ब्रिटिश कार्डियोवस्कुलर सोसाइटी (The British Cardiovascular Society) रिकमंड करती है कि जिन लोगों को पहली बार हार्ट अटैक (Heart attack) आया है या व्यक्ति 65 से कम है या उसे किसी तरह का कॉम्प्लीकेशन नहीं है, तो उसे दोबारा हार्ट अटैक आने की संभावना कम रहती है। ऐसे में पहले हार्ट अटैक के तीन दिन या उससे अधिक दिन बाद एयर ट्रेवल किया जा सकता है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
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हार्ट पेशेंट के लिए एयर ट्रेवलिंग टिप्स: क्या हार्ट डिवाइस के साथ किया जा सकता है ट्रेवल?
अगर आप हार्ट पेशेंट (Heart patient) हैं और आपको कोई कार्डियक डिवाइस इंम्प्लांट की गई है, तो आप एयर ट्रेवल कर सकते हैं। इम्प्लांटेड कार्डियक डिवाइस से मतलब पेसमेकर (Pacemaker), कार्डियक रीसिंक्रनाइजेशन थेरेपी (CRT) डिवाइस, इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर (Implantable cardioverter defibrillators) आदि शामिल हैं। कुछ अन्य कार्डियक डिवाइस (Cardiac device भी कम समय के लिए या फिर लंबे समय के लिए इम्प्लांट हो सकती है। यदि आपको एक या अधिक डिवाइस इम्प्लांट की गई है, तो आपको एयर ट्रेवल करने से पहले डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए। एयर ट्रेवल (Air travel) के दौरान जरूरी है कि आप अपने साथ पर्सनल डिवाइस आइडेंटिफिकेशन कार्ड भी साथ लेकर चलें। इसमें सिक्योरिटी स्टाफ के लिए जरूरी जानकारी होती है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप समस्या में भी फंस सकते हैं।
कार्डियक डिवाइस (Cardiac device) ऐसे डिजाइन किए जाते हैं कि सिक्योरिटी चैक के दौरान उनमें कोई इफेक्ट नहीं होता है। आप चाहे तो रिस्क को कम करने के लिए सिक्योरिटी स्टाफ को पर्सनल डिवाइस आइडेंटिफिकेशन कार्ड दिखा सकते हैं। स्क्रीनिंग इक्युपमेंट के सर्फिस को छूने से आपको बचना चाहिए। स्क्रीनिंग आर्कवे से अगर आप गुजर रहे हैं, तो अधिक देर तक वहां न रहें। बेहतर होगा कि आप पहले ही सिक्योरिटी टीम से इस बारे में बात कर लें। एयरक्राफ्ट में आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।