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चाइल्डहुड इंटरस्टिशियल लंग डिजीज कौन सी हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/05/2022

    चाइल्डहुड इंटरस्टिशियल लंग डिजीज कौन सी हैं?

    चाइल्डहुड इंटरस्टिशियल लंग डिजीज, जिसे “chILD,” के रूप में जाना जाता है, यह रेयर लंग कंडिशंस का एक ग्रुप है जो शिशुओं, बच्चों और टीन्स को प्रभावित करता है। चिल्ड (chILD) के सभी फॉर्म बच्चे के लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए फेफड़ें ठीक से काम करना बंद कर देते हैं। इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (Children’s Interstitial Disease) अकेली एक बीमारी नहीं है, जो गंभीर भी हो सकती है। इससे सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह लंग डिजीज ऑक्सिजन और कार्बन डाइऑक्साइड के एक्सचेंज में इंटरफेयर कर सकती है। चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) के लक्षण क्या है, चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के लक्षणों (Children’s Interstitial Disease symptoms) के लिए क्या ट्रीटमेंट हैं, जानते हैं इस आर्टिकल में।

    एडल्ट्स और चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के बीच अंतर (Difference Between Adults and Children’s Interstitial Disease)

    कुछ बच्चों में चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s Interstitial Disease) के लक्षण जीवन भर रहते हैं, इसलिए टेक्निकली यह डिजीज बच्चों और एडल्ट्स दोनों में हो सकती है। हालाकि, वयस्कों में इंटरस्टिशियल डिजीज का कारण चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) के कारणों से अलग हो सकते हैं। कुछ प्रकार के चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज एडल्ट फॉर्म्स के समान होते हैं।

    बच्चों में एडल्ट फॉर्म्स की तरह नाम भी हो सकते हैं, जैसे ह्यपरसेंसिटिविटी न्यूमोनिटिस (Hypersensitivity pneumonitis), इम्यूनोडेफिशिएंसी-एसोसिएटेड लंग डिजीज (Immunodeficiency-associated lung disease) और ब्रोंकियोलाइटिस ओब्लिटरन (Bronchiolitis obliterans)। हालांकि, शोध से पता चलता है कि इन बीमारियों के कारण और आउटकम्स अक्सर वयस्कों की तुलना में बच्चों में बहुत अलग होते हैं।

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    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के लक्षण (Childhood Interstitial Lung Disease) क्या हैं?

    हालांकि, चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) में कई बीमारियां हैं। हर बच्चे में हर लक्षण नहीं होगा, लेकिन कुछ लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:

    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के कारण क्या हैं? (What are the causes of Children’s Interstitial Disease?)

     चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) के लक्षण बिना किसी ज्ञात कारण के भी डेवलप हो सकता है। दूसरी ओर, कुछ जीन, टॉक्सिन्स, या अन्य रोग भी इसकी वजह हो सकते हैं। कुछ संभावित कारण हैं:

    • वंशानुगत स्थितियां (Inherited conditions): डिसऑर्डर्स जो सर्फैक्टेंट (Surfactant) के साथ समस्याएं डेवलप करते हैं – फेफड़ों में एक तरल पदार्थ जो आपके बच्चे को सांस लेने में मदद करता है – जीन के माध्यम से पास किया जा सकता है।
    • इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर्स (Immune system disorders): कुछ इम्यून सिस्टम की समस्याएं बच्चों के लिए बीमारियों से लड़ना कठिन बना देती हैं।
    • ऑटोइम्यून डिजीज: ये तब होती हैं जब आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से हेल्दी टिश्यू पर हमला करती है। इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज और कोलेजन वस्कुलर डिजीज दो ऑटोइम्यून कंडिशंस हैं जो आमतौर पर बच्चे से जुड़ी होती हैं।
    • इंफेक्शन (Infection):कुछ बच्चों को सर्दी या वायरस इंफेक्शन के बाद चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) के लक्षण डेवलप होते हैं।
    • बर्थ डिफेक्ट्स (Birth defects): कुछ बर्थ डिफेक्ट्स शिशुओं में चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) का कारण बनते हैं जो उनके फेफड़ों में समस्या पैदा करता है।
    • एस्पिरेशन: जब आप भोजन, लिक्विड या वॉमिट को अपने फेफड़ों में इन्हेल कर लेते हैं, तो यह आपकी हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। एस्पिरेशन अक्सर बच्चों को निगलने में समस्या या गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) नामक स्थिति से प्रभावित करता है।
    • कैंसर ट्रीटमेंट्स (Cancer treatments): रेडिएशन और कीमो जैसी थेरेपीज से चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के लक्षण बच्चों में हो सकते हैं।
    • एंवारयमेंटल ट्रिगर (Environmental triger): केमिकल्स और मोल्ड्स आपके बच्चे के फेफड़ों में इर्रिटेशन पैदा कर सकते हैं।
    • सर्जरी (Surgery): चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के कुछ मामलों में लंग ट्रांसप्लांट या बोन मेरो ट्रांसप्लांट को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

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    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के प्रकार (Types of Children’s Interstitial Disease)

    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज कई प्रकार के होते हैं। हालांकि, ये सभी रेयर डिजीज मानी जाती हैं, कुछ फॉर्म विशिष्ट आयु समूहों में अधिक सामान्य होते हैं। चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) जो आमतौर पर शिशुओं को प्रभावित करते हैं वे हैं:

    • सर्फैक्टेंट डिसफंक्शन म्यूटेशन (Surfactant dysfunction mutations)
    • विकास संबंधी विकार, जैसे कि ऐल्वीअलर केपिलरी डिस्प्लेसिया (Alveolar capillary dysplasia)
    • लंग ग्रोथ एब्नॉर्मिलिटीज (Lung growth abnormalities)
    • न्यूरोएंडोक्राइन सेल हाइपरप्लासिया ऑफ इंफेंसी (Neuroendocrine cell hyperplasia of infancy (NEHI)
    • पल्मोनरी इंटरस्टिशियल ग्लाइकोजिनोसिस

    बच्चों और किशोरों में अधिक सामान्य चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के प्रकार हैं:

    • आइडियोपैथिक इंटरस्टिशियल निमोनिया (Idiopathic interstitial pneumonias)
    • आईएलडी-एसोसिएटेड विद सिस्टमिक डिजीज प्रोसेस (ILD-associated with systemic disease processes)
    • कम्प्रोमाइज्ड इम्यून सिस्टम के विकार (Disorders of the compromised immune system)

     

    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के लक्षणों का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है? (Children’s Interstitial Disease diagnosis)

     चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के लक्षण को डायग्नोस करना अक्सर कठिन होता है। प्रत्येक प्रकार अलग होता है, इसलिए आपके डॉक्टर द्वारा उपयोग की जाने वाली विधियां अलग-अलग होंगी। टेस्ट्स में शामिल हैं:

    • चेस्ट का एक्स-रे या सीटी स्कैन: ये इमेजिंग प्रक्रियाएं आपके बच्चे के फेफड़ों की इमेज लेने के लिए एक्स-रे का उपयोग करती हैं।
    • लंग्स फंक्शन टेस्ट: बच्चे कैसे सांस लेते और छोड़ते हैं, यह जांचने के लिए कि उनके फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम करते हैं, इसके लिए डॉक्टर ये टेस्ट करते हैं।
    • ब्लड टेस्ट: कभी-कभी एब्नार्मल जीन की जांच के लिए ब्लड ड्रॉ का उपयोग किया जाता है।
    • ब्रोन्कोएलेवोलर लैवेज: इस प्रक्रिया के साथ, एक डॉक्टर विशिष्ट प्रकार की सेल्स को देखने के लिए आपके बच्चे के फेफड़ों में एक ट्यूब के माध्यम से सॉल्ट वाटर इंजेक्ट करता है। यह लंग इंजरी, एस्पिरेशन, इंफेक्शन, या एयरवे की समस्या का पता लगाने में मदद कर सकता है।
    • फेफड़े की बायोप्सी: एक सर्जन एक लैब में टेस्ट करने के लिए लंग के टिश्यू का एक छोटा सा टुकड़ा निकालते हैं।

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    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज का इलाज (Children’s Interstitial Disease Treatment)

    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज के लक्षण को दूर करने लिए इलाज के तरीके पर बहुत कम शोध किया गया है, लेकिन कुछ उपचार बच्चों के फेफड़ों को बेहतर काम करने, लक्षणों को कम करने या उन्हें बेहतर महसूस कराने में मदद कर सकते हैं। आपका डॉक्टर सिफारिश कर सकता है:

    • दवाएं: स्टेरॉयड फेफड़ों की सूजन को कम करते हैं, एंटीमाइक्रोबियल ड्रग्स (Antimicrobial drugs) इंफेक्शन का इलाज करती हैं, और ब्रोन्कोडायलेटर्स एयरवेज के आसपास की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं।
    • ऑक्सिजन: अधिक ऑक्सिजन बच्चों को बेहतर सांस लेने और उनके हार्ट को रिलैक्स देने में मदद कर सकती है।
    • नुट्रिशन: वेट गेन करने पर फोकस्ड ईटिंग प्लान से इंटरस्टिशियल डिजीज के कुछ बच्चों को फायदा हो सकता है।
    • पल्मोनरी रिहैब और एक्सरसाइज: विशेष उपचारों का उद्देश्य कंजेशन को कम करना और फेफड़ों के फंक्शन की क्षमता में सुधार करना है।
    • ब्रीदिंग मशीन: वेंटिलेटर नामक उपकरण बच्चों को आसानी से सांस लेने में मदद कर सकते हैं।
    • लंग्स ट्रांसप्लांट: यह चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) के गंभीर या लाइफ थ्रेटनिंग की स्थिति में बच्चों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अब तक, जिन बच्चों की सर्जरी हुई है, उनमें इस बीमारी के लक्षण वापस नहीं आते हैं।

    ना करें ऐसा

    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) के लक्षण को दूर करने के लिए कोई परमानेंट इलाज नहीं होने के कारण, स्थिति प्रत्येक बच्चे में अलग तरह से आती है और आगे बढ़ती है। कुछ मामले गंभीर होते हैं और कम उम्र में ही जानलेवा हो सकते हैं। डिजीज के अन्य प्रकार धीरे-धीरे बदतर हो सकते हैं। लेकिन बीमारी के कुछ रूप, जैसे कि न्यूरोएंडोक्राइन सेल हाइपरप्लासिया ऑफ इंफेंसी (Neuroendocrine cell hyperplasia of infancy), समय के साथ सुधर भी सकते हैं।

    चिल्ड्रन इंटरस्टिशियल डिजीज (Children’s interstitial lung disease) वाले बच्चों की विशेष जरूरतें हो सकती हैं। अपने बच्चे और अपने परिवार के बाकी सदस्यों का सपोर्ट करने के तरीकों के बारे में टीचर्स, परिवार के सदस्यों और अन्य पेरेंट्स के साथ बात करना अच्छा साबित हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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