ये बीमारी कृमि संक्रमण या फिर अन्य हेल्थ कंडीशन की दवाओं को लेने के कारण हो सकता है। इस कारण से सांस लेने में बहुत अधिक दिक्कत हो सकती है। ये बीमारी अस्थमा से जुड़ी हुई है। इस कंडीशन के ट्रीटमेंट के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड (corticosteroids) का इस्तेमाल किया जाता है। ये बीमारी एक्यूट या शॉर्ट टर्म हो सकती है, जो एडल्ट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम के समान होती है। जिन लोगों ने स्मोकिंग की शुरूआत की है, उन्हें ये बीमारी अधिक परेशान कर सकती है।
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प्राइमरी सिलिअरी डिस्केनेसिया (Primary ciliary dyskinesia)
प्राइमरी सिलिअरी डिस्केनेसिया क्रॉनिक रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है। ये बीमारी असामान्य सिलिया और फ्लागजला के कारण (Abnormal cilia and flagella) होती है। सिलिया बहुत छोटे फिंगर की दिखने वाले स्टिक होते हैं, जो सेल्स से चिपके रहते हैं। ये एयरवेज की लाइनिंग में पाए जाते हैं। ये बीमारी इनफर्टिलिटी का कारण भी बन सकती है। फ्लैगेला का मूवमेंट स्पर्म के फीमेल ऐग की ओर मूवमेंट के लिए जरूरी होता है। जब ये नहीं हो पाता है, तो इनफर्टिलिटी की प्रॉ़ब्लम होने लगती है।
पल्मोनरी एल्वोलर प्रोटीनोसिस (Pulmonary alveolar proteinosis)
ये डिसऑर्डर शरीर से एब्नॉर्मल इम्यून रिस्पॉन्स के कारण होते हैं, जब एक प्रकार का प्रोटीन लंग एयरसेक (Alveoli) में बनता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के लक्षणों में खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकती है। ब्रोन्कोएल्विओलर लैवेज (Bronchoalveolar lavage) प्रोसीजर की मदद से इस बीमारी का पता चलता है। इस प्रोसेस में ब्रोंकोस्कोप (bronchoscope) नामक एक लंबी ट्यूब की मदद से फेफड़ों में तरल पदार्थ को निकाला जाता है और फिर उसकी जांच की जाती है।
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मल्टिपल सिस्टिक लंग डिजीज (Multiple cystic lung disease)
मल्टिपल सिस्टिक लंग डिजीज फेफड़ों में अल्सर के कारण होती है। इस कारण से सांस फूलना, कोलेप्स्ड लंग ( collapsed lung) और लॉन्ग टर्म रेस्पिरेट्री फेलियर शामिल है। इसमें दो कंडीशन शामिल हैं। लिम्फैंजियो लिओमायोमैटोसिस (Lymphangioleiomyomatosis) कंडीशन युवा महिलाओं में अधिक पाई जाती है। बर्ट-हॉग-ड्यूब सिंड्रोम (Birt-Hogg-Dube syndrome) की समस्या उन व्यक्तियों में अधिक होती है, जिनकी कोलैप्स्ड लंग (Collapsed lungs) की समस्या रही हो।
एल्वोलर हेमरेज सिंड्रोम (Alveolar Hemorrhage Syndrome)