एम्बोलाइजेशन (Embolization)
इस प्रक्रिया में कैथेटर (नली) का यूज किया जाता है। कैथेटर की हेल्प से सिंथेटिक मैटीरियल को ब्लड वैसल्स में पहुंचाया जाता है। इस मैटीरियल की वजह से किडनी में ब्लड की सप्लाई बंद हो जाती है और ऑक्सिजन और न्युट्रिएंट्स भी नहीं पहुंच पाते हैं। इस कारण से ट्युमर सिकुड़ने लगता है।
क्रायोअब्लेशन (Cryoablation)
क्रायोअब्लेशन की प्रोसेस में डॉक्टर ट्युमर में छोटे चीरे लगाकर निडिल इंसर्ट करता है। निडिल में गैस होती है जो कैंसर कोशिकाओं को फ्रीज करने का काम करती है। फिर कोशिकाओं को गर्म करने का काम किया जाता है। ऐसा करने से कोशिकाएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। ये प्रक्रिया दर्दनाक हो सकती है। ऐसा करने से अच्छी सेल्स भी डैमेज हो सकती हैं, साथ ही ब्लीडिंग और इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है।
कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
कीमोथेरेपी में पावरफुल ड्रग का यूज किया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें समाप्त करने का काम करती है। कीमोथेरेपी की हेल्प से कैंसर प्रोग्रेस को रोका जा सकता है। ये दवाएं अक्सर पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं और शरीर में प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ते हैं। एक बार उपचार खत्म हो जाने के बाद साइड इफेक्ट भी खत्म हो जाते हैं।
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इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
इम्यूनोथेरेपी की हेल्प से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है ताकि वो कैंसर से लड़ने में सक्षम हो सके। इसके साइड इफेक्ट के रूप में मतली, ठंड लगना, शरीर का टेम्परेचर बढ़ना और भूख कम लगना आदि समस्या हो सकती हैं।
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टार्गेट थेरेपी (Targeted therapy)
टार्गेट थेरेपी की हेल्प से स्पेसिफिक जीन को टार्गेट किया जाता है जो कैंसर के विकास में अहम रोल अदा करते हैं। थेरेपी की हेल्प से उन फंक्शन को भी इंटरप्ट किया जाता है, जो कैंसर ग्रोथ के लिए जिम्मेदार होते हैं।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy)
रेडिएशन थेरेपी का यूज आमतौर पर गुर्दे में कैंसर में नहीं किया जाता है। लेकिन रेडिएशन थेरेपी की हेल्प से कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकता है। रेडिएशन की हेल्प से ट्युमर सिकुड़ जाता है। रेडिएशन के साइड इफेक्ट के रूप में मतली और थकान की समस्या शामिल हो सकती है।
अगर आपको भी उपरोक्त दिए गए लक्षणों में से किसी का एहसास होता है तो बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। कैंसर का सही ट्रीटमेंट तभी हो पाता है, जब उसका जल्द पता चल जाए। गुर्दे में कैंसर की अधिक जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।