जन्म के बाद शारीरिक अंगों का विकास होता है और शरीर के काम करने के तरीकों में भी बदलाव आता है। हालांकि अगर आप गौर करें, तो मुनष्य का हृदय हमेशा एक तरह से ही काम करता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार स्वस्थ्य व्यक्ति का हृदय प्रतिमिनट 60 से 100 बार धड़कता है। अगर धड़कन की गति सामान्य से कम या ज्यादा हुई तो दिल से जुड़ी समस्या दस्तक दे सकती है। वहीं कुछ ऐसी भी हृदय संबंधी समस्या है, हायपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम (Hypoplastic left heart syndrome)। हायपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम जन्म से होने वाली बीमारी है, इसलिए इसे जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) की श्रेणी में रखा गया है। ऐसी ही एक बीमारी है हायपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम (Hypoplastic left heart syndrome)। आज इस आर्टिकल में हायपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे और समझेंगे कि कैसे हायपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम से बचा जा सकता है।