परिचय
साल्मोनेला क्या है?
साल्मोनेला उन बैक्टीरिया के समूह को कहा जाता है, जो साल्मोनेला इंफेक्शन या आंत्रिक ट्रैक्ट में सलमोनेलोसिज़ का कारण बनते हैं। यह बैक्टीरिया पेट ख़राब होने, डायरिया, बुखार, पेट दर्द, ऐंठन आदि का कारण बनते हैं। साल्मोनेला इंफेक्शन होने पर आमतौर पर घर पर ही लोग चार से सात दिन में ठीक हो जाते हैं।
यह इंफेक्शन बहुत ही सामान्य है और इसके हर साल लाखों मामले सामने आते हैं। गंभीर मामलों में ही अस्पताल जाने की आवश्यकता होती है। बहुत कम यह मामले जानलेवा होते हैं। साल्मोनेला इंफेक्शन सर्दियों की तुलना में गर्मियों में होना अधिक सामान्य है। इसका कारण यह है कि साल्मोनेला बैक्टीरिया अधिक तापमान में जल्दी पनपते हैं। इसके साथ ही साल्मोनेला कच्चे पोल्ट्री, अंडे, गोमांस, और कभी-कभी बिना पके फल और सब्जियों में पाए जाते हैं। पालतू जानवरों से भी यह इंफेक्शन हो सकता है जैसे साँप, कछुए और छिपकली जैसे रेंगनेवाले जन्तु। जानिए साल्मोनेला इंफेक्शन के कारण, लक्षण, उपचार आदि के बारे में।
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लक्षण
साल्मोनेला का लक्षण क्या है?
साल्मोनेला इंफेक्शन आमतौर पर कच्चा और अधपका मीट, पोल्ट्री, अंडे और अंडे से बने उत्पादों के कारण होता है। अधिकतर साल्मोनेला इंफेक्शन को पेट का फ्लू (आंत्रशोथ) कहा जाता है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- पेट में ऐंठन
- मल में खून आना
- ठंड लगना
- डायरिया
- बुखार
- सिरदर्द
- जी मचलाना
- उल्टी
- चक्कर आना
- इसके साथ ही कुछ लोग जोड़ों में दर्द भी महसूस करते हैं जिसे रिएक्टिव आर्थराइटिस कहा जाता है। यह महीनों या सालों तक रह सकता है और गंभीर आर्थराइटिस बन सकता है।
कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?
- अगर आप सामान्य लक्षणों को एक हफ्ते से अधिक तक महसूस करते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- छोटे बच्चे, बुजुर्ग या जिनकी इम्युनिटी कमजोर है उन्हें इस इंफेक्शन के लक्षण दिखाई देने के तुरंत बाद डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- अगर मल में खून आ रहा हो
- बहुत अधिक बुखार हो
- डिहाइड्रेशन हो
कारण
साल्मोनेला का कारण क्या है?
लोगों और जानवर की आंतों और उनके मल साल्मोनेला पाया जाता है। बैक्टीरिया अक्सर दूषित खाद्य पदार्थों से फैलता है। साल्मोनेला संक्रमण के कारण कुछ इस प्रकार हैं:
- कच्चा और अधपका भोजन जैसे चिकन, बतख, गोमांस, कच्ची सब्जियां और फल इस संक्रमण का कारण हैं।
- अनपाश्चुराइज़ड दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, आइसक्रीम और दही
- कच्चे और अधपके अंडे
- चिकन नगेट्स और पीनट बटर जैसे संसाधित खाद्य पदार्थ
साल्मोनेला सीधेतौर पर इस तरह भी फ़ैल सकते हैं:
- हाथ न धोना: अगर आप अपने हाथ अच्छे से नहीं धोते हैं, खासतौर पर बाथरूम जाने के बाद तो आप इस बैक्टीरिया का शिकार बन सकते हैं।
- पालतू जानवर : जानवर जैसे कुत्ते, बिल्लियां, पक्षी और रेंगने वाले जंतु बैक्टीरिया का वाहक हैं।
जोखिम
साल्मोनेला के जोखिम क्या है?
