परिचय
आई एंजियोग्राम (Eye angiogram) क्या है?
एक फ्लोरेसिन एंजियोग्राम मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें एक फ्लोरोसेंट डाई को रक्तप्रवाह में इंजेक्ट किया जाता है। डाई आंख के पिछले हिस्से में रक्त वाहिकाओं को उजागर करती है ताकि उनकी तस्वीर खींची जा सके।
इस परीक्षण का उपयोग अक्सर आंखों की बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है। आपका डॉक्टर डॉयग्नोसिस की पुष्टि के लिए, सही उपचार निर्धारित करने के लिए या आंख के पीछे की रक्त वाहिकाओं की निगरानी के लिए इसका आदेश दे सकता है।
आई एंजियोग्राफी को रेटिनल फोटोग्राफी (Retinal photography), एंजियोग्राफी (Angiography) के अलग-अलग मेडिकल टर्म से भी जाना जाता है।
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एंजियोग्राफी के प्रकार
एंजियोग्राफी के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिसके आधार पर शरीर के हिस्से को देखें जाते हैं, जिसमें शामिल हैंः
- कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary Angiography) – दिल और पास की रक्त वाहिकाओं की जांच करने के लिए कोरोनरी एंजियोग्राफी की प्रक्रिया की जा सकती है।
- सेरिब्रल एंजियोग्राफी (cerebral angiography) – मस्तिष्क में और आसपास रक्त वाहिकाओं की जांच करने के लिए सेरिब्रल एंजियोग्राफी की प्रक्रिया की जा सकती है।
- पल्मोनरी एंजियोग्राफी (pulmonary angiography) – फेफड़ों की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की जांच करने के लिए पल्मोनरी एंजियोग्राफी की प्रक्रिया की जा सकती है।
- गुर्दे संबंधी एंजियोग्राफी (renal angiography) – गुर्दे की आपूर्ति करने वाले रक्त वाहिकाओं की जांच करने के लिए गुर्दे संबंधी एंजियोग्राफी (रिनल एंजियोग्राफी) की प्रक्रिया की जा सकती है।
कभी-कभी, एक्स-रे के बजाय स्कैन का उपयोग करके भी एंजियोग्राफी की प्रक्रिया की जा सकती है। जिसे सीटी एंजियोग्राफी या एमआरआई एंजियोग्राफी कहा जाता है।
इसके अलावा, एक प्रकार की एंजियोग्राफी भी होती है जिसका उपयोग आंखों की जांच करने के लिए किया जाता है, जिसे फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी कहा जाता है। यह अन्य प्रकार की एंजियोग्राफी से अलग होती है।
आई एंजियोग्राम क्यों की जाती है?
यह परीक्षण यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या आपकी आंख (रेटिना और कोरॉइड) के पीछे दो परतों में रक्त वाहिकाओं में सही तरीके से रक्त प्रवाह हो रहा है या नहीं।
इसका उपयोग आंखों की समस्याओं के डायग्नोस के लिए या यह निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है कि आंख के कुछ उपचार कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
मरीजों को आंखों से जुड़ी परेशानी क्या-क्या हो सकती है?
निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
- किसी भी ऑब्जेक्ट को ठीक तरह से न देख पाना
- ड्राइविंग के दौरान देखने में दिक्कत होना
- पढ़ने में परेशानी महसूस होना
- टीवी देखने में भी दिक्कत होना
इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी हो साथ-साथ अन्य परेशानी भी हो सकती है।
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पहले जानने योग्य बातें
आई एंजियोग्राम से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
अधिकांश डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान, खासतौर पर पहले 3 महीने तक इस टेस्ट की सलाह नहीं देते है। चूंकि डाई ब्रेस्ट मिल्क के जरिए बच्चे के शरीर में जा सकती है, इसलिए इस टेस्ट के बाद 24 से 48 घंटे तक ब्रेस्ट फीड न कराएं। ब्रेस्ट पंप के जरिए मिल्क निकालकर फेंक दे और तब तक ऐसा करें, जब तक बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क सुरक्षित न हो जाए। टेस्ट से पहले ही बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क निकालकर स्टोर कर दें या फिर बाजार से फॉर्मूला मिल्क लाकर रखें।
डाई किडनी के जरिए फिल्टर होता है और 48 घंटों के अंदर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है। इस दौरान पेशाब का रंग पीला या नारंगी हो सकता है।
इंडोसायनिन ग्रीन नामक एक डाई कुछ प्रकार की आंखों की समस्याओं को ढूंढ़ने में मददगार है और इसका उपयोग फ्लोरेसिन की जगह किया जा सकता है। इसकी मदद से डॉक्टर को यह पता चलता है कि रेटिना के नीचे की रक्त वाहिकाएं लीक हो रही हैं या नहीं।
मोतियाबिंद के मरीजों में इस टेस्ट के परिणामों को समझना मुश्किल होता है।
जानिए क्या होता है
आई एंजियोग्राम के लिए कैसे तैयारी करें?
