के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
नारकोटिक दवाओं का उपयोग मध्यम से गंभीर दर्द के इलाज के लिए किया जाता है।नारकोटिक दर्द की दवाएं आपकी मस्तिष्क में नसों पर रिसेप्टर्स से जुड़ती हैं जो दर्द को कम करने का कार्य करता हैं, ज्यादातर पुरुष और महिलाएं कम समय के लिए मादक दर्द की दवा लेते हैं जब तक दर्द कम या दूर नहीं हो जाता। कुछ वयस्कों को पुराना दर्द होता है, जिसके लिए सही खुराक की आवश्यकता होती है। वैसे किसी भी प्रकार की नशीली दवाओं का सेवन करना और उसकी लत लगना एक प्रकार का विकार होता है इस विकार को नारकोटिक अब्यूज (Narcotic abuse) विकार भी कहा जाता है, इसके और भी कई नाम है जैसे इसको पदार्थ उपयोग विकार (substance use disorder) भी कहा जाता है।
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नारकोटिक अब्यूज एक ऐसी बीमारी है जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित करती है साथ ही इस बीमारी में आपको ऊपर किसी लीगल या इलीगल दवा का असर होना बंद हो जाता है। आपको बता दें की शराब (alcohol), मारिजुआना (marijuana) और निकोटीन (nicotine)जैसे पदार्थों को भी एक तरह का ड्रग्स माना जाता है। जब आपको इसकी लत लग जाती है तो इसके नुकसान के बावजूद आप इसका सेवन करते हैं।
नशीली दवाओं के लत की शुरुआत लोग कुछ समय के मजे या एज्वायमेंट के लिए करना शुरु करते हैं जिसके चलते कुछ लोग इसके आदती हो जाते हैं इस कारण वो ये बार-बार लेना शुरु कर देते हैं। दूसरों के लिए, विशेष रूप से ओपिओइड के साथ, नशीली दवाओं की लत किसी तरह की निर्धारित दवाओं के संपर्क में आने से, या किसी दोस्त या रिश्तेदार द्वारा दिए जाने से शुुरु होता है।
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नारकोटिक अब्यूज के कारण आपके अंदर इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं इसके अलावा बता दें आपके व्यवहार में भी काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं ये भी शामिल है।
-जब आप इन दवाओं का सेवन कर रहें होते हैं तो इस दौरान आपके सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण आपकी किसी के साथ भी लड़ाई झगड़े की गुंजाइस ज्यादा हो जाती है।
-नारकोटिक अब्यूज में आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है, जिसका असर आपके शरीर पर पड़ता है।
-जब आप को रेगुलर लेना प्रारंभ करते है तो कई बार ऐसा होता है की आपको दवा की बहुत ज्यादा तेज क्रेविंग होने लगती है जिसके कारण उस वक्त आप कुछ सोचने और समझने की शक्ति कम हो जती है।
– तो वहीं इस दौरान आपको समय के साथ, सामान्य महसूस करने के लिए दवा के अधिक डोज की आवश्यकता महसूस होने लगती है।
-नारकोटिक अब्यूज में दवा के डोज अपनी इच्छा से ज्यादा लेना।
-यह देखना की आपके पास पर्याप्त मात्रा में दवा मौजूद है या नहीं।
-भले ही आपके पास आपके जरुरी काम के लिए पैसे न हो आपकी आर्थिक स्थिति ठीक न हो लेकिन ड्रग पर पैसे खर्च करना।
–नशीली दवाओं के चपेट में आने के कारण आप अपनी जिम्मेदारियों को न समझ पाते हैं न पूरा कर पाते हैं।
– नारकोटिक अब्यूज में दवा के कारण सामाजिक और बाकी गतिविधियों ,दूरी बना लेते हैं।
-नारकोटिक अब्यूज में भले ही आपको पता हो की यह दवा आपके जीवन और हेल्थ के लिए नुकसानदायक है उसके बाद भी आप दवा का उपयोग करना जारी रखते हैं।
-यदि आपके पास दवा के लिए पैसे नहीं हैं तो आप इसके लिए चोरी करने पर भी मजबूर हो जाते हैं।
-यदि आप नशीली दवा के आदती है तो आपको ड्राइविंग करने से बचना चाहिए ये आपके लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है।
-आप साधारण रुप से शायद इसकी लत से छुटकारा पाने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन इसमें आप असफल रहे हैं।
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कई मानसिक स्वास्थ्य विकारों की तरह, नारकोटिक अब्यूज होना या नशे की लत होने के कई कारण हो सकते हैं।
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नारकोटिक अब्यूज में नशीली दवाओं की लत का निदान करने के लिए कई परीक्षण की आवश्यकता होती है और अक्सर एक मनोचिकित्सक (psychiatrist), मनोवैज्ञानिक (psychologist) या ड्रग काउंसलर के द्वारा परीक्षण किया जाता है। नशीली दवाओं के उपयोग का आकलन करने के लिए रक्त, मूत्र या अन्य परीक्षणों का उपयोग किया जाता है, ये परीक्षण इसलिए किया जाता है की निदान करने के बाद यह तय किया जा सके की डॉक्टर किस प्रकार आपका इलाज करेगा।
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आमतौर पर नशीली दवाओं की लत छुड़ाने का इलाज नहीं है लेकिन नीचे कुछ ऑप्शन है जिसके द्वारा आप इस लत पर काबू पाकर धीरे-धीरे अपनी आदत में सुधार भी ला सकते हैं।आपका उपचार आपके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दवा और किसी भी संबंधित चिकित्सा या मानसिक स्वास्थ्य विकार पर निर्भर करता है। रिलैप्स को रोकने के लिए लंबे समय तक फॉलो-अप करना बेहद जरुरी है।
