चिंता, तनाव या एंग्जायटी को कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों की मुख्य वजह माना जाता है। एंग्जायटी, स्ट्रेसफुल सिचुएशंस के लिए मेंटल और फिजिकल रिस्पांस का कारण भी बन सकती है, जिसमें हार्ट पल्पिटेशन्स शामिल हैं। जब कोई व्यक्ति एंक्शियस महसूस करता है, तो उससे उसकी हार्ट रेट बढ़ सकती है। एंग्जायटी अटैक के दौरान, किसी भी व्यक्ति का हार्ट रेसिंग या हार्ट रेट में बदलाव महसूस कर सकता है। यानी, एंग्जायटी में हार्ट पल्पिटेशन की समस्या हो सकती है। आज हम बात करने वाले हैं एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बारे में। एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बीच के लिंक के बारे में जानने से पहले जान लेते हैं कि हार्ट पल्पिटेशन्स किसे कहा जाता है?
हार्ट पल्पिटेशन्स (Heart Palpitations) क्या हैं?
अगर बात की जाए हार्ट पल्पिटेशन्स से पहले एंग्जायटी की, तो एंग्जायटी एक कॉमन इमोशन है, जो व्यक्ति को स्पीच देने, सर्जरी से पहले या किसी भी ऐसी सिचुएशन में हो सकती है, जिसमें उसे ड़र लगे। एंक्शियस एपिसोड्स कुछ गंभीर लक्षणों या लॉन्ग-टर्म इफेक्ट्स के साथ टेम्पररी भी हो सकते हैं। एंग्जायटी के टिपिकल लक्षणों में नर्वनेस और टेंशन के साथ ही पसीना आना और पेट में समस्या आदि शामिल हैं। किंतु, हार्ट रेट का असामान्य रूप से बढ़ना इसके अन्य सामान्य लक्षणों में से एक हो सकता है, जिसे हार्ट पल्पिटेशन कहा जाता है। एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बारे में यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है।
हार्ट पल्पिटेशन में रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे हार्ट बहुत तेजी से धड़क रहा है या हार्टबीट मिस हो रही है। एंग्जायटी स्ट्रेस का एक रिस्पांस है, जो अपने आप में एक पर्सीवड थ्रेट का रिस्पांस है। यह एक फीलिंग है जो शरीर के ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (Autonomic nervous system) को एक्टिवेट करती है। इसे फाइट या फ्लाइट रिस्पांस भी कहा जाता है। संक्षेप में कहा जाए तो फाइट या फ्लाइट रिस्पांस एक फिजियोलॉजिकल रिएक्शन है, जो किसी परसीव्ड हार्मफुल इवेंट, अटैक या सर्वाइवल के लिए थ्रेट के जवाब में होता है। क्या एंग्जायटी हार्ट पल्पिटेशन की वजह बन सकती है? पाएं, अपने इस सवाल का जवाब।
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क्या एंग्जायटी हार्ट पल्पिटेशन्स (Heart Palpitations) का कारण बन सकती है?
एंक्शियस फीलिंग हमारे शरीर के फाइट या फ्लाइट रिस्पांस को एंगेज करती है। फाइट या फ्लाइट रिस्पांस हमारे शरीर में इवेंट्स की सीरीज को ट्रिगर करता है, जिसमें कुछ खास हॉर्मोन्स का रिलीज भी शामिल है। एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि यह रिस्पांस लोगों के लिए थ्रेट्स से लड़ने और सर्वाइवल के लिए जरूरी है। यह भी माना जाता है कि फाइट या फ्लाइट रिस्पांस से हार्ट रेट बढ़ता है, ताकि शरीर अधिक ब्लड फ्लो मिले।ब्लड फ्लो के बढ़ने से हमें डेंजर से लड़ने के लिए एनर्जी मिलती है। इसलिए जब भी लोग डर, नर्वस या एंक्शियस होते हैं, तो पल्पिटेशन का अनुभव करते हैं। ऐसा होना पूरी तरह से सामान्य है, इसका अर्थ यह नहीं है कि उन्हें हार्ट संबंधी कोई समस्या है। अब जानिए एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बारे में और अधिक।
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किन स्थितियों में पल्पिटेशन एंग्जायटी को ट्रिगर कर सकती है?