आई एंजियोग्राम के लिए निम्नलिखित तरह से तैयारी की जाती है। जैसे-
- आपको अपने साथ किसी को ले जाना होगा, क्योंकि आप खुद गाड़ी नहीं चला सकते। टेस्ट के के बाद करीब 12 घंटे तक प्यूपिल्स फैला हुआ रहता है।
- टेस्ट से पहले आप जो भी दवा ले रहे हैं चाहे वह प्रिस्क्राइब्ड हो या नहीं, हर्बल आदि के बारे में डॉक्टर को बताएं। यदि आपको आयोडिन से एलर्जी है तो इस बारे में भी डॉक्टर को जानकारी दें।
- यदि आप कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं तो टेस्ट से पहले उसे निकालना होगा।
इन बिंदुओं के साथ-साथ डॉक्टर जो निर्देश आपको दें उसका अवश्य और ठीक तरह से पालन करें।
आई एंजियोग्राम के दौरान क्या होता है?
प्यूपिल को फैलाने के लिए आई ड्राप डाला जाता है। टेस्ट के दौरान सिर को सीधा रखने के लिए आपको चिन को कैमरे के चिन रेस्ट पर और माथे को सपोर्ट बार के पास रखने को कहा जाएगा।
डॉक्टर आपकी आंखों के अंदर की तस्वीर लेगा। तस्वीरों का पहला समूह लेने के बाद नस में, आमतौर पर कोहनी के फोल्ड पर, फ्लोरेसिन डाई इंजेक्ट किया जाएगा। इसके बाद डाई जब आंख के पीछे रक्त वाहिकाओं में जैसे-जैसे प्रवाहित होगा एक विशेष कैमरे के जरिए इसकी तस्वीर ली जाएगी।
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आई एंजियोग्राम के बाद क्या होता है?
आई एंजियोग्राफी के बाद निम्नलिखित स्थिति हो सकती है। जैसे:
- करीब 12 घंटे तक आपको धुंधला दिखेगा।
- जब तक आई ड्रॉप का असर खत्म न हो, खुद गाड़ी न चलाएं क्योंकि आपको साफ दिखाई नहीं देगा। गाड़ी चलाने के लिए किसी को साथ ले जाएं।
- जब तक आपकी प्यूपिल सामान्य आकार की नहीं हो जाती सनग्लासेस पहनें। तेज रोशनी और सूर्य की रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है।
इन परिस्थितियों में घबराएं नहीं समझदारी से काम करें। ज्यादा परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
आई एंजियोग्राफी के क्या हैं रिस्क फेक्टर?
अगर किसी व्यक्ति की त्वचा अत्यधिक सेंसेटिव है, तो आई एंजियोग्राफी के बाद निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:-
- चक्कर आना
- बेहोश होना
- मुंह सुखना या अत्यधिक लार बनना
- त्वचा पर लाल निशान होना
- दिल की धड़कन का तेज होना
- मुंह के स्वाद का बिगड़ना
- मतली और उल्टी होना
- छींक आना
- सांस लेने में परेशानी होना
एब्नॉर्मल रिजल्ट क्या है?
एब्नॉर्मल ब्लड वेसल्स में रिसाव या रुकावट को दर्शा सकता है। जिस वजह से निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
- सर्कुलेशन से जुड़ी परेशानी
- कैंसर
- डायबिटीज रेटिनोपैथी
- मस्कुलर डिजेनरेशन
- हाई ब्लड प्रेशर
- ट्यूमर
- रेटिना में बढ़े हुए सेल्स
- ऑप्टिक डिस्क में सूजन
परिणामों को समझे
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
इस टेस्ट में करीब 30 मिनट का समय लगता है। आई एंजियोग्राम के तुरंत बाद डॉक्टर आपके परिणामों की समीक्षा करेगा।
सामान्यः
- डाई तुरंत रेटिना की रक्त वाहिकाओं में फैल जाती है।
- कोई लिकेज या ब्लॉकेज नहीं है।
असामान्यः
- डाई बहुत धीमी गति से रेटिना की रक्त वाहिकाओं में फैलती है।
- डाई का फ्लो अवरुद्ध होता है।
- रक्त वाहिकाओं से लीक होता है।
- डाई आसपास के आई टिशू या ऑप्टिक डिस्क में होती है।
बीमारी की गंभीरता को समझते हुए डॉक्टर अन्य टेस्ट की भी सलाह दे सकते हैं। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा जी निर्देश दिए जा रहें उसका ठीक तरह से पालन करें। सभी लैब और अस्पताल के आधार पर आई एंजियोग्राम की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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