टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) की समस्या किसी भी उम्र में विकसित हो सकती है। हालांकि, बचपन और किशोरावस्था में यह समस्या अधिक नजर आती है। टाइप 2 डायबिटीज, डायबिटीज का सबसे सामान्य सामान्य प्रकार है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के कई रिस्क फैक्टर्स हैं जिसमें पुअर डायट (Poor Diet) और व्यायाम की कमी (Lack of Exercise) आदि शामिल हैं।
लेकिन, सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के द्वारा की गयी स्टडी के अनुसार वो हॉर्मोन भी हार्ट प्रॉब्लम्स (Heart Problems) से जुड़े हो सकते हैं, जो कुछ लोगों में डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं। हार्ट हॉर्मोन्स और डायबिटीज (Heart Hormones and Diabetes) से पहले हार्ट हॉर्मोन्स के बारे में जान लेते हैं।
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क्या है हार्ट हॉर्मोन (Heart Hormones)?
जब बात हार्ट हेल्थ की आती है तो हॉर्मोन इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हॉर्मोन्स शरीर में जिस तरह से काम करते हैं, इसका सीधा प्रभाव कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (Cardiovascular system), हार्ट (Heart) और ब्लड वेसल्स (Blood vessels) पर पड़ता है। यानी, जब यह हॉर्मोन्स सही से काम करते हैं तो इससे हार्ट डिजीज (Heart Disease) से बचाव हो सकता है। लेकिन, जब यह अनियंत्रित हो जाते हैं तो यह कई हार्ट डिजीज का कारण बन सकते हैं। हार्ट और हॉर्मोन का गहरा संबंध है। हॉर्मोन्स और हार्ट हेल्थ में संबंध को समझने के लिए सबसे पहले अग्न्याशय के बारे में जानकारी होना जरूरी है। जो हॉर्मोन्स को बनाने वाली ग्लैंड है। यह पेट के पीछे और स्मॉल इंटेस्टाइन के साथ होती है।
अग्न्याशय वो बड़ा ग्लैंड है, जो इंसुलिन बनाता है। इंसुलिन वो हॉर्मोन है जो शरीर के सेल्स को ब्लड ग्लूकोज रिसीव करने देता है। लेकिन, अगर अग्न्याशय के इस हॉर्मोन को बनाने के तरीके में कोई समस्या आती है। तो शरीर में बहुत अधिक ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) बनने लगता है। यह ब्लड ग्लूकोज टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) जैसे कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), हाय ब्लड प्रेशर (Heart Blood Pressure) और हार्ट डिजीज (Heart Disease) का कारण बन सकता है। इसके अलावा अग्न्याशय में एल्डोस्टेरॉन (Aldosterone) नाम का हॉर्मोन भी बनता है। जिसे हार्ट हेल्थ के साथ जोड़ कर देखा जाता है। इसके अलावा एट्रिअल नेचुरेटिक हॉर्मोन (Atrial Naturetic Hormone) या ANP भी वो हॉर्मोन है जो ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब जानते हैं हार्ट हॉर्मोन्स और डायबिटीज (Heart Hormones and Diabetes) के बीच के लिंक के बारे में।
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हार्ट हॉर्मोन्स और डायबिटीज के बीच के कनेक्शन (Link Between Hormones and Diabetes)
शोधकर्ताओं के अनुसार एल्डोस्टेरॉन नाम के हॉर्मोन को एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal gland) द्वारा बनाया जाता है। यह हॉर्मोन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। यही नहीं, एल्डोस्टेरॉन नामक इस हॉर्मोन को हार्ट प्रॉब्लम के साथ जोड़ा जा सकता है। ब्लड में अतिरिक्त एल्डोस्टेरॉन (Aldosterone) – जिसे हायपरल्डोस्टेरोनिज़्म (Hyperaldosteronism) कहा जाता है – कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure), सिरोसिस (Cirrhosis) और कुछ किडनी डिजीज (Kidney diseases) जैसी स्थितियों से जुड़ा होता है। लेकि,न यह बात भी साबित हो चुकी है कि यह हॉर्मोन मसल में इन्सुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) को भी बढ़ाता है और अग्न्याशय से इंसुलिन सेक्रेशन (Insulin secretion) को बाधित करता है।