के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
गामा ओराइजनाॅल एक पदार्थ है, जो चावल की भूसी के तेल (राइस ब्रैन ऑयल) से निकाला जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ओराइजा सेटाइवा है। इसे राइस ब्रैन वैक्स और राइस ब्रैन प्रोटीन भी कहा जाता है। यह गेहूं के चोकर और कुछ फलों और सब्जियों में भी पाया जाता है। लोग इसका उपयोग औषधि के रूप में करते हैं। जापान में इसको मेनोपॉज के लक्षण, एंग्जायटी, पेट खराब और उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए प्रयोग किया जाता है। यूएस में इसे स्पोर्ट्स सप्लीमेंट और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इन परेशानियों के लिए इसके इस्तेमाल को लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।
कोलेस्ट्रॉल को करे कम
इसमें कई ऐसे रसायन पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम करने में मददगार है। गामा ओराइजनाॅल आंत कोशिकाओं द्वारा कोलेस्ट्रॉल को अवरुद्ध करता है। ये HMG-CoA रिडक्टेस नामक एंजाइम को कम करता है जो कोलेस्ट्रॉल उत्पादन को बढ़ावा देता है।
ऐथिरोस्क्लेरोसिस से बचाव
चूहों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि गामा ओराइजनाॅल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ एओर्टिक फैटी स्ट्रीक्स को कम करता है। बता दें, फैटी स्ट्रीक्स धमनियों के सख्त होने का संकेत हैं।
मांसपेशियों को बनाए मजबूत:
एक शोध में मालूम हुआ गामा ओराइजनाॅल को देने से बेंच प्रेस और लेग कर्ल के परिणामों में सुधार हुआ। इससे पता चलता है कि इसे लेने से मांसपेशियों की ताकत में सुधार हो सकता है। हालांकि एक दूसरे शोध में ऐसा नहीं देखा गया। इस पर अधिक शोध की जरूरत है।
डायबिटीज में फायदेमंद:
गामा ओराइजनाॅल ग्लूकोज लेवल में सुधार करता है। ये ग्लूकोज-उत्तेजित इंसुलिन रिलीज बढ़ाने के लिए सीधे पैंक्रियाटिक सेल्स पर असर डालता है। जिससे ब्लड में मौजूद शुगर लेवल कंट्रोल रह सकता है।
एंटीकैंसर प्रोपर्टीज:
गामा ओराइजनाॅल में कई ऐसे रसायन होते हैं जो कैंसर से बचाव में मदद करते हैं। इसमें Cycloartenol ferulate नामक रसायन होता है जो स्किन ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है।
स्किन के लिए फायदेमंद:
एंटी-ऑक्सिडेंट्स गुणों से भरपूर होने के कारण ये झुर्रियों और त्वचा पर बुढ़ापा आने से रोकता है। यही नहीं त्वचा संबंधी अन्य परेशानियों से बचाने में मदद करता है।
इन परेशानियों में भी है मददगार:
इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी भी दूर हो सकती है।
गामा ओराइजनाॅल कैसे काम करता है इसके बारे में अधिक शोध करने की जरूरत है। हालांकि, कई शोध में पाया गया कि ये खाद्य पदार्थों से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। मेनोपोज के लक्षण को कम करने में ये कैसे मदद करता है इस बारे में अभी भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन पर प्रभाव के कारण फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लमेटरी और एंटीकैंसर प्रोपर्टीज हमें कई तरह से फायदा पहुंचाती हैं।
निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। गामा ओराइजनाॅल का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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गामा ओराइजनाॅल का सीमित मात्रा में सेवन करना सुरक्षित है। कुछ लोगों को इससे निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
जरूरी नहीं सभी में ये साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। इनसे अलग साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अगर आपको इसकी अधिक जानकारी चाहिए, तो एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।
वैज्ञानिक अनुसंधान में गामा ओराइजनाॅल की निम्नलिखित खुराक का अध्ययन किया गया है:
मुंह से दवा के तौर पर लेने के लिए:
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए: आमतौर पर इसे रोजाना 300 मिलीग्राम की सलाह दी जाती है। एके शोध के अनुसार रोजाना 100 मिलीग्राम की तीन डोज ले सकते हैं।
गामा ओराइजनाॅल की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इसका इस्तेमाल न करें।
गामा ओराइजनाॅल निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
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