फाइट या फ्लाइट केवल वो समय नहीं है जब आपकी हार्ट रेट और एंग्जायटी ओवरलैप करे। कुछ अन्य कारण या स्थितयां भी हो सकती है जब लोग हार्ट रेट में बढ़ोतरी नोटिस करें और जिससे डर और एंग्जायटी बढ़ सकती है। जिन लोगों को एब्नार्मल हार्ट रिदम की समस्या है, वो अचानक पल्पिटेशन की समस्या का अनुभव कर सकते हैं। वे स्वाभाविक रूप से घबरा जाते हैं और नहीं जानते कि यह पल्पिटेशन क्यों होती है। यह पल्पिटेशन एंग्जायटी का कारण बन सकती है, और एंग्जायटी अधिक पल्पिटेशन की वजह बनती है। यह एक ऐसा चक्र बनाता है जिसे तोड़ना मुश्किल है। अब किसी के भी मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या एंग्जायटी हार्ट के लिए हानिकारक है या नहीं? आइए जानें इसका उत्तर।
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क्या एंग्जायटी (Anxiety) हार्ट के लिए हानिकारक है?
हर व्यक्ति एक ही समय में एंग्जायटी और स्ट्रेस का अनुभव कर सकता है। एक हेल्दी हार्ट कभी-कभार होने वाली चिंता और तनाव के साथ होने वाली हाय हार्ट रेट को हैंडल कर सकता है। लेकिन, अगर आपको कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) या हार्ट फेलियर (Heart failure) जैसी हार्ट डिजीज है, तो डॉक्टर से बात करें ताकि इस समस्या को मैनेज किया जा सके। कुछ खास हार्ट कंडिशंस से पीड़ित लोगों को कुछ दवाईयों को लेने की सलाह दी जा सकती है ताकि हार्ट रेट को लो किया जा सके। अगर रोगी घबराता है, तो यह दवाईयां फास्ट हार्ट रेट या पल्पिटेशन से बचाव में मदद करती हैं।
अगर आपकी हार्ट कंडिशन कंट्रोल में है, तो कभी-कभी होने वाली एंग्जायटी समस्या का कारण नहीं है। लेकिन, अगर यह एंग्जायटी लगातार हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह जरूरी है। यह तो थी जानकारी एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बारे में। अब जानते हैं कि एंग्जायटी, हार्ट पल्पिटेशन का कारण क्यों बनती है?
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एंग्जायटी (Anxiety), हार्ट पल्पिटेशन का कारण क्यों बनती है?
हालांकि, हार्ट पल्पिटेशन अलार्मिंग हो सकती है, लेकिन अधिक यह खतरनाक नहीं होती। यह समस्या तब ठीक हो जाती है, जब एंग्जायटी का कारण बनने वाली सिचुएशन गुजर जाती है। दुर्लभ मामलों में यह किसी गंभीर हार्ट प्रॉब्लम का कारण हो सकती है। एंग्जायटी शरीर के ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (Autonomic nervous system) को एक्टिवेट करती है। ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (Autonomic nervous system) कई बॉडी फंक्शन्स को रेगुलेट करता है, जैसे:
- ब्रीदिंग (Breathing)
- डायजेशन (Digestion)
- हार्ट रेट (Heart rate)
जब एक सिचुएशन एंग्जायटी का कारण बनती है, तो हमारा ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (Autonomic nervous system) शरीर के फाइट या फ्लाइट रिस्पांस को ट्रिगर करता है। हार्ट पल्पिटेशन्स के साथ ही आप इन चीजों का अनुभव कर सकते हैं:
- थकावट (Fatigue)
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इशूज जैसे गैस और डायरिया (Gastrointestinal issues)
- रेपिड ब्रीदिंग (Rapid breathing)
- स्वेटिंग (Sweating)
- टेंस मसल्स (Tense muscles)
अब जानते हैं कि इस समस्या का निदान और ट्रीटमेंट कैसे हो सकता है ?
