के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
पोकवीड एक जंगली पौधा है। इसका साइंटिफिक नाम Phytolacca Decandra है। मूलतः यह पौधा अमेरिका का है लेकिन, कई यूरोपीय देशों में भी यह उगता है। इसकी फलियों, पत्तों और जड़ों का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए होता है। यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है। यह सप्लीमेंट अर्क, टिंचर, पाउडर और पुलटिस के तौर पर मार्केट में उपलब्ध भी है। हालांकि, इसकी मात्रा और प्रकार का सेवन स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर किया जाता है। यह बारहमासी जड़ी बूटी एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेंटरी और एंटी-टयूमर गुणों से भरपूर है जो कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में लाभकारी होती है।
और पढ़ेंः डिलिवरी के बाद सूजन के कारण और इलाज
यह स्वाद में तीखी औऱ कड़वी होती है जो प्रतिरक्षा प्रणाली और लसीका प्रणालियों के कार्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करती है। इसकी जड़ का इस्तेमाल मांसपेशियों के दर्द दूर करने, जोड़ों (गठिया) का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही यह नाक, कान, गला और सीने में सूजन की समस्या का भी इलाज कर सकती है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल गले की खराश, लसीका ग्रंथियों की सूजन, ब्रेस्ट में दर्द या सूजन के लिए भी किया जाता है।
पोकवीड का इस्तेमाल निम्नलिखित परिस्थितियों में होता है:
अन्य समस्याओं के लिए पोकवीड का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से संपर्क करें।
रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़े दर्द और सूजन के उपाचार के लिए इसके टिंचर का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए इसका एक या दो सूखा हुआ बेरी लें और पानी के साथ उसे पूरा निगल लें। इससे सिर दर्द को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा, इसके लाल पत्तों को साफ पानी में उबलें फिर उसे निचोड़कर पानी से अगल कर लें। इसके बार दोबारा से उन पत्तों को दूसरे पानी में उबालें और ऐसा तीन से चार बार करें। इसके बार इन उबले हुए पत्तों का इस्तेमाल भोजन में सलाद के रूप में या चाय के रूप में किया जा सकता है।
हालांकि, यह औषधि कैसे कार्य करती है, इस संदर्भ में पर्याप्त शोध उपलब्ध नही हैं। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
और पढ़ें: पीरियड्स के दौरान योनि में जलन क्यों होती है? जानिए इसके कारण और इलाज
निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। पोकवीड का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
और पढ़ेंः जानिए क्यों होती है योनि में खुजली? ऐसे करें उपचार
पोकवीड का हर हिस्सा विशेषकर जड़ सबसे ज्यादा जहरीली होती है।
पोकवीड से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी पोकवीड के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
यह भी पढ़ें: ओरल कैंसर (Oral Cancer) क्या है? जानें इसके लक्षण और रोकथाम के उपाय।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
हर मरीज के मामले में पोकवीड का डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करती है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नहीं होती हैं। पोकवीड के उपयुक्त डोज के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
पोकवीड निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
हालांकि, यह अक्सर टॉपिकल एप्लिकेशन जैसे क्रीम, मलहम और ऑयल्स में भी उपलब्ध होता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या इलाज मुहैया नहीं कराता।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar