डॉक्टर रक्तप्रवाह में विभिन्न कोलेस्ट्रॉल स्तरों की जांच कर पाएंगे कि वे बहुत अधिक हैं या कम। यदि आपके किसी भी प्रकार के कोलेस्ट्रॉल स्तर की असामान्यता पाई जाती है, तो डॉक्टर एक प्रभावी ट्रीटमेंट प्लान बताएंगे जिसे फॉलो करना होगा। जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य किया जा सकता है।
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हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
ब्लड प्रेशर ब्लड वेसल्स पर पड़ने वाले उस प्रेशर का मेजरमेंट है जो हार्ट के पपिंग और रेस्टिंग के समय ब्लड के सर्कुलेशन से उत्पन्न होता है। समय के साथ हाय ब्लड प्रेशर या हायपरटेंशन हार्ट मसल्स के इनलार्ज होने या ठीक से काम ना करने का कारण बनता है। ब्लड प्रेशर को लगातार 120/80 mmHg से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर ऊपर और डायस्टोलिक रक्तचाप नीचे की संख्या है।
स्टेज 1 हाय ब्लडप्रेशर को 130 mmHg से अधिक सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर और 80 mmHg से अधिक डायस्टोलिक ब्लडप्रेशर या दोनों के रूप में परिभाषित किया गया है।
शारीरिक रूप से निश्क्रिय रहना (Physical inactivity)
यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स में से एक ऐसा रिस्क फैक्टर है जिसे बेहद आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए बस थोड़ी सी एक्सरसाइज या वॉकिंग को अपने रूटीन का हिस्सा बना लें। यह सीएडी के दूसरे रिस्क फैक्टर्स को कम करने में भी आपकी मदद करेगा। जैसे ब्लड को कम करने में, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में और हार्ट मसल्स को स्ट्रेंथ प्रदान करने में। एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटीज हेल्दी वेट को मेंटेन रखने में मददगार होती हैं।
अधिक वजन या मोटापा होना (Overweight and obesity)

अधिक वजन या मोटापा होने से सीएडी का खतरा नाटकीय रूप से बढ़ जाता है। बहुत अधिक वजन होना अक्सर उच्च रक्तचाप या डायबिटीज मेलिटस से जुड़ा होता है। यह सीधे अनहेल्दी डायट और शारीरिक गतिविधि ना करने से संबंधित है।
अधिक वजन या मोटापा आमतौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है। बीएमआई, हाइट और वजन के आधार पर निकला जाता है 18.5 और 24.9 के बीच रहना चाहिए। 25 या उससे अधिक का बीएमआई, खासकर यदि आपके मध्य भाग के आसपास अधिक वजन है, तो आपके सीएडी का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज मेलिटस (Diabetes mellitus)
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स में डायबिटी मेलिटस भी शामिल है। डायबिटीज मेलिटस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है या पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है। इससे रक्तप्रवाह में बहुत अधिक ग्लूकोज हो जाता है। सीएडी के लिए अन्य जोखिम कारक अक्सर टाइप 2 डायबिटीज के साथ होते हैं, जिनमें मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं।
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कोरोनरी आर्टरी डिजीज के इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में जान लें (Contributing risk factors)
इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती है, लेकिन बता दें कि कुछ व्यवहार हृदय रोग के लिए आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं, भले ही उन्हें पारंपरिक जोखिम कारकों के रूप में वर्गीकृत न किया गया हो। उदाहरण के लिए, कुछ कानूनी और अवैध दवाओं के लगातार उपयोग से उच्च रक्तचाप हो सकता है और दिल की विफलता, दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। कोकीन और एम्फेटिन के उपयोग से हृदय रोग विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
भारी शराब के सेवन से हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि आप भारी मात्रा में पीते हैं या दवाओं का उपयोग करते हैं, तो संभावित खतरनाक स्वास्थ्य जटिलताओं से बचने के लिए उपचार या डिटॉक्स कार्यक्रमों के बारे में अपने डॉक्टर या मानसिक चिकित्सक से बात करने पर विचार करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।