक
फिजियोथेरेपी में किसी एक तरीके से इलाज नहीं किया जाता है, बल्कि इसमें कई तकनीक का इस्तेमाल होता है जिसमें शामिल हैः
जानकारी और सलाह
फिजियोथेरेपी में चोट के किसी कारण पर फोकस करने की बजाय ओवर ऑल बॉडी और हेल्थ पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए मरीज को किसी खास बॉडी पार्ट को ठीक रखने की सलाह देने की बजाय फिजियोथेरेपिस्ट बेहतर लाइफस्टाइल (Healthy lifestyle) अपनाने की सलाह देते हैं जैसे रेगुलर एक्सराइज करना, वजन कम करना आदि। यह फिजियोथेरेपी की एक अहम हिस्सा है। फिजियोथेरेपी आपको किसी खास सलाह को किस तरह अमल में लाना है ताकि आपका चोट या दर्द कम हो जाए इस बारे में भी बताता है। जैसे आपको यदि पीठ दर्द (Back pain) की समस्या है तो वह आपको बैठने का सही पॉश्चर, सामान उठाने की सही तकनीक बताने के साथ ही यह भी बताता है कि कैसे आप मांसपेशियों में होने वाले अचानक खिंचाव से बच सकते हैं, साथ ही बहुत देर तक खड़े न रहने की सलाह देता है।
मूवमेंट और एक्सरसाइज
शरीर की गतिशीलता और कार्यप्रणाली को बेहतर करने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट एक्सरसाइज और खास मूवमेंट की सलाह देते हैं।
- शरीर के किसी खास हिस्से को मजबूत बनाने और उसकी गतिशीलता के लिए एक्सरसाइज बताते है जिसे आपको कई बार दोहराना होता है।
- ऐसी एक्टिविटी की सलाह देते हैं जिसमें आपके पूरे शरीर का मूवमेंट हो जैसे वॉकिंग, स्विमिंग आदि। इससे ऑपरेशन या सर्जरी के बाद शरीर को गतिशील बनाने में मदद मिलती है।
- एक्टिव रहने के लिए किस तरह से आप सुरक्षित फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं, इस बारे में सलाह दी जाती है।
- यदि चलने में दिक्कत है तो आपको सहारे के लिए छड़ी या कोई अन्य चीज दी जाती है।
- दर्द कम करने के लिए भी फिजियोथेरेपिस्ट आपको कुछ एक्सरसाइज की सलाह देते हैं जिससे धीरे-धीरे दर्द कम हो जाता है और दोबारा चोट लगने की संभावना कम होती है।
मैनुअल थेरिपी (Manual therapy)
इस तकनीक में फिजियोथेरेपिस्ट खुद मसाज करके आपको राहत दिलाने की कोशिश करता है जिससे इन चीज़ों में राहत मिलती हैः
- अकड़न और दर्द से राहत
- ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) ठीक होता है
- शरीर के कुछ हिस्सों से तरल पदार्थ को अधिक कुशलता से निकालने में मदद मिलती है
- शरीर के विभिन्न हिस्सों की गति में सुधार होता है
मैनुअल थेरेपी से पीठ दर्द, हड्डियों, जॉइंट्स और मांसपेशियों के दर्द (Muscles pain) से राहत दिलाता है। मसाज से जीवन की गुणवता में भी सुधार होता है और अच्छी नींद आती है।
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फिजियोथेरिपी (Physiotherapy) की सुविधा कहां मिलती है?
इन जगहों पर आपको फिजियोथेरेपी की सुविधा मिलती हैः
- अस्पताल
- ऑउटपेशेंट क्लिनिक
- स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर
- प्राइवेट मेडिकल ऑफिस
- नर्सिंग होम
- असिस्टेट लिविंग होम्स
- रिहैब सेंटर्स
फिजियोथेरिपिस्ट (Physiotherapist) कराने से पहले जान लें कुछ बातें
- फिजियोथेरिपी के फायदे (Benefits of physiotherapy) तभी मिलता है जब उसका पूरा कोर्स पूरा किया जाए, एक निश्चित अवधि तक करने पर ही इसका फायदा मिलता।
- पेशेंट को अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री फिजियोथेरेपिस्ट को बतानी चाहिए।
- फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह पर गंभीरता से अमल करें।
- जिस तरह से और जितनी बार एक्सरसाइज (Workout) के लिए बोला जाए उसे फॉलो करें।
फिजियोथेरिपी से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए या अगर आपके मन में फिजियोथेरिपी के फायदे (Benefits of physiotherapy) से रिलेटेड कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हालांकि अगर आपको किसी भी कारण से बॉडी में कहीं पेन है और डॉक्टर ने आपको फिजियोथेरिपी करवाने की सलाह दी है, तो जल्द से जल्द फिजियोथेरिपी एक्सपर्ट से मिलें।