त्वचा की एपिडर्मिस लेयर में कोशिकाओं का असमान्य रूप से बढ़ना त्वचा का कैंसर का कारण हो सकता है। ये तब होता जब आप धूप में ज्यादा समय बिताते हैं। हालांकि कुछ मामलों में स्किन कैंसर आपकी त्वचा के उन हिस्सों पर भी हो सकता है, जो सूरज की रोशनी के संपर्क में नहीं आते हैं।
त्वचा का कैंसर मुख्य रूप से धूप के संपर्क में आने वाले हिस्सों पर विकसित होता है। इसमें सिर ,चेहरा, होंठ, कान, गर्दन, छाती और हाथ शामिल हैं। महिलाओं को ये पैरों में भी हो सकता है। यह उन हिस्सों पर भी हो सकता है जो शायद ही कभी धूप के संपर्क में आते हों। जैसे आपकी हथेलियां, नाखूनों, पैर की उंगलियों के नीचे और आपके जननांग के नीचे के हिस्से में भी हो सकता है।
स्किन कैंसर किसी भी स्किन टोन के लोगों को हो सकता है। इसमें गहरे रंग वाले लोग भी शामिल हैं। त्वचा का कैंसर (Skin cancer) का एक प्रकार मेलेनोमा गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में होता है।
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त्वचा का कैंसर (Skin cancer) होने पर दिखते हैं ये लक्षण
- त्वचा का कैंसर शरीर के किसी भी तिल में हो सकता है
- तिल का आकार बड़ा होता जाता है
- तिल की जगह घाव होने पर खुजली हो सकती है
- हर तरह के तिल में ऐसा नहीं होता है
- आम तौर पर स्किन कैंसर (Skin cancer) होने पर त्वचा पर गुलाबी और भूरे धब्बे पड़ने लगते हैं
- इसके अलावा मोतीदार उठा हुआ घाव भी दिख सकता है
- शरीर पर एक खुरदरा या लाल पैच हो सकता है, जो पपड़ीदार या खून भरा होता है
- त्वचा के निचले हिस्सों पर एक गांठ दिख सकती है
- त्वचा पर खुले घाव दिख सकते हैं जो कभी गायब हो जाएंगे तो कभी फिर से दिखने लगेंगे
- मस्से के रूप में भी कैंसर दिख सकता है
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त्वचा का कैंसर (Skin cancer) कितने प्रकार का होता है?
अगर आप धूप की तेज किरणों के संपर्क में आने से बचते हैं तो त्वचा का कैंसर (Skin cancer) के लक्षणों को कम कर सकते हैं। त्वचा में बदलाव दिखे तो ये कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता है। जितनी जल्दी स्किन कैंसर (Skin cancer) का पता चलेगा, उतनी जल्दी इलाज करना संभव हो पाएगा। स्किन कैंसर के तीन प्रकार होते हैं।
- बेसल सेल कार्सिनोमा
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा
- मेलानोमा
बेसल सेल कार्सिनोमा के संकेत और लक्षण
बेसल सेल कार्सिनोमा आमतौर पर आपके शरीर के उन हिस्सों में होता है जहां सूर्य की किरणें पड़ती रहती हैं। जैसे कि आपकी गर्दन या चेहरे पर। बेसल सेल कार्सिनोमा त्वचा पर इन रूपों में दिख सकता है:
- एक मोती या मटर की तरह उभरा हुआ हो
- भूरे रंग का घाव जैसा निशान
- त्वचा से खून निकलता हुआ
- ऐसा घाव जिसमें खुजली हो रही हो
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के संकेत और लक्षण
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा भी उन हिस्सों में होता है जहां सूर्य की किरणें पड़ती रहती हैं। जैसे कि आपका चेहरा, कान और हाथ। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को ये कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा त्वचा पर इन रूपों में दिख सकता है:
- लाल गांठ जैसा
- घाव और पपड़ीदार
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मेलेनोमा के संकेत और लक्षण
मेलेनोमा त्वचा का कैंसर (Skin cancer) आपके शरीर की त्वचा या किसी तिल में होता है। मेलेनोमा ज्यादातर चेहरे पर दिखाई देता है। महिलाओं में, इस प्रकार का कैंसर पैरों के निचले हिस्से पर विकसित होता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में, मेलेनोमा उस हिस्से पर भी हो सकता है जो सूर्य के संपर्क में न आया हो। मेलेनोमा किसी भी स्किन टोन के लोगों को प्रभावित कर सकता है। ये स्किन कैंसर (Skin cancer) गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को हथेलियों, तलवों, नाखूनों या पैर की उंगलियों के नीचे होता है। मेलेनोमा के संकेतों में शामिल हैं:
- गहरे धब्बों के साथ एक बड़ा भूरा घाव
- शरीर के तिल के रंग, आकार में बदल महसूस होना।
- तिल से खून भी बह सकता है।
- एक छोटा घाव जो लाल, गुलाबी, सफेद, नीला या काला दिखाई देता है
- एक दर्दनाक घाव जिसमें खुजली होती है।
- आपकी हथेलियों, तलवों या पैर की उंगलियों पर गहरे घाव
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स्किन कैंसर (Skin cancer) का परीक्षण
- सबसे पहले, डॉक्टर त्वचा की जांच करेगा और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेगा।
- वे आमतौर पर पूछेंगे कि पहली बार यह निशान कब दिखाई दिया था। इसमें कभी दर्द या खुजली हुई कि नहीं। इससे खून बहता है या नहीं।
- डॉक्टर मरीज के पारिवार की मेडिल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। साथ ही ये भी पूछेंगे कि सूर्य में निकलने से कभी कोई परेशानी हुई है या नहीं।
- तिल वाले कैंसर के मामले में वो शरीर के अन्य तिल की जांच भी कर सकते हैं।
- डॉक्टर मरीज को जांच के लिए त्वचा विशेषज्ञ या त्वचा चिकित्सक के पास भेज सकते हैं।
- हाथ से उपयोग की जाने वाली मशीन डर्मेटोस्कोप से त्वचा की जांच की जा सकती है।
- कैंसर के लक्षण की जाँच के लिए त्वचा का एक छोटा सा नमूना लिया जा सकता है।
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स्किन कैंसर (Skin cancer) का जोखिम किन वजहों से बढ़ सकता है?
त्वचा का रंग: किसी भी रंग के लोगों को स्किन कैंसर (Skin cancer) हो सकता है। अगर आपकी स्किन ज्यादा गोरी है तो यूवी किरण यानी सूर्य से निकलने वाली किरणें से कम नुकसान होता है। इसके अलावा अगर आपके बाल लाल और आंखे हल्के रंग की हैं तो भी आपको सनबर्न की समस्या हो सकती है। गहरे रंग वाले लोगों को स्किन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है।
सनबर्न: एक बच्चे या वयस्क को अगर सनबर्न हो गया है तो वह कैंसर में बदल सकता है। वयस्कों को सनबर्न होना ज्यादा जोखिम भरा है।
बहुत ज्यादा सूरज के संपर्क में आना: जो कोई भी सूरज की रोशनी में काफी समय बिताता है, वह त्वचा कैंसर का शिकार हो सकती है। खासकर अगर सनस्क्रीन नहीं लगाई हो या कपड़ों से शरीर को ना ढकें तो इसका खतरा बढ़ जाता है। सूरज के संपर्क में आने से होने वाली टैनिंग भी आपको जोखिम में डालती है।
गर्म जलवायु : जो लोग गर्म जलवायु में रहते हैं, वे अधिक धूप के संपर्क में आते हैं। ऐसे लोगों को कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है।
शरीर पर तिल: जिन लोगों के शरीर पर ज्यादा तिल होते हैं उन्हें डाइस्प्लास्टिक नेवी कहा जाता है, उनमें त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ये तिल असमान्य होते हैं और आम तिल से बड़े होते हैं। ऐसे लोगों को दूसरों की तुलना में कैंसर होने की अधिक संभावना होती है।
लें एक्सपर्ट की सलाह
स्किन पर यदि आपको भी इस प्रकार का उभार महसूस हो या फिर शरीर में कहीं भी असामान्य चीज विकसित हो रही हो तो ऐसे में जरूरी है कि आपको एक्सपर्ट की राय लेनी चाहिए। एक्सपर्ट की राय लेकर आप समस्या से निजात पा सकते हैं। त्वचा का कैंसर (Skin cancer) की बीमारी ऐसी है यदि आप शुरुआती स्टेज में इलाज कराने पहुंच जाते हैं तो आपकी समस्या हल हो सकती है लेकिन यदि आपने इलाज में लापरवाही बरती तो इससे आपको नुकसान पहुंच सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
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