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एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स का निदान? (Diagnosis of Anxiety and Heart Palpitations)
एंग्जायटी के कारण होने वाली हार्ट पल्पिटेशन के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही किसी अन्य हेल्थ कंडिशन को रूल-आउट करने के लिए डॉक्टर टेस्ट्स करा सकते हैं। इसके अलावा रोगी को इन चीजों को भी पूछा जा सकता है, जैसे:
- रोगी की करंट मेडिकेशन्स (Current medications)
- डायट (Diet)
- जीवनशैली जिसमें एल्कोहॉल और कैफीन इंटेक शामिल है (Lifestyle)
- मेडिकल हिस्ट्री (Medical history)
डॉक्टर रोगी को ब्लड टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं ताकि एनीमिया और लो पोटैशियम को जांचा जा सके। इसके साथ ही थायरॉइड की जांच भी की जा सकती है। एंग्जायटी से जुड़ी पल्पिटेशन कहीं रोगी के लिए हानिकारक तो नहीं है? इसके लिए अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दी जा सकती है, जैसे:
- चेस्ट एक्स -रे (Chest X-ray)
- एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)
- एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test)
- हॉल्टेर मॉनिटरिंग (Holter monitoring)
अगर हॉल्टेर मॉनिटरिंग अनयूजुअल हार्ट रिदम न दिखाएं, तो आपके डॉक्टर आपको इवेंट रिकॉर्डर दे सकते हैं। जिसे आपको कुछ दिनों तक पहनना पड़ेगा। ताकि, हार्ट सेंसेशंस का अनुभव हो सके। अब जानिए इसके उपचार के बारे में।
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एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स का उपचार (Treatment for Anxiety and Heart Palpitations)
अगर आपके डॉक्टर को निदान के दौरान यह पता चले कि यह पल्पिटेशन्स एंग्जायटी की वजह से हैं, तो वो उपचार के लिए इन तरीकों की सलाह दे सकते हैं:
- कॉम्प्लिमेंटरी हेल्थ ट्रीटमेंट्स (Complementary health treatments): जैसे बायोफीडबैक, मसाज थेरेपी और अन्य तकनीकें आपको रिलैक्स करने में मदद कर सकती हैं।
- मेडिकेशन्स (Medications): एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन्स और एंटीडिप्रेसेंट्स कुछ लोगों के लिए मददगार हो सकते हैं। डॉक्टर एंग्जायटी के उपचार के लिए कुछ दवाईयों की सलाह दे सकते हैं जैसे बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers), बेंजोडाइजेपाइन (Benzodiazepines) आदि।
- साइकोथेरेपी (Psychotherapy): कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioral therapy) आपके थॉट पैटर्न्स को पहचानने और ट्रीट करने में मददगार है।
इनके अलावा इनके लिए अन्य ट्रीटमेंट विकल्पों की सलाह भी दी जा सकती है। यह तो थी जानकारी एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बारे में जानकारी। अगर आप एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स से बचना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि कुछ सेल्फ-मैनेजमेंट टेक्निक्स, एंग्जायटी के कारण होने वाली हार्ट पल्पिटेशन की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकती हैं। जैसे स्ट्रेस से बचाव, रोजाना एक्सरसाइज करना, पर्याप्त नींद लेना, मेडिटेशन, योगा आदि।
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एंग्जायटी के कारण होने वाली हार्ट पल्पिटेशन्स से पूरी तरह से बचा नहीं जा सकता। लेकिन, आप इसकी फ्रीक्वेंसी और गंभीरता से बच सकते हैं। सबसे पहले इन ट्रिगर्स को पहचानें। उसके बाद आप एंग्जायटी से बचने के तरीकों को अपनाएं जैसे रिलैक्सेशन टेक्निक्स, मेडिकेशन्स और थेरेपीज आदि। अगर एंग्जायटी और हार्ट पल्पिटेशन्स (Anxiety and Heart Palpitations) के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में जानें।
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