कोरोना वायरस के समय में लोग अपनी जान बचाने के लिए हर उपाय करना चाहते हैं। सोशल मीडिया, टीवी, न्यूज पेपर या कहीं से भी मिली किसी भी जानकारी को लोग तुरंत अमल में लाते हैं, ताकि इस महामारी से उनका बचाव हो सके। ऐसी ही एक खबर कई लोगों को मिल रही है कि सिर की जूं (लीख) के इलाज के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली दवाई आइवरमेक्टिन से कोविड-19 को भी खत्म किया जा सकता है। हो सकता है कि आपको भी ऐसी न्यूज मिली हो और आप ऐसे उपाय को आजमाना चाह रहे हों। आपको यह सलाह है कि कोरोना वायरस का ड्रग मानकर उपाय करने से पहले यह खबर जरूर पढ़ लें।
कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन : ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 को खत्म करने का दावा
भारत में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण लोगों में डर भी बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिक कोरोना वायरस के इलाज के लिए अलग-अलग ड्रग की खोज कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में रॉयल मेलबर्न हॉस्पिटल के विक्टोरियन संक्रामक रोग विभाग के लैबोरेटरी के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए गए एक शोध में यह दावा किया गया है कि कोविड-19 को खत्म करने के लिए सिर की जूं (लीख) की ड्रग आइवरमेक्टिन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन : लैब में कोविड-19 पर किया गया शोध
आइवरमेक्टिन नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को कम करने के साथ-साथ उसे खत्म कर सकती है कि नहीं। इसको लेकर ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने विशेष प्रयोग किए। वैज्ञानिकों ने पहले यह जानना चाहा कि यह दवाई कोरोना वायरस के खिलाफ कैसा असर दिखाता है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने पहले कुछ कोशिकाओं को कोविड-19 वायरस से संक्रमित किया। इसके बाद इन संक्रमित कोशिकाओं पर सिर की जूँ (लीख) की दवाई आइवरमेक्टिन डाली गई।
कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन : 48 घंटों में कोविड-19 को खत्म करने का दावा
शोध में वैज्ञानिकों ने देखा कि आइवरमेक्टिन दवाई के कारण केवल 24 घंटों में वायरस की संख्या में बहुत कमी हो गई। इतना ही नहीं, इसके अगले 24 घंटों में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) पूरी तरह खत्म हो गया। वैज्ञानिकों ने यह परीक्षण पेट्री डिश में किया था। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस दवाई में शक्तिशाली एंटीवायरल तत्व होते हैं, जो लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिकों ने शोध के अंत में पाया कि आइवरमेक्टिन की केवल एक खुराक ने वायरस को सफलतापूर्वक खत्म कर दिया। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि कोविड-19 को 48 घंटे से भी कम समय में पूरी तरह से खत्म करना एक बेहतर परिणाम है।
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कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन : शोध के परिणाम से उत्साहित हुए वैज्ञानिक
अभी दुनिया भर के वैज्ञानिक नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को कम करने और कोविड-19 को खत्म करने के उपाय ढूंढ़ने में जुटे हैं, लेकिन अभी तक किसी को भी कामयाबी नहीं मिली है। इस परिस्थिति में इस अध्ययन की सफलता को दुनिया भर में आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है। इन वैज्ञानिकों की दुनिया भर में चर्चा हो रही है।
कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन : मानव परीक्षण की सफलता का इंतजार
शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो आइवरमेक्टिन दवाई मानव के उपयोग के लिए सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन इसका नोवल कोरोना वायरस संक्रमण वाले रोगियों पर कितना असर होता है, यह देखने की बात है। इस बात की जांच करना अभी बाकी है और जांच की जा रही है। अगर जांच में आइवरमेक्टिन दवाई का मानव परीक्षण सफल हो जाता है, तो यह कोरोना वायरस की दवा बन सकता है और इससे नोवल कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म किया जा सकता है।
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कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन : दवाई में न्यूक्लियर ट्रांसपोर्ट को रोकने की क्षमता
आइवमेक्टिन को लेकर शोधकर्ताओं का मानना है कि इसे कोरोना वायरस का ड्रग माना जा रहा है, क्योंकि इस दवाई में न्यूक्लियर ट्रांसपोर्ट को रोकने की क्षमता होती है और इसकी यही खूबी इसे कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी बनाती है। आसान शब्दों में इसे ऐसे समझें कि यह दवाई प्रोटीन को वायरस के अंदर गतिशील करने वाली प्रक्रिया को रोकने का काम करती है।
एंटी-वायरल तत्वों के कारण ड्रग का प्रभाव सकारात्मक
साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के डॉ. काइली वागस्टाफ ने भी आइवरमेक्टिन में एंटी-वायरल तत्वों की खोज की थी। हालांकि विशेषज्ञों ने लोगों को आइवरमेक्टिन को कोरोना वायरस का दवा मानकर इसे सेवन न करने की सलाह दी। लोगों को यह भी सलाह दी गई कि जब तक मानव परीक्षण सफल नहीं होता है, तब तक मानकर न तो इसका इस्तेमाल करें और न इसे स्टॉक करें।
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कोरोना वायरस का ड्रग आइवरमेक्टिन से सिर की जूं (लीख) का होता है इलाज
आइवरमेक्टिन (Ivermectin) दवाई मुख्य रूप से सिर के जूं (लीख) के इलाज के लिए क्रीम और लोशन के रूप में उपयोग की जाती है। इसके अलावा इसका उपयोग मनुष्यों, पालतू जानवरों और पशुओं में परजीवियों से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए भी किया जाता है।
कोरोना वायरस का दवा कहे जाने वाले आइवरमेक्टिन का प्रयोग इससे पहले भी दूसरी बीमारियों पर किया गया था। इस दवाई का एचआईवी (HIV), डेंगू (Dengue), इन्फ्लूएंजा (Influenza), जीका वायरस (Zika virus) सहित विट्रो (vitro) और दूसरे वायरस पर बेहतर असर हुआ था।
अभी जिस तरह दुनिया भर में नोवल कोरोना वायरस संक्रमण फैला हुआ है और कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, उस परिस्थिति में आइवरमेक्टिन को लेकर लोगों को थोड़ी आशा जरूर हुई है। इसके बाद भी हमारी यही सलाह है कि आप इसे कोरोना वायरस की दवा मानकर इस्तेमाल न करें। मानव पर हो रहे परीक्षण के परिणाम का इंतजार करें और नोवल कोरोना वायरस संक्रमण होने पर डॉक्टर की सलाह लें। आपको बताते चले की कोरोना वायरस वैक्सीन का ह्युमन ट्रायल शुरू हो चुका है, अब देखना ये है कि कब तक वैक्सीन बनकर तैयार हो जाती है। डॉक्टर्स समय-समय पर कोरोना से सुरक्षा के लिए परामर्श देते हैं, उन्हें ध्यान से सुने।
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हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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