- बच्चे खासतौर पर पांच साल से छोटे बच्चों में यह इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक रहता है।
- जिन बुजुर्गों या कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में भी यह इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है।
- जो लोग अधिक यात्रा करते हैं खासतौर पर जिन देशों में जहां स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता। उन लोगों में भी साल्मोनेला इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक रहता है।
- जो लोग खास दवाईयां जैसे कैंसर की दवा, स्टेरॉयड आदि लेते हैं वो भी इस इंफेक्शन से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। पेट दर्द रोग होने पर भी यह रोग जल्दी हो सकता है।
- छोटे बच्चों को रेंगने वाले जंतुओं, छोटे पक्षियों आदि के संपर्क में नहीं रखना चाहिए। इससे भी यह साल्मोनेला अधिक फैलते हैं।
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उपचार
साल्मोनेला का उपचार क्या है?
साल्मोनेला इंफेक्शन के निदान के लिए डॉक्टर आपसे पहले लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ आपकी शारीरिक जांच भी कहा जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर आपसे ब्लड टेस्ट या मल का टेस्ट भी करा सकते हैं। किन्ही मामलों में, डॉक्टर रोगी में सही प्रकार के बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए भी एक परीक्षण करा सकते हैं।
स्वस्थ वयस्कों के लिए उपचार :
- अगर आपको डायरिया है तो आपको बहुत अधिक पानी या अन्य तरह के तरल दिए जाएंगे। अगर डायरिया गंभीर है तो डॉक्टर आपको रीहाइड्रेशन तरल या लेपरमाइड (Imodium) आदि भी दे सकते हैं।
- अगर डॉक्टर को पूरी तरह से पता है कि आपको साल्मोनेला इंफेक्शन है तो वो आपको एंटीबायोटिक्स दी जा सकती है। लेकिन, डॉक्टर की सलाह के अनुसार इन्हे लें और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें।
- अगर डॉक्टर को ऐसा लगता है कि साल्मोनेला इंफेक्शन आपकी ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर चुके हैं या आपको गंभीर इंफेक्शन है या आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो इस स्थिति में बैक्टीरिया का नाश करने के लिए एंटीबायोटिक दी जा सकती है। अस्पष्ट मामलों में एंटीबायोटिक्स फायदेमंद नहीं होती।
बच्चों के लिए उपचार :
- अगर आपके बच्चे को यह इंफेक्शन है और बुखार भी अधिक है तो डॉक्टर उसे एसिटामिनोफेन दे सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को अधिक से अधिक पानी और अन्य तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है।
खास मामलों में:
- बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को भी एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।
घरेलू उपाय
साल्मोनेला के लिए घरेलू उपाय क्या है?
- अधकच्चे या कच्चे अंडे या मीट न खाएं। कच्चे फलों और सब्जियों को अच्छे से धो कर ही खाएं।
खाना खाने या पकाने से पहले, बाथरूम जाने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
- खाने को अच्छे से पकाने के बाद ही खाएं।
- साफ़-सफाई का खास ध्यान दें।
- जानवरों, उनके खिलौने और बिस्तर आदि को छूने के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छे से धोएं।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें। इससे साल्मोनेला इंफेक्शन के दौरान होने वाले डायरिया से आपको जल्दी
- छुटकारा मिलेगा।
- शिशु और छोटे बच्चे जो बाथरूम का प्रयोग करना नहीं जानते। उन्हें स्विमिंग पूल में उनके साइज के अनुसार उचित वाटरप्रूफ पैंटस और स्विमिंग नैप्पीज पहनाएं। इसके साथ ही उनकी पैंटस को नियमित रूप से बदलते रहें। ताकि, अगर बच्चा अचानक मल त्याग कर दे तो स्विमिंग पूल कीटाणुरहित रहे।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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