फ्लेल चेस्ट (Flail chest) एक इंजरी है जो सीने पर ब्लंट ट्रॉमा (Blunt trauma) के बाद होती है। जब एक साथ तीन या अधिक पसलियों (Ribs) में प्रत्येक पसली के अंदर कई फ्रैक्चर होते हैं, तो इसकी वजह से चेस्ट वॉल का एक हिस्सा बाकी की चेस्ट वॉल से अलग हो सकता है और उसका चेस्ट वॉल से सिंक टूट सकता है। इसे एक आपात स्थिति माना जाता है क्योंकि यह फेफड़ों (Lungs) से जुड़ी गंभीर चोट (Injury) हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि तुरंत इलाज किया जाए। चेस्ट ट्रॉमा की वजह से यह स्थिति बनना रेयर है, लेकिन जब ऐसा होता है तो फ्लेल चेस्ट की स्थिति आपकी सांस लेने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है और स्वास्थ्य के प्रति चिंता का कारण बन सकती है। इस आर्टिकल में इस स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।
फ्लेल चेस्ट के लक्षण (Flail chest symptoms)
फ्लेल चेस्ट (Flail chest) की स्थिति में लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि मरीज की कंडिशन कितनी गंभीर है। अगर आपको चेस्ट में सीवियर ट्रॉमा हुआ थो HO तो आपको ये लक्षण दिखाई देंगे।
- सीने में अधिक दर्द होना (Chest pain)
- सीने के उस एरिया में कोमलता जहां हड्डी निकल गई है
- सांस लेने में परेशानी होना (Shortness of breath)
- इंफ्लामेशन (Inflammation) की समस्या होना
- सांस लेते वक्त सीने का असामान्य रूप से फूलना और पिचकना
सीने के अलग होने वाले हिस्से का बाकी हिस्से से अगल मूव करना फ्लेल चेस्ट (Flail chest) का निश्चित संकेत हो सकता है। जब आप सांस लेते हैं तो आपकी छाती का प्रभावित हिस्सा अंदर आ जाता है, जबकि आपकी छाती का बाकी हिस्सा बाहर की ओर फैलता है। जब आप सांस छोड़ते हैं, तो प्रभावित क्षेत्र का विस्तार होगा जबकि आपकी छाती का बाकी हिस्सा अंदर आ जाएगा।
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फ्लेल चेस्ट के कारण (Flail chest Causes)
चेस्ट वॉल में होने वाला ब्लंट ट्रॉमा फ्लेल चेस्ट (Flail chest) का कारण बनता है। इसे चेस्ट ब्लंट ट्रॉमा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह किसी ब्लंट या फ्लेट ऑब्जेक्ट के चेस्ट की वॉल को हिट करने के कारण होता है। जिससे सीने का वह हिस्सा डैमेज हो जाता है। रोड एक्सीडेंट्स के वक्त ट्रॉमा होना सामान्य है। यह ट्रॉमा कम चोट लगने से लेकर रिब्स के फ्रैक्चर तक का कारण बन सकता है। इसकी गंभीरता अलग हो सकती है। रोड एक्सीडेंट के वक्त होने वाला ट्रॉमा ब्लंट या फ्लैट ऑब्जेक्ट की वजह से ही होता है जैसे कि स्टेरिंग व्हील का सीने में लगना, किसी पत्थर या नुकीली वस्तु का टकराना।
इस प्रकार की इंजरी सीपीआर चेस्ट कंप्रेशन्स (CPR chest compressions) और किसी जानवर के लात मारने जैसे ट्रॉमेटिक इंजरी (Traumatic injuries) की वजह से भी हो सकती है। ब्लंट ट्रॉमा की वजह से होने वाले रिब फ्रैक्चर्स (Rib fractures) बहुत दर्दनाक हो सकते हैं क्योंकि सांस लेने के लिए हम जिन मसल्स का उपयोग करते हैं वे चोट पर लगातार दवाब बनाती रहती हैं। ब्लंट ट्रॉमा की वजह से होने वाली फ्रैक्चर हुई पसलियां भी आगे इंजरीज का कारण बन सकती हैं जैसे कि पंक्चर लंग्स और डैमेज्ड ब्लड वेसल्स। फ्लेल चेस्ट (Flail chest) ब्लंट ट्रॉमा की वजह से होने वाले सबसे गंभीर स्थिति है। जिसको तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
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फ्लेल चेस्ट का निदान कैसे किया जाता है? (Flail Chest diagnosis)
फ्लेल चेस्ट (Flail chest) के बारे में डॉक्टर फिजिकल एक्जामिनेशन करके पता लगाते हैं। अगर वे सांस लेते वक्त सीने में कुछ असामान्य मूवमेंट को देखते हैं तो यह फ्लेल चेस्ट (Flail chest) का क्लियर संकेत हो सकता है। डॉक्टर मरीज का चेस्ट एक्सरे का उपयोग कंफर्मेशन के लिए कर सकते हैं। कई बार ब्लंट ट्रॉमा के कारण होने वाली सीवियर इंजरीज एक एक्सरे में दिखाई नहीं देती हैं। ऐसे में एक से ज्यादा एक्सरे करवाने पड़ सकते हैं। इस बारे में डॉक्टर आपको गाइड करेंगे।
फ्लेल चेस्ट का इलाज कैसे किया जाता है? (Flail Chest treatment)
फ्लेल चेस्ट (Flail chest) एक सीवियर इंजरी है जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है। डॉक्टर को लंग्स को प्रोटेक्ट करने की कोशिश करते हैं। साथ ही वे ये भी कोशिश करते हैं कि आपको सांस लेने में कोई परेशानी ना आए। वे आपको एक ऑक्सिजन मास्क दे सकते हैं जिससे सांस लेने में मदद मिले। इसका उपयोग कैसे करना है इसके बारे में भी वे आपको गाइड करते हैं। साथ ही सीने में दर्द से राहत के लिए दवाएं दे सकते हैं। ज्यादा गंभीर मामलों में चेस्ट केविटी (Chest cavity) को स्टेबल रखने के लिए मेकेनिकल वेंटिलेटर (Mechanical ventilator) की जरूरत हो सकती है। ध्यान रहे किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। ना ही दवा के डोज या शेड्यूल में किसी तरह का कोई बदलाव करें।
फ्लेल चेस्ट से रिकवरी (Recovering from a flail chest)
चेस्ट फ्लेल से रिकवरी का समय सबके लिए अलग-अगल हो सकता है। आपकी रिकवरी पूरी तरह से इंजरी के प्रकार, उसकी लोकेशन और आपको किस प्रकार के कॉम्प्लिकेशन हुए हैं उसे पर निर्भर करते हैं। जिन लोगों की इंजरी सीवियर नहीं होती है वे 6 हफ्ते में भी पूरी तरह रिकवर कर सकते हैं। जिन लोगों की इंजरी गंभीर होती है उन्हें रिकवर होने में एक साल तक का समय लग सकता है। वहीं कुछ लोगों को इंजरी के बाद लाइफ लॉन्ग परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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फ्लेल चेस्ट से जुड़े कॉम्प्लिकेशन्स क्या हैं? (Complications of flail chest)
फ्लेल चेस्ट (Flail chest) के बाद कुछ कॉम्प्लिकेशन्स हो सकते हैं। जो लंबे समय तक रह सकते हैं जिसमें निम्न शामिल हैं।
- लगातार सीने में दर्द रहना
- सीने में अहजता
- फिजिकल एक्टिविटी के बाद सांस लेने में परेशानी
- हालांकि कुछ मामलों में लोग 6 महीने में नॉर्मल लंग फंक्शन को प्राप्त कर सकते हैं। चाहे उन्हें सीने में डिसकंफर्ट का एहसास होता रहे।
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चेस्ट फ्लेल के लिए तुरंत ट्रीटमेंट जरूरी होता है ताकि जीवन के खतरे को रोका जा सके। यंग लोग जो स्वस्थ्य हैं वे आमतौर पर कॉम्प्लिकेशन्स का सामना किए बिना जल्दी ठीक हो जाते हैं अगर उन्हें सही ट्रीटमेंट मिले तो, लेकिन ओल्डर एडल्ट्स में निमोनिया और रेस्पिरेटरी फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सबसे एक्सट्रीम केसेस में जहां चेस्ट वॉल कोलेल्प हो जाती या लंग या ब्लड वेसल्स में सीवियर ट्रॉमा होता है वहां पर लोगों के जीवित रहने की संभावना कम होती है। हालांकि फ्लेल चेस्ट (Flail chest) के कई मामलों में जहां चोट कम गंभीर होती है और जटिलताएं पैदा नहीं होती हैं, लोगों के लिए उचित उपचार मिलने पर कुछ हफ्तों या महीनों में ठीक होना संभव है।
उम्मीद करते हैं कि आपको फ्लेल चेस्ट (Flail chest) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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