परिचय
विल्सन डिजीज क्या है?
विल्सन डिजीज एक दुर्बल आनुवंशिक बीमारी है। जो 90 लोगों में से किसी एक को होती है। विल्सन डिजीज में शरीर में कॉपर की मात्रा अधिक हो जाती है। जिससे शरीर में कॉपर का लेवल ज्यादा हो जाता है और ये जहरीला साबित होता है। विल्सन डिजीज के कारण मरीज का लिवर, ब्रेन और आंखें डैमेज हो जाती हैं। अगर समस्या जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
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कितना सामान्य है विल्सन डिजीज होना?
विल्सन डिजीज एक रेयर डिसॉर्डर है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लगभग 30,000 से 40,000 लोग विल्सन डिजीज से पीड़ित हैं। 90 लोगों में से किसी एक व्यक्ति में विल्सन डिजीज का कैरियर जीन होता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
विल्सन डिजीज के क्या लक्षण है?
विल्सन डिजीज शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। विल्सन डिजीज से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः लिवर की बीमारी के लक्षण 20 साल की उम्र के पहले यानी कि टीनएज में ही नजर आने लगता है। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- जॉन्डिस (Jaundice)
- पैरों और पेट में अनियमित फ्लूइड का जमा होना
- वजन कम होना
- मितली और उल्टी आना
- चक्कर आना
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से कुछ समय के लिए लिवर फेल हो जाता है।
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विल्सन रोग से पीड़ित व्यक्ति में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं सामने आती हैं :
- झटके आना
- मांसपेशियों में जकड़न
- बोलने और निगलने में परेशानी होना
- आंखों में भूरे रंग की कॉपर रिंग बन जाना, जिसे केयसर-फ्लेशर रिंग कहते हैं
विल्सन रोग से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक विकार भी हो सकता है। जैसे- डिप्रेशन, आत्महत्या का विचार आना, चिंता या साइकॉसिस।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
- पीरियड्स में अनियमितता होना, मिसकैरिज का रिस्क होना और महिलाओं में बांझपन होना
- एनीमिया
- खुद ही चोट के निशान बन जाना और ब्लीडिंग होने लगना
- किडनी स्टोन होना
- आर्थराइटिस हो जाना
- ऑस्टियोपोरोसिस
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षम के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर विल्सन डिजीज अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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कारण
विल्सन डिजीज होने के कारण क्या है?
विल्सन डिजीज एटीपी7बी जीन (ATP7B gene) में उत्परिवर्तन (mutations) यानी कि बदलाव के कारण होता है। इस जीन में एक प्रोटीन लिवर से शरीर तक कॉपर को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बदलाव के बाद एटीपी7बी जीन प्रोटीन को सही से काम करने से रोकता है। जिससे शरीर में कॉपर की मात्रा बढ़ने लगती है। शरीर में कॉपर की ज्यादा मात्रा होने से व्यक्ति के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। इससे शरीर के अंगों के टिश्यू डैमेज हो जाते हैं।
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जोखिम
विल्सन डिजीज के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
जैसा कि पहले ही बताया गया कि विल्सन डिजीज एक प्रकार की आनुवंशिक बीमारी है। इसलिए माता-पिता के जीन्स के द्वारा ये बीमारी बच्चों में भी जाती है। वहीं, अगर माता-पिता दोनों के जीन्स विल्सन डिजीज से ग्रसित हैं तो बच्चों में 25 से 50 प्रतिशत कर विल्सन डिजीज होने का खतरा रहता है। वहीं, कुछ बच्चे ऐसे भी पैदा हो सकते हैं जो विल्सन डिजीज के कैरियर बिल्कुल न हो। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
विल्सन डिजीज का निदान कैसे किया जाता है?
विल्सन डिजीज का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- केयसर-फ्लेशर रिंग दिखाई देने पर आंखों की स्लिट-लैंप जांच की जाती है।
- खून में फ्लूइड पोर्शन की जांच की जाती है, ताकि पता लगाया जा सके कि सेर्यूलोप्लासमिन (कॉपर प्रोटीन) की मात्रा कितनी है।
- यूरिन में कॉपर की अधिक मात्रा आने पर कॉपर लेवल की जांच कराना
कुछ मरीजों में लिवर बायोप्सी के द्वारा विल्सन डिजीज का पता लगाया जाता है। जरूरत पड़ने पर परिवार के अन्य सदस्यों में भी विल्सन डिजीज की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर ब्लड सेल्स के डीएनए की जांच करते हैं। इससे ये पता चलता है कि भविष्य में परिवार के और कौन लोग इस बीमारी के शिकार होंगे।
विल्सन डिजीज का इलाज कैसे होता है?
विल्सन डिजीज का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में विल्सन डिजीज के असर को कम किया जाता है। विल्सन डिजीज के लिए तीन तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- सबसे पहले पेशाब के द्वारा कॉपर को शरीर से बाहर निकालने के लिए दवाएं दी जाती हैं, जैसे- पेनिसिलैमिन और ट्राइटाइन डाइहाइड्रोक्लोराइड।
- जिंक सॉल्ट लेने से आपके शरीर में कॉपर नहीं जमा हो पाएगा और पहले से जमा कॉपर भी बाहर निकलेंगे।
- टेट्राथायोमॉलीब्डेट से शरीर में कॉपर जमा नहीं हो पाता है और टॉक्सिक कॉपर को ब्लड से बांध कर उसे नॉन टॉक्सिक बनाता है।
इसके अलावा जिंक एसिटेट से भी विल्सन डिजीज का इलाज किया जाता है। लेकिन, जिंक एसिटेट लेने से आपको लूज मोशन का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है। अगर लिवर पूरी तरह से डैमेज हो चुका है तो लिवर ट्रांसप्लांट एक मात्र विकल्प बचा रहता है।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले वदलाव क्या हैं, जो मुझे विल्सन डिजीज को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको विल्सन डिजीज है तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे जिसमें बहुत ही कम मात्रा में कॉपर पाया जाता हो। इसके साथ ही आप जो पानी पीते हैं, उसमें भी क़पर की मात्रा को नियंत्रित रखें। वहीं, ऐसी मल्टीविटामिन्स का सेवन न करें, जिसमें कॉपर की मात्रा पाई जाती हो। निम्न फूड्स में कॉपर की अधिक मात्रा पाई जाती है:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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