राजमा (Kidney Beans) एक किस्म की फली है। इसका बोटैनिकल नाम फेजोलस वल्गरिस (Phaseolus vulgaris) है, जो कि फली (Legumes) परिवार से ताल्लुक रखता है। यह फसल मूल रूप से मध्य अमेरिका और मैक्सिको में उगाई जाती है। लेकिन, इसके स्वाद और पौष्टिक गुण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी पैदावार होने लगी है।
भारत में इसे काफी पसंद की जाने वाली डिश है। जो कि सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं है, बल्कि इसमें काफी मात्रा में पोषण पाया जाता है। यह फाइबर, कार्ब्स और प्रोटीन प्राप्त करने का एक अच्छा स्त्रोत है। यह कई तरह के रंग और पैटर्न में उपलब्ध होता है, जैसे- सफेद, लाल, चितकबरा आदि।
मीट या अन्य प्रोटीन सोर्स कोलेस्ट्रॉल में उच्च होते हैं के रिप्लेसमेंट के रूप में खाए जाने पर किडनी बीन्स स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करना हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने का एक तरीका है। किडनी बीन्स प्रोटीन सोर्स के रूप में उपयोग करने के लिए लाभप्रद है इसमें सेम की अन्य किस्मों की तुलना में थोड़ा कम वसा और संतृप्त वसा होता है, लेकिन फाइबर और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
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यह एक किस्म की फली होती है, जो मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, विटामिन बी9, आयरन पोषक तत्वों से भरपूर है। इसका इस्तेमाल निम्नलिखित स्थितियों या समस्याओं में किया जाता है।
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100 ग्राम उबले राजमा में निम्नलिखित पोषण होता हैः
राजमा में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है। इसमें लेक्टिन जैसे प्रोटीन और प्रोटीज इनहिबिटर भी होते हैं। हालांकि, इसमें मौजूद फेजियोलिन से कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
इसमें में एमाइलोज स्टार्ट होता है, जो धीरे-धीरे पचता है। जिस वजह से यह दूसरे स्टार्च के मुकाबले कम और देर से ब्लड शुगर बढ़ाता है। जिस वजह से यह फली टाइप 2 डाइबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है।
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राजमा का इस्तेमाल करने से पहले निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें:
सुरक्षा के लिहाज से इसके सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको उसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डाइटीशियन से बात कीजिये।
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हालांकि, जरूरी नहीं कि सभी को इन साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़े। इसके अलावा किसी को अन्य साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ सकता है, जो यहां न हीं बताए गए हैं। अगर आपको साइड इफेक्ट्स को लेकर कोई शंका है, तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से परामर्श करें।
राजमा आपकी मौजूदा दवाओं या मेडिकल कंडिशंस पर असर डाल सकता है। उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट, फार्मसिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें। अगर आप किसी विशेष कंडिशन से ग्रसित है तो इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
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किडनी में पथरी (Kidney stone) के लिए– 500 ग्राम राजमा को रात पर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसे 2 लीटर पानी में तब तक उबालिए, जब तक कि राजमा पानी में घुल न जाए। इसके बाद, जब भी आपको प्यास लगे, तो इस पानी को पीजिए।
हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए (High cholesterol)– यह कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है, इसलिए आप कभी भी इसका सेवन मर्जी अनुसार कर सकते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के लिए– राजमा का नियमित सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस दूर होता है और हड्डियां मजबूत बनती हैं।
इसकी खुराक हर किसी के लिए अलग अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। कृपया अपनी उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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राजमा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
उम्मीद करते हैं कि आपको राजमा का उपयोग और इसके फायदे से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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