अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) दिल की धड़कन से जुड़ी एक समस्या है। इसके कारण हृदय की गति तेज हो जाती है या अनियमित तरीके से दिल धड़कने लगता है। कभी-कभी दिल का दौरा पड़ने के कारण या वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) से आपके ब्लड प्रेशर पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में रक्त का संचार ठीक से हो नहीं पाता है।
वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन(Ventricular Fibrillation), एक गंभीर स्थिति है जिसमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। यह बीमारी व्यक्ति को सेकंड में बेहोश कर सकती है। यह कार्डियक अरेस्ट का कारण बनती है। इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के अलावा डिफिब्रिलेटर नामक डिवाइस के साथ दिल को झटका दिया जाता है। दवाओं से दिल की धड़कन को सामान्य किया जा सकता है।
वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन एक आम बीमारी नहीं है। दिल के मरीजों को अक्सर ये समस्या होती है। इसके अलावा डॉक्टर आपको सही जानकारी दे सकते हैं।
वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) की तरह ही एट्रियल फाइब्रिलेशन होता है। लोग इन दोनों फर्क में नहीं कर पाते हैं। एट्रियल फाइब्रिलेशन के बारे में भी जानकारी होना जरूरी है। तभी सही इजाज हो सकता है।
हृदय के ऊपरी कक्षों में बाएं और दाएं एट्रियल होता है। वहीं वेंट्रिक्युलर हृदय के निचले कक्षों में होता है। ये चारों कक्ष एक साथ शरीर से खून लेकर पंप करते हैं।
जब ऊपरी कक्ष में पंप करने की गति अनियमित हो जाती है तो उसे एट्रियल फाइब्रिलेशन कहते हैं। वहीं जब दो निचले कक्ष अनियमित रूप से धड़कते हैं तो उसे वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (VFib) कहते हैं। यह दोनों दिल की अनियमित धड़कन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) में दिल ठीक से काम नहीं कर पाता है जिससे शरीर में खून पहुंचना भी बंद हो जाता है। दिल की धड़कन ही दिल को नियमित रूप से चलाए रखने के लिए जिम्मेदार है। ऐसा ना होने पर दिमाग सहित शरीर के कई अंगों में खून की आपूर्ति रुक जाती है।
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वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन का सामान्य लक्षण हैं- बेहोशी। ऐसी स्थिति जिसमें आपके दिल का निचला हिस्सा बहुत तेजी से धड़कता है। ये वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) को जन्म दे सकते हैं। आपके दिल के निचले कक्ष को तेजी से धड़कने को वेंट्रिक्युलरर टैचीकार्डिया कहते हैं। इसके लक्षण हैं:
इनके अलावा और भी कई ऐसे कारण भी हो सकते हैं जो यहां नहीं दिए गए हों। इसलिए अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से मिलें।
ऊपर दिए लक्षणों में अगर कोई भी लक्षण आपको दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है जिसके कारण वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) के सभी लक्षणों को इस सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए स्थिति का सही पता लगाने के लिए डॉक्टर के पास जाएं।
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वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेश होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें निम्न मुख्य रूप से शामिल हैं –
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वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) के कई जोखिम कारक हैं, जैसे
आप चाहें तो जीवनशैली में बदलाव व घरेलू उपायों की मदद से इनका परहेज कर सकते हैं। ध्यान रहे की वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) एक गंभीर स्थिति है जिसके इलाज के साथ आपको इसके जोखिम कारक से बचना पड़ सकता है।
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वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) का इलाज हमेशा आपातकालीन स्थिति में किया जाता है। यदि आपको वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन है तो डॉक्टर उसे पता लगाने के लिए ये चीजे करेंगे-
पल्स चेक करके भी वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation) का पता लगाया जा सकता है। यह जानने के लिए कि आपके वेंट्रिक्युलर फाइब्रिलेशन के कारण क्या है, इसके अलग परीक्षण होंगे:
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जीवनशैली बदलाव और घरेलू उपाय
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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