backup og meta

कोविड में आइवरमेक्टिन एक प्रभावी मेडिसिन है: एक्सपर्ट की राय

Written by डॉ. सूर्य कान्त · रेस्पिरेटरी थेरिपी · किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ


अपडेटेड 12/05/2021

    कोविड में आइवरमेक्टिन एक प्रभावी मेडिसिन है: एक्सपर्ट की राय

    कोरोना की दूसरी लहर और कोरोना वायरस के चपेट के लोगों के शिकार हो रहे आंकड़े किसी से छुपे नहीं है। कोविड-19 के बढ़ते मामले कंट्रोल होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। तो ऐसे में कोविड पेशेंट के लिए कोविड-19 एक मायावी शत्रु के रूप में प्रकट हुआ है, जो मानवजाति के लिए काफी भयानक साबित हो रहा है। देखा जाए, तो अभी तक के  सूचित मामलों की संख्या में भारत अभी दूसरे स्थान पर है। जहां कोविड के उपचार (COVID Treatment) के लिए नए-नए प्रकार के व्यापक, सस्ते, प्रभावकारी और सुरक्षित चिकित्सीय उपचारों की आवश्यकता है। कोराेना के लिए नई-नई दवाएं भी आ रही हैं। लेकिन उनके प्रयोग का अनुभव बहुत सीमित है और उनकी सुरक्षा एवं प्रभाव के बारे में आंकड़े अभी अपर्याप्त हैं। इसलिए उनपर अभी कुछ ठीक से कहा नहीं जा सकता है। अगर देखा जाए, तो वर्तमान समय में उपचार के ये नए विकल्प न तो आसानी से उपलब्ध हैं और न ही सस्ते हैं। जो कि काफी चिंता का विषय है। हमने कुछ पुराने अणुओं का पुनः अध्ययन किया है और आइवरमेक्टिन का। अगर परिणाम की बात करें, तो कोविड-19 की रोकथाम और उपचार के लिए  आइवरमेक्टिन (Ivermectin) दवा को प्रभावी, सुरक्षित और विकल्प के रूप में पाया है। यानि कि कोविड में आइवरमेक्टिन (Ivermectin in COVID) दवा के सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। पिछले साल से अब तक कोविड में आइवरमेक्टिन (Ivermectin in COVID) के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

    और पढ़ें: कोराेना वायरस (Corona Virus) की दवाओं से लेकर वैक्सीन तक जानिए कैसा रहा अब तक का सफर

    कोविड में आइवरमेक्टिन (Ivermectin in COVID-19)

    कोविड में आइवरमेक्टिन में आइवरमेक्टिन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। सार्स-कॉव2 (SARS-Cov2) संक्रमण के मामलों में आइवरमेक्टिन की प्रभावकारिता के पक्ष में अनेक अध्ययनों का उल्लेख किया है। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित शोध पत्र के अनुसार, आइवरमेक्टिन के प्रयोग से कोरोनावायरस (Corona virus) के मामलों में 24 घंटे के भीतर 93% और 48 घंटे में 99.8% की कमी देखी गई थी। अभी तक 3.7 बिलियन लोगों का उपचार आइवरमेक्टिन (Ivermectin) से किया जा चुका है, जो इसके प्रभावकारी और सुरक्षा क्षमता का प्रमाण है। इसी के साथ बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल द्वारा पिछले साल प्रकाशित एक और अनुसंधान से भी पाया गया कि स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के बीच कोविड-19 के उपचार में आइवरमेक्टिन की आश्चर्यजनक प्रभावकारी परिणाम देखे गएं।

    और पढ़ें: कोविड-19 और सीजर्स या दौरे पड़ने का क्या है संबंध, जानिए यहां

     कोरोनावायरस के इलाज में आइवरमेक्टिन (Ivermectin in coronavirus treatment)  

    इसके अलावा, अमरीकन जर्नल ऑफ थेरप्यूटिक्स(Therapeuticsमें प्रकाशित, कोविड-19 में आइवरमेक्टिन को बड़े पैमाने के 18 चिकित्सीय परीक्षणों  के निष्कर्षों के अनुसार मृत्यु, चिकित्सीय स्वास्थ्य लाभ और वायरस के मिटने में लगने वाले समय में बड़ी, सांख्यकीय रूप से महत्वपूर्ण कमी पाई गई।  जुलाई 2020 में डॉ. सूर्य कान्त ने भारत के कुछ अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर आइवरमेक्टिन पर जोर देते हुए कहा कि आइवरमेक्टिन के असर से संक्रमण (Infection) की प्रतिरूपण दर में कई हजार गुणा तक की कमी आती देखी गई। आइवरमेक्टिन का प्रयोग करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र (Maharashtra), असम और केरल की सरकारों ने भी कोविड-19 को हल्के मामलों के उपचार के लिए अपने प्रोटोकॉल में आइवरमेक्टिन  को सम्मिलित किया। इसके प्रयोग से निःसंदेह इससे उस 40% से अधिक भारतीय आबादी को लाभ होगा। कोविड में आइवरमेक्टिन  (Ivermectin in coronavirus treatment) के सकारात्मक परिणाम देखे

    और पढ़ें: क्यों कोरोना वायरस वैक्सीनेशन हर एक व्यक्ति के लिए है जरूरी और कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

    कोविड में आइवरमेक्टिन की बात करें, तो अभी-अभी मई 2021 में एआईआईएमएस (AIIMS)/आइसीएमआर के कोविड-19 प्रोटोकॉल (COVID-19 Protocol) में भी मरीजों के होम आइसोलेशन (Home isolation) के दौरान और हल्के मामलों में कोविड-19 के उपचार (Treatment of COVID-19) के लिए आइवरमेक्टिन लेने की सलाह दी गई है। अभी आइवरमेक्टिन पर 40 से अधिक चिकित्सीय परीक्षण चल रहे हैं, जिनमें से आठ भारत में हैं। इनमें से एक भी मामले में अभी तक कोई बड़ा साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। इनमें भारत में सबसे प्रतिष्ठित संस्थान, यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली भी शामिल है।

    और पढ़ें: नए साल की पहली खुशखबरी: कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) को आपातकालीन स्थिति में उपयोग करने की मिली मंजूरी

    कोविड में आइवरमेक्टिन : लक्षणों के उपचार में प्रभावी परिणाम (Positive Result)

    इंडियन चेस्ट सोसाइटी के पूर्व प्रेसिडेंट, डॉ. सूर्य कान्त ने कहा कि, आइवरमेक्टिन एक प्रभावकारी ड्रग (Ivermectin Drug) है, क्योंकि यह कोविड संक्रमण के शिकार के पहले और पश्चात के चरणो में , लक्षण नजर आने पर (पल्मोनरी/इंफ्लामेंटरी) चरण सहित संक्रमण के विभिन्न चरणों में अत्यंत प्रभावकारी सिद्ध हुई है।

    अनुशंसित खुराक में आइवरमेक्टिन बहुत सुरक्षित देखी गई है। इस औषधि की खोज काफी पहले वर्ष 1970 में हुई थी और यह एचआईवी (HIV), डेंगू, इन्फ्लूएंजा (Influenza) और जिका वायरस जैसे अनेक रोगों में इलाज के लिए इस्तेमाल हो चुकी है। यह वायरस के प्रवाह को रोक कर वायरल लोड को कम करता है। भारत में अभी आइवरमेक्टिन के अनेक ब्रांड्स हैं, जैसे कि आइवर्सकैब (Iverscab), वर्मैक्ट (Vermact) और  स्काविस्टा (scavista) आदि उपलब्ध हैं। कोविड के उपचार में परीक्षित अनेक अन्य औषधियों के विपरीत आइवर्मेक्टिन लाभकारी प्रमाणित हो चुकी है। यह काफी सस्ती भी है जो सेवन में आसान और पूरी तरह सुरक्षित भी है।

    और पढ़ें: क्या पेंटोप्रोजोल, ओमेप्रोजोल, रैबेप्रोजोल आदि एंटासिड्स से बढ़ सकता है कोविड-19 होने का रिस्क?

    कोविड में आइवरमेक्टिन की बात करें, तो इस दवा की खोज करने वाले जापान के डॉ. सतोषी ओमूरा तथा अमेरिका के डॉ. विलियम सी कैम्पबेल को 2015 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सूर्यकांत ने इसे प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 6 अगस्त 2020 को आईवरमेक्टिन को कोविड-19 से बचाव एवं उपचार में इस्तेमाल को लेकर शासनादेश पारित किया जा चुका है।

    और पढ़ें: National Doctors Day 2020: कोविड-19 से जंग, एक बड़ा चैलेंज है डॉक्टर्स के लिए

    कोविड में आइवरमेक्टिन कैसे लें 

    कोविड में आइवरमेक्टिन को जैसा कि बहुत प्रभावी माना गया है, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम के लिए इसे सही ढंग से  लेना भी उतना ही जरूरी है:

    15 साल से अधिक उम्र वाले इसे आइवरमेक्टिन की-12 मिलीग्राम (Ivermectin 12 mg ) की एक गोली रात में खाना खाने के 2 घंटे बाद तीन दिन तक खाना है।

    बच्चों में यह गोली उनकी मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार डॉक्टर सकी सलाह पर लें। वैसे दो से लेकर दस साल तक के बच्चों को डाक्टर की सलाह पर ही दवा दी जा सकती है।

    दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं (Pregnant women) को, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को या लिवर रोग (Liver disease) से ग्रसित व्यक्तियों को यह दवा नहीं लेनी की सलाह दी जाती है।

    इसके आलावा यदि आपकी कोई मेडिकल हिस्ट्री (Medical History) है या किसी और इंफेक्शन की दवा चल रही है, तो इसे आपको डॉक्टर के सलाह के बाद लेना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    Written by

    डॉ. सूर्य कान्त

    रेस्पिरेटरी थेरिपी · किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ


    अपडेटेड 12/05/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement