दिल का दाैरा यानि की हार्ट फ्लयोर, इसके बारे में बहुत लोग जानते हैं, लेकिन फिर भी वो इससे बच नहीं पाते हैं। ऐसे कई केस मेरे पास आते हैं, जिसमें दिल के दौरे के कारण मरीज की मौत हो जाती है और मरीज के घर वाले कुछ समझ नहीं पाते हैं। इसका कारण प्रीमैच्योर आर्टरी डिजीज (Premature artery disease) हो सकती हैं। पिछले कुछ दिनों पहले ही मेरे पास ऐसे केस आए थें, जिसमें एक युवा व्यवसायी नेरस डिसूजा अपन काम से लौटने के बाद अपनी पत्नी से कहने लगें कि कि वह पूरे दिन बेचैनी महसूस कर रहे थें। लेकिन इससे पहले कि उसकी पत्नी उनके पास पहुंच पाती, नेरस गिर पड़ा। जब तक उनकी पत्नी अपने डॉक्टर को बुला पाती, तब तक नेरस का निधन हो चुका था। डॉक्टर ने उसकी पत्नी को बताया कि नेरस को भारी दिल का दौरा पड़ा था। इसी तरह, 29 वर्षीय सुशांत, एक साउंड इंजीनियर, एक प्रोजेक्ट पर 3 दिनों से लगातार काम कर रहा था। महामारी ने उसके करियर पर पहले ही भारी असर डाला था। प्रोजेक्ट के तीसरे दिन ही, वह अपने स्टूडियो टेबल पर गिर पड़ा और उनका भी हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। ऐसे कई केसेज मेरे पास आते हैं, जिसमें अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की जान जा चुकी होती थी। आपने भी अपने आप पास कई ऐसे केस सुने भी होंगे शायद।