-इस थेरेपी में आप चुन सकते हैं की आपको यह थेरेपी अकेले करवाना है या किसी ग्रुप या परिवार के साथ करवाना है।
-इस थेरेपी में डॉक्टर पहले यह जानता है की आपने किस प्रकार के नशे का सेवन किया है उसके बाद वह आपके नशे से मुक्त कराने के इलाज पर फोकस करता है।
-इसमें आपकी सभी जरुरतों का ख्याल रखा जाता है आपके रहने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
डिटॉक्सिफिकेशन द्वारा की जाने वाली थेरेपी को “डिटॉक्स” या विड्रॉल थेरेपी भी कहा जाता है, इससे आपको नशे की लत से जल्दी छुटकारा मिल जाता है ये एक सुरक्षित उपाय भी माना जाता है।कुछ लोगों के लिए, आउट पेशेंट के आधार पर विड्रॉल (Withdrawal) थेरेपी से गुजरना सुरक्षित हो सकता है। दूसरों को अस्पताल या आवासीय उपचार केंद्र में प्रवेश की आवश्यकता हो सकती है।
व्यवहार चिकित्सा, दवा उपचार का एक भाग माना जाता है, ये थेरेपी भी मनोचिकित्सा द्वारा ही किया जाता है। व्यवहार थेरेपी और किसी व्यक्ति, परिवार या समूह के साथ किया जा सकता है। इस थेरेपी के अंतर्गत डॉक्टर इस प्रकार आपकी मदद कर सकते हैं।
-इसमें आपके ड्रग क्रेविंग से निपटने के तरीके विकसित करने में मदद मिलती है।
-दवाओं से बचने और रिलेप्स को रोकने के लिए सुझाव दिया जाता है।
-अपने दिमाग को व्यस्त रखने के लिए अपनी नौकरी, समस्याओं और परिवार और दोस्तों के बारे में बात कर सकते है।
-अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में बात कर सकते हैं।
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यह पूरी तरह से मुमकिन है की ज्यादातर लोग चाहे किसी भी उम्र के हो किसी भी लिंग,किसी भी स्टेट्स के हो कोई भी नशे की लत का शिकार हो जाता है,इसके अलावा भी कुछ और कारक है जो इस आदत से प्रभावित हो सकते हैं।
फैमिली हिस्ट्री द्वारा नशे की लत- कुछ परिवारों में नशीली दवाओं की लत अधिक आम है और इसमें आनुवंशिक गड़बड़ी शामिल है। यदि आपका कोई बल्ड रिलेशन है जैसे कि माता-पिता या भाई-बहन, जिनको शराब या मादक पदार्थों की लत है, तो आपको नशीली दवाओं की लत होने का अधिक खतरा होता है।
मानसिक स्वास्थ्य विकार- यदि आपको मानसिक स्वास्थ्य विकार है जैसे अवसाद depression, ध्यान एकाग्रता में कमी attention-deficit )अभिघातज के बाद का तनाव विकार(post-traumatic stress disorder,) तो आपको ड्रग्स का आदी होने की अधिक संभावना है। दवाओं का उपयोग करना आपके तकलीफ जैसे कि चिंता, अवसाद और अकेलेपन से लड़ने का करने का एक तरीका बन सकता है और इन समस्याओं को और भी बदतर भी बना सकता है।
साथियों का दबाव- प्रेशर ड्रग्स का उपयोग और दुरुपयोग शुरू करने के लिए एक मजबूत कारक है, खासकर युवा लोगों के लिए इसमें आपके आपको इमोशनली काफी प्रेशर डालते हैं की आप उनके साथ नशे में शामिल हों।
पारिवारिक सहभागिता का अभाव- आपको माता पिता और भाई-बहन के रिश्ते में जब प्यार की कमी या आपसी मतभेद के कारण भी बच्चो में नशे का खतरा बन सकता है। इसलिए परिवार में मां बाप का बच्चों को प्यार मिलना बेहद जरुरी है।
जल्दी उपयोग- कम उम्र में दवाओं का उपयोग करने से विकासशील मस्तिष्क में परिवर्तन हो सकते हैं और नशीली दवाओं की लत बढ़ सकती है।
अत्यधिक नशे की दवा लेना- अन्य दवाओं की तुलना में कुछ दवाओं, जैसे उत्तेजक, कोकीन या ओपियोड दर्द निवारक,नशे का विकास तेजी से कर सकते हैं। धूम्रपान या इंजेक्शन लगाने से नशा करने की क्षमता बढ़ सकती है।
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नशीली दवाओं के उपयोग में महत्वपूर्ण और हानिकारक अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। कुछ दवाएं लेना विशेष रूप से जोखिम भरा हो सकता है, खासकर यदि आप हाई होज ले रहें हो। या उन्हें अन्य दवाओं या शराब के साथ जोड़ते हैं। यहां कुछ उदाहरण हैं।
-मेथामफेटामाइन, ओपिट्स और कोकीन अत्यधिक नशे की लत है और ये आपके कई अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणाम का कारण बन सकता है, जिसमें दौरे या मौत होने की संभावना हो सकती है।
-जीएचबी और फ्लुनिट्राजेपम से बेहोशी, भ्रम और मेमोरी लॉस जैसी समस्या हो सकती है। ये आपकी मेमोरी को कम करने और किसी घटना को याद करने की क्षमता को बाधित करता है। उच्च खुराक पर, वे दौरे, कोमा और मृत्यु का कारण बन सकते हैं। खतरा तब बढ़ जाता है जब इन दवाओं को शराब के साथ लिया जाता है।
-एक्स्टसी या मॉली (एमडीएमए) डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और जटिलताओं का कारण बन सकता है जिसमें दौरा होने का खतरा बना रहता हैं। दीर्घकालिक, एमडीएमए मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
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