हाय बीपी की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। आजकल की स्ट्रेसफुल लाइफ और बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल के कारण हाय बीपी की समस्या से ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। हाय बीपी के कारण न सिर्फ वैसल्स में ब्लड प्रेशर का दबाव बढ़ जाता है, बल्कि हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हाय बीपी का खतरा बढ़ जाता है। हाय बीपी से छुटकारे के लिए लोग मेडिसिंस लेते हैं लेकिन फिर भी तनाव या स्ट्रेस लेना नहीं छोड़ते हैं। अगर आप तनाव को कम नहीं कर रहे हैं, तो ये एक नहीं बल्कि कई बीमारियों को जन्म देने का काम करता है। मेडिटेशन करने से शरीर को रिलेरक्स फील होता है और व्यक्ति कुछ समय के लिए सभी परेशानियों से बाहर आ जाता है। हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) का सहारा लिया जा सकता है। हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) कैसे फायदा पहुंचाता है, इस बारे में कुछ स्टडी भी हो चुकी है। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हम हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) के बेनिफिट्स के बारे में जानकारी देंगे।
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हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP)
एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation) को अगर रोजाना किया जाए, तो हाय बीपी वाले पेशेंट में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं। ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन में आराम से बैठना और आंखों को करीब 20 मिनट तक बंद करना शामिल है। इसे दिन में दो बार किया जा सकता है। अगर इसे रेगुलर अपनाया जाए, तो शरीर में जीन स्टिमुलेट होता है और जो टेलोमेरेज उत्पन्न होता है, जो बीपी को लो करने के साथ ही मृत्यु दर को कम करने का काम भी काम करता है। प्री हायपरटेंशिव और हायपरटेंशिव व्यक्तियों में (Pre-hypertensive and hypertensive individuals) मेडिटेशन के फायदे अधिक देखने को मिल सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दो-तिहाई हाय ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्तियों के बीपी लेवल को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, लगभग 30% वयस्क अपने उच्च रक्तचाप से अनजान रहते हैं, और उच्च रक्तचाप वाले 40% से अधिक लोग ट्रीटमेंट प्राप्त नहीं कर रहे हैं
हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) के बारे में जानने से पहले आपको मेडिटेशन के बारे में समझना जरूरी है। मेडिटेशन टेक्नीक तेजी से पॉपुलर प्रैक्टिस बन रही है। ये टेक्नीक हाय बीपी को कम करने का काम करती है। इस संबंध में कई स्टडीज हो चुकी हैं। अगर आपको हाय बीपी की समस्या है, तो आप दवाओं के सेवन के साथ ही मेडिटेशन भी कर सकते हैं। पब्लिश लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल ( PLOS journal) में प्रकाशित खबर के मुताबिक माइंडफुलनेस प्रैक्टिस आपके हाय बीपी को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। ये सायकोलॉजिकल वरी को कम करने के साथ ही स्ट्रेस को भी दूर करने में मदद करता है। माइंडफुलनेस क्रॉनिक कंडीशन जैसे कि हायपरटेंशन या हाय ब्लड प्रेशर के पेशेंट के अच्छे परिणाम देता है।
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हाय बीपी के लिए मेडिटेशन: माइंडफुलनेस (Mindfulness) क्या है?
माइंडफुलनेस (Mindfulness) की परिभाषा क्या होती है, इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। एक लाइन में कहा जाए हमेशा खुश रहने का तरीका माइंडफुलनेस होता है। हमारे आसपास बहुत सी घटनाएं घटती हैं। कुछ लोग आसानी से चीजों को समझते हुए डिसीजन लेते हैं, वहीं कुछ लोग जरा सी बात में घबरा जाते हैं और स्ट्रेस लेने लगते हैं। ऐसे में माइंडफुलनेस (Mindfulness) थेरिपी के जरिए खुद के माइंड को स्थिर रखा जा सकता है। जो लोग ध्यान करते हैं, उनका माइंड स्थिर रहता है और वो किसी भी घटना को हैंडल करने का बेहतर तरीका सीख जाते हैं। ऐसे लोग घबराते नहीं है।
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अगर आप खुश रहते हैं, तो आपका स्ट्रेस तो वैसे ही दूर हो जाता है और स्ट्रेस के साथ ही भविष्य में हो ने वाली कई बीमारियों से भी आप छुटकारा पा सकते हैं। माइंडफुलनेस (Mindfulness) को अपनाने के लिए आपको माइंडफुल ब्रीथिंग, माइंडफुल लिसनिंग और उन विचारों को जीवन में अपनाना शामिल होता है, जो आपको खुशी देते हैं। माइंडफुलनेस (Mindfulness) जहां एक ओर टेंशन यानी तनाव (Tention) से मुक्ति दिलाने का काम करती है, वहीं लोगों को मेमोरी भी बढ़ती है और कॉन्संट्रेशन में भी दिक्कत नहीं होती है। इमोशनल स्टेबिलिटी में भी माइंडफुलनेस अहम भूमिका निभाती है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किस तरह से हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) अपना असर दिखाता है।
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तो क्या मेडिटेशन से मिल जाता है हाय ब्लड प्रेशर से छुटकारा?
अमेरिकन स्ट्रोक असोसिएशन की मानें, तो पूरी दुनिया में हर साल करीब 17 मिलियन से अधिक लोग कार्डियोवस्कुलर डिजीज के कारण मर जाते हैं। अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) कैसे हार्ट की बीमारी पैदा करता है और फिर जानलेवा बन जाता है। हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) का मुख्य कारण स्ट्रेस हो सकता है। अगर व्यक्ति स्ट्रेस में नियंत्रण पा ले, तो हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) को मात दी जा सकती है।हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP ) को लेकर अभी भी स्टडी चल रही हैं कि किस तरह से मेडिटेशन हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) को कम करने में मदद करता है। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या है, तो आपको सिर्फ मेडिटेशन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
जैसे कि आप रोजाना खाते हैं, सोते हैं, ठीक उसी प्रकार से आप मेडिटेशन को भी अपनी जरूरी आदतों में शामिल कर सकते हैं। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) डायग्नोज हुआ है, तो खानपान में बदलाव के साथ ही नियमित दवाओं का सेवन भी करें। आपको अपनी लाइफस्टाइल में भी सुधार करने की जरूरत है। आप रोजाना मेडिटेशन के साथ ही एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। अगर आप स्ट्रेस को दूर करने के लिए स्मोकिंग करते हैं, तो तुरंत इससे दूरी बना लें क्योंकि ये आपके हार्ट को नुकसान पहुंचा सकती है। आपको एल्कोहॉल से भी दूरी बनानी चाहिए। अगर आपको फिर भी मेडिटेशन से संबंधित अन्य जानकारी चाहिए, तो आप डॉक्टर से इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
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आपको एक डायरी मेंटेन करनी चाहिए, जिसे आप अपनी दिनचर्या लिख सके और साथ ही वो काम भी लिखें, जो करने से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। देर रात तक जागना, मोबाइल देखना, लोगों से बात न करना, दोस्त न बनाना, अपने मन की बातें न शेयर करना आदि भी स्ट्रेस का कारण बन सकते हैं। आपको ऐसे लोगों से दोस्ती बढ़ानी चाहिए, जो आपको सकारात्मक ऊर्जा दें। अपने आसपास ऐसा वातावरण तैयार करें, जहां आपको स्ट्रेस नहीं बल्कि खुशी मिले। कुछ तरीकों को अपनाकर आप खुद को स्ट्रेस से दूर रखने में मदद कर सकेंगे।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको हाय बीपी के लिए मेडिटेशन (Meditation for high BP) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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