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कोरोना से होने वाली फेफड़ों की समस्या डॉक्टर्स के लिए बन रही है पहेली

कोरोना से होने वाली फेफड़ों की समस्या डॉक्टर्स के लिए बन रही है पहेली

दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ज्यादातर मरीजों में सर्दी-जुकाम के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। साथ ही निमोनिया के लक्षण भी दिख रहे हैं। कोरोना का संक्रमण होने के कारण फेफड़ों में अधिक म्यूकस बनने की समस्या सामने आ रही है और साथ ही पेशेंट को सांस लेने में समस्या भी हो रही है। जो डॉक्टर्स अधिक रोगियों का इलाज कर रहे हैं, उनमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टर्स नोटिस कर रहे हैं कि किस तरह से कोरोना के संक्रमण के कारण लोगों के लंग्स डैमेज हो रहे हैं। हॉस्पिटल में ऐसे पेशेंट भी आ रहे हैं, जिनके ब्लड में लो ऑक्सीजन लेवल था, लेकिन उनको इस बारे में जानकारी नहीं थी। कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम होना डॉक्टर्स के लिए पहेली बनता जा रहा है।

कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम के दौरान क्या होता है ?

अभी तक कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों के फेफड़ों में म्युकस जमने की समस्या सामने आ रही थी। कुछ डॉक्टर्स को नए लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। कहने का मतलब साफ है कि संक्रमण के कारण पेशेंट सांस लेने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं थी, लेकिन जब उनकी जांच की गई तो पता चला कि उनके ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम था। डॉक्टर कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम की इस उलझन को सुलझा नहीं पा रहे हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर ब्लड में ऑक्सीजन कम है तो व्यक्ति को सांस लेने में समस्या महसूस होनी चाहिए। कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम होना मुख्य लक्षण के रूप में सामने आ रहा है, ऐसे में डॉक्टर्स को ये बात परेशान कर रही है कि लोगों को संक्रमण होने पर भी किसी तरह की परेशानी क्यों नहीं हो रही है।

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कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम : जांच के दौरान सामने आई ये बात

कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम होना प्रमुख लक्षण है, इसलिए डॉक्टर्स ने पेशेंट की जांच की। डॉक्टर ने सीटी स्कैनर या एक्स-रे मशीन की सहायता से फेफड़ों की जांच की। रिजल्ट में फेफड़े हेल्दी दिख रहे थे, लेकिन फेफड़ों के कुछ हिस्सों में संक्रमण के कारण कुछ स्पॉट भी साफ नजर आ रहे थे। फफड़ों का ज्यादातर हिस्सा काला और भरा हुआ नजर आ रहा था। न्यूयार्क में कोविड-19 पेशेंट का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है पेशेंट के फेफड़ों को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे कि पेशेंट 30,000 फीट पर एक विमान में फंस गए हों और केबिन का दबाव धीरे-धीरे खत्म कर दिया गया हो। एमरजेंसी रूम में काम कर रहे एमडी डॉ कैमरन काइल-सिडल ने अपने इस अनुभव को फेसबुक में साझा किया। ऑरोरा में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर टॉड बुल कहते हैं कि इस प्रकार के रोगियों में खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है, लेकिन फेफड़े स्वस्थ्य दिखाई देते हैं। कोरोना वायरस के लक्षण रोगियों में अलग-अलग नजर आ रहे हैं।

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जर्मनी में गोटिंगेन विश्वविद्यालय गेस्ट प्रोफेसर और एमडी लुसिआनो गट्टिनोनी कहते हैं कि उन्होंने जब इटली में कोरोने के पेशेंट का इलाज किया था तब वहां मुझे जांच के दौरान कई ऐसे पेशेंट मिले थे, जिन्हें सांस लेने में कोई समस्या नहीं, लेकिन उनके खून में ऑक्सीजन का लेवल बहुत कम था। लुसिआनो गट्टिनोनी के अनुसार, करीब 30 प्रतिशत कोविड-19 पेशेंट को एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के क्लासिक सिम्टम्स पाएं गए। इमेजिंग स्केन के दौरान इन रोगियों के लंग्स क्लाउडी थे। साथ ही फेफड़ें सही तरह से काम भी नहीं कर रहे थे। वहीं कुछ पेशेंट ऐसे भी थे जिनके ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम था और उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। डॉक्टर को पेशेंट में इंफ्लुएंजा और सार्स जैसे रेस्पिरेट्री डिसीज भी पेशेंट में दिखी।

कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम : वेंटिलेटर का उपयोग करते समय सावधानी

COVID-19 के सभी रोगियों को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन जिन लोगों को सांस लेने में समस्या होती है, उनके लिए वेंटिलेटर जरूरी हो जाता है। लेकिन कोविड-19 पेशेंट को लेकर डॉक्टर परेशानी का सामना कर रहे हैं। वेंटिलेटर यूज करने के दौरान अगर फेफड़ों में अधिक दबाव हो जाए तो फेफड़े के एयर सैक को नुकसान भी पहुंचा सकता है। एमडी डॉ. माइकल मोनिंग के अनुसार, वाकई में ये बहुत ही नाजुक स्थिति है जब कोरोना पेशेंट को वेंटिलेटर में रखा जाता है क्योंकि कई बार वेंटिलेटर से भी पेशेंट को नुकसान पहुंच जाता है। जब सामान्य तौर पर कोई व्यक्ति सांस लेता है तो निगेटिव प्रेशर के कारण लंग्स एक्सपेंड करते हैं। लेकिन वेंटीलेटर का यूज करने के बाद लंग्स को पॉजिटिव प्रेशर झेलना पड़ता है। वेंटिलेटर फेफड़ों में हवा भरने का काम करता है।

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कोरोना वायरस से सावधानी

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लोगों में दिन प्रति दिन अलग लक्षण महसूस किए जा रहे हैं। कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम अधिक होने पर जान भी जा सकती है। बुजुर्ग व्यक्तियों में कोरोना के संक्रमण का असर अधिक दिखाई देता है। कोरोना से बचने का सबसे सही तरीका यह कि आप अचानक से दिखने वाले लक्षणों को नजर अंदाज न करें। कुछ बातों का ध्यान रख कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। कोरोना से लंग्स प्रॉब्लम की समस्या अगर आप महसूस कर रहे हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

  1. अपने हाथों को हर कुछ देर में साफ करें। हाथों की साफ सफाई का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
  2. यदि आपको किसी से बेहद जरूरी मिलना है तभी मिलें वरना घर से बाहर निकलना एवॉइड करें
  3. अपने चेहरे पर जैसे आंखों, नाक और मुंह को टच न करें। चेहरे को छूने से कोरोना वायरस का संक्रमण आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
  4. अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह कवर करें कि उसमें किसी भी तरह का गैप न रहे।
  5. एक बार इस्तेमाल किए गए मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें।
  6. मास्क को पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
  7. इस्तेमाल के बाद मास्क को तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

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डिस्क्लेमर

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(Accessed on 8/4/2020)

Doctors Puzzle Over COVID-19 Lung Problems

https://www.webmd.com/lung/news/20200407/doctors-puzzle-over-covid19-lung-problems

Doctors Puzzle Over COVID-19 Lung Problems

What happens to people’s lungs when they get coronavirus?

https://www.theguardian.com/world/2020/apr/07/what-happens-to-lungs-coronavirus-covid-19

COVID-19 Protecting Yourself and Loved Ones During the Coronavirus D

https://www.lung.org/blog/update-covid-19

Current Version

03/06/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Mona narang


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

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