मेड्यूलरी थायरॉइड कैंसर के कारण के बारे में पता नहीं है। यह बचपन में कैंसर दूसरे कैंसर के इलाज लिए गले में दी जाने वाली रेडिएशन थेरिपी के कारण होता है। यह बच्चों और युवाओं दोनों को हो सकता है। फैमिली हिस्ट्री होने पर इस कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है। मेड्यूलरी थायरॉइड कैंसर दो प्रकार का होता है एक जो हेरेडिटी की वजह से होता है दूसरा जो फैमिली में रन नहीं करना है। ज्यादातर नॉन जेनेटिकली कैंसर ज्यादा प्रभावित करता है। इसलिए अगर फैमिली में अगर किसी को ये कैंसर रहा है तो परिवार के दूसरे सदस्यों को समय-समय पर टेस्ट और डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
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मेड्यूलरी थायरॉइड कैंसर के बारे में पता कैसे लगाया जाता है? (Medullary thyroid cancer diagnosis)
एमटीसी (MTC) गले में एक लंप के रूप में विकसित हो सकता है। ट्यूमर के बड़े होने पर मरीज की आवाज में परिवर्तन आता है। यह कैंसर दूसरे अंगों जैसे कि लिवर, हड्डियों और दिमाग में फैल सकता है। मेड्यूलरी थायरॉइड कैंसर का पता लगाने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते हैं।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging test)
एमटीसी का पता डॉक्टर पहली बार में गले को चेक करके लगा सकते हैं। अगर उन्हें लंप की उपस्थिति का एहसास होता है तो वे थायरॉइड के इमेजिंग स्कैन करवा सकते हैं। जिसमें अल्टासाउंड, सीटी स्कैन (CT SCAN) और एमआरआई स्कैन (MRI SCAN) शामिल है।
बायोप्सी (Biopsy)
इसमें डॉक्टर पतली नीडल की मदद से थायरॉइड से टिशू का सैम्पल लेते हैं। इसके बाद उस सैम्पल को माइक्रोस्कोप के नीचे एग्जामिन किया जाता है। डॉक्टर पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या इसमें कैंसर कोशिकाएं मौजूद cancer cells हैं और अगर मौजूद हैं तो यह किस प्रकार का कैंसर है। इसके आधार पर डॉक्टर ट्रीटमेंट प्लान करते हैं
मेड्यूलरी थायरॉइड कैंसर का इलाज (Medullary thyroid cancer